पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने माना ‘देश में हो रहा हिन्दुओं व अन्य अल्पसंख्यकों का दमन’

punjabkesari.in Friday, Jul 26, 2024 - 05:02 AM (IST)

विभाजन के बाद पाकिस्तान में रह गए अल्पसंख्यकों के बारे में पाकिस्तान में ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ‘‘पाकिस्तान में हिंदुओं, सिखों तथा अन्य अल्पसंख्यकों को जबरन धर्मांतरण, कन्याओं के अपहरण, जबरन विवाह, हत्या और उनके पूजा स्थलों पर हमलों जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है तथा स्थिति भयावह बनी हुई है।’’‘‘इसके अलावा अहमदिया समुदाय को गंभीर उत्पीडऩ का सामना करना पड़ रहा है जिसमें उनकी धार्मिक प्रथाओं पर कानूनी प्रतिबंध, घृणा भाषण (हेट स्पीच) और हिंसक हमले शामिल हैं। ईसाइयों को रोजगार, शिक्षा व ईशनिंदा के आरोपों में भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है जिसके कारण भीड़ उन पर हिंसा तथा उनके गिरजाघरों पर हमले करती रहती है।’’ 

इसी रिपोर्ट में यह गंभीर टिप्पणी भी की गई है कि ‘‘पाकिस्तान में कानूनी ढांचा धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करता है जिससे उनका हाशिए पर जाना और कमजोरी बढ़ती जा रही है। ईशनिंदा जैसे कानूनों का अक्सर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए दुरुपयोग किया जाता है तथा मनमाने ढंग से गिरफ्तारियां, हिंसा व सामाजिक बहिष्कार किया जाता है।’’ पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग द्वारा ‘दक्षिणी पंजाब में धर्म आधारित भेदभाव’ शीर्षक से एक अन्य रिपोर्ट में भी स्कूलों में हिंदुओं के विरुद्ध भेदभाव किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि : 

‘‘रहीम यार खां के ‘लियाकतपुर’ गांव के सरकारी स्कूल में 30 मुस्लिम छात्रों पर 1 हिन्दू छात्र था और लगभग सभी हिन्दू छात्रों के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव हो रहा था और सभी को पानी पीने के लिए अलग गिलासों का इस्तेमाल करना पड़ता था।’’ ‘‘स्थानीय टी स्टाल वाले तथा अन्य खाने-पीने का सामान बेचने वाले हिन्दू ग्राहकों के लिए अलग बर्तन रखते हैं। यहां तक कि पकौड़े आदि बेचने वाले एक छाबड़ी वाले ने हिन्दू छात्रों के लिए अलग प्लेटें रखी हुई हैं।’’ इस तरह के हालात के बीच पाकिस्तान में एक हिंदू मानवाधिकार कार्यकत्र्ता लाला चमन लाल ने पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा है कि मुसलमानों द्वारा हिंदुओं को गिलासों एवं अन्य बर्तनों का इस्तेमाल भी नहीं करने दिया जाता। लाला चमन लाल के अनुसार : 

‘‘हाल ही में जब मैं रहीम यार खान में अपने परिवार के साथ कहीं जा रहा था तो हम लोग रास्ते में एक जगह पानी पीने के लिए रुके। मैंने जींस और शर्ट पहन रखी थी इसलिए पानी पिलाने वाला मेरे धर्म का अनुमान नहीं लगा सका और उसने मुझे गिलास में पानी दे दिया।’’‘‘परंतु मेरे परिवार के सदस्यों को मारवाड़ी वेशभूषा में देख कर हमारे हिंदू होने का पता चलने पर न सिर्फ उसने मेरे परिवार के सदस्यों को पीने के लिए पानी देने से इंकार कर दिया बल्कि उस गिलास को भी तोड़ डाला जिसमें मैंने पानी पिया था।’’ 

ऐसी ही एक अन्य घटना के विषय में बताते हुए लाला चमन लाल ने कहा, ‘‘एक बार जब मैं एक डिप्टी कलैक्टर के कार्यालय में किसी काम से गया तो पानी पीने के लिए मुझे सांझा गिलास देने से इंकार कर दिया गया।’’इसी सिलसिले में गत 24 जून को पाकिस्तान की नैशनल असैंबली में देश के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को धर्म के नाम पर लक्षित हिंसा का सामना करना पड़ रहा है। उनकी रोज-रोज हो रही हत्याओं पर चिंता जताते हुए ख्वाजा ने कहा, ‘‘हर दिन अल्पसंख्यकों की हत्या हो रही है और पाकिस्तान वैश्विक शर्मिंदगी का सामना कर रहा है।’’

‘‘संवैधानिक सुरक्षा के बावजूद पाकिस्तान में इस्लाम के अंदर छोटे मुस्लिम संप्रदायों सहित कोई भी धार्मिक अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं है। हिंसा के कई पीड़ितों का ईशनिंदा के आरोपों से कोई संबंध नहीं था लेकिन उन्हें व्यक्तिगत आपसी झगड़े की वजह से निशाना बनाया गया तथा ये हत्याएं व्यक्तिगत बदलाखोरी की भावना से उपजी लगती हैं।’’जबकि स्वयं पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिन्दुओं पर अत्याचारों और भेदभाव की स्वीकारोक्ति कर ली है, वहां अल्पसंख्यक समुदाय के दमन पर रोक लगाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान पर दबाव डालना चाहिए।—विजय कुमार  


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