‘संकट की घड़ी में : उलटे-पुलटे बयान देकर’ ‘माहौल बिगाड़ रहे हमारे नेता’

Saturday, May 15, 2021 - 04:24 AM (IST)

हम लिखते रहते हैं कि देश के सभी दलों के माननीय नेताओं को हर बयान सोच-समझ कर ही देना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई बार भाजपा नेताओं को यह नसीहत दे चुके हैं पर इसका असर उन पर नहीं दिख रहा। इस समय जबकि देश महामारी से जूझ रहा है, मात्र पिछले 12 दिनों में ही हमारे नेताओं के अनेक ऐसे उलटे-पुलटे बयान आए हैं जिनके चलते सोशल मीडिया पर उनकी हंसी उड़ाई जा रही है : 

* 3 मई को बंगाल के चुनावों में पराजय के बाद भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो ने कहा, ‘‘बंगाल की जनता ने इस अक्षम, भ्रष्ट, बेईमान सरकार और मु यमंत्री के रूप में एक क्रूर महिला ममता बनर्जी को चुनने की ऐतिहासिक भूल की है। न तो मैं ममता को बधाई दूंगा और न ही कहूंगा कि मैं जनता के इस फैसले का स मान करता हूं।’’
* 4 मई को भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा बोले, ‘‘याद रखें तृणमूल सांसद एवं मुख्यमंत्री...को दिल्ली भी आना है। इसे चेतावनी के रूप में लें।’’
* 5 मई को असम के मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता हेमंत बिस्व सरमा ने आरोप लगाया, ‘‘बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में एक तानाशाह ने शपथ ली है।’’
* 5 मई को ही भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ने ममता बनर्जी को ‘ताड़का’ बताते हुए ट्वीट किया, ‘‘ममताज लोकतंत्र...हिंदुओं, भाजपा के बंगाल के कार्यकत्र्ताओं की निर्मम हत्या, बलात्कार...हे कलंकिनी...जैसे को तैसा करना ही होगा...राष्ट्रपति शासन...बस यही उपाय है।’’ 

* 7 मई को तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रमुख दिलीप घोष द्वारा ममता बनर्जी बारे दिए गए बयान के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई। नंदीग्राम में ममता के चोटिल होने पर दिलीप घोष ने कहा था : 

‘‘ममता के पैर का प्लास्टर काटकर बैंडेज लगाया गया है। वह सबको बार-बार अपना चोटिल पैर दिखा रही हैं। अगर उन्हें चोटिल पैर ही दिखाना है तो साड़ी पहनने की बजाय बरमूडा (निक्कर जैसा परिधान) पहनें।’’

* 9 मई को कर्नाटक के बनहट्टïी शहर में कोविड रोगियों के उपचार केंद्र का निरीक्षण करने गए राज्य के खाद्य और नागरिक आपूॢत मंत्री उमेश कत्ती डाक्टरों द्वारा कोरोना की तीसरी लहर के खतरे का उल्लेख करने पर असंवेदनशील बयान देते हुए बोले, ‘‘तुम बचोगे या नहीं लेकिन मुझे तो बचना है।’’
* 11 मई को मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने देश में कोरोना फैलाने का आरोप कांग्रेस शासित प्रदेशों पर लगाते हुए कहा, ‘‘देश में जहां-जहां भी कांग्रेस की सरकार है वहां कोरोना सबसे ज्यादा फैला और उन्हीं राज्यों से दूसरे राज्यों में यह महामारी फैली है।’’ 

* 12 मई को ‘जन अधिकार पार्टी’ के नेता पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन ने 32 वर्ष पुराने केस में अपने पति की गिर तारी पर बिहार के मु यमंत्री नीतीश कुमार को धमकी देते हुए कहा, ‘‘नीतीश जी, पप्पू जी कोरोना नैगेटिव हैं अगर वह पॉजिटिव हुए तो आपको और इस साजिश में शामिल 4 लोगों को मु यमंत्री के आवास से निकाल कर बीच चौराहे पर खड़ा न किया तो मेरा नाम रंजीत रंजन नहीं।’’

* 13 मई को राजद सुप्रीमो लालू यादव बोले, ‘‘बिहार की नीतीश कुमार सरकार और कोरोना दोनों ही जनजीवन के लिए खतरनाक हैं।’’
* 13 मई को केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा ने वैक्सीन की किल्लत परकहा, ‘‘मैं पूछता हूं कि अगर कल को अदालत यह कहती है कि आपको इतने टीके देने हैं और अगर ये न बन पाएं तो क्या हमें खुद को फांसी पर लटका लेना चाहिए?’’ 

* 13 मई को ही उत्तराखंड के पूर्व मु यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने अपना ज्ञान उजागर करते हुए कहा, ‘‘कोरोना वायरस भी हमारी तरह एक प्राणी है जिस तरह हम जीना चाहते हैं उसी तरह इसे भी जीने का अधिकार है। हम अपने आपको ज्यादा बुद्धिमान समझते हैं और इसके पीछे पड़े हुए हैं।’’
इससे पहले उन्होंने एक और बयान दिया था कि ‘‘गाय का गोबर और गोमूत्र भी हमारी किडनी तथा हृदय के लिए बहुत उपयोगी है। टी.बी. का कोई मरीज यदि गाय के आसपास रहे तो वह ठीक हो सकता है।’’ 

* 14 मई को बलिया के ‘बेरिया’ से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह बोले, ‘‘राहुल गांधी ‘पीअन’ (चपड़ासी) बनने की योग्यता रखते हैं, वह देश के पी.एम. कभी नहीं बन सकते।’’ एक ओर जब संकटकाल में सरकारें लोगों को बचाने में जुटी हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ नेता ऐसे बयानों से अपनी सरकारों की फजीहत करवाने के साथ-साथ उपहास के पात्र भी बन रहे हैं।—विजय कुमार 

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