मालेरकोटला के ‘गुरुद्वारा साहिब में’ ‘रोजा-इफ्तारी’ का आयोजन

punjabkesari.in Thursday, Mar 28, 2024 - 04:55 AM (IST)

एक ओर जहां चंद असामाजिक तत्व धर्म के नाम पर हिंदुओं और मुसलमानों में खाई पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं भाईचारे के ध्वजारोही अपने अनुकरणीय प्रयासों से देश में साम्प्रदायिक एकता की मिसालें पेश करके देश में भाईचारा मजबूत कर रहे हैं। पंजाब के मालेरकोटला में रमजान का महीना केवल मुसलमान भाईचारे के लोगों तक ही सीमित नहीं, बल्कि आपसी भाईचारे और सद्भावना के लिए मंदिरों तथा गुरुद्वारों में भी मुस्लिम भाईचारे के सदस्यों के लिए इफ्तार के आयोजन किए जाते हैं। इसी प्रकार मुस्लिम भाईचारे के लोग भी हिन्दुओं, सिखों, ईसाइयों और अन्य धार्मिक समुदायों के लोगों को रमजान की अपनी विशेष प्रार्थनाओं में शामिल होने के लिए भी आमंत्रित करते रहते हैं। 

हाल ही में मालेरकोटला के निकटवर्ती गांव ‘कल्याण’ तथा इसके आसपास के गांवों के मुस्लिम रोजा रखने वाले परिवारों के लिए गांव के सिख और ङ्क्षहदू भाईचारे की ओर से रोजा इफ्तारी का आयोजन गांव के गुरुद्वारा साहिब में किया गया। इसके बाद गुरु घर में नमाज अदा करने के साथ सब लोगों के भले की दुआ भी मांगी गई। इस मौके पर ‘सिख मुस्लिम सांझां’ नामक एन.जी.ओ. के डा. नसीर अख्तर ने कहा कि जहां एक ओर गुरुद्वारा के दरबार साहिब में पाठ हो रहा था, वहीं दूसरी ओर नमाज अदा की जा रही थी। संगरूर जिले के कुठाला गांव में भी ऐसा ही आयोजन किया गया। 

गुरुद्वारा साहिब में हिन्दू-सिख और मुस्लिम भाइयों द्वारा मिल कर किए गए आयोजन ने साम्प्रदायिक सद्भावना का अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है। ऐसे आयोजनों से सामाजिक-धार्मिक एकता मजबूत होती है। अत: अपनी धार्मिक संकीर्णता को छोड़ सभी समुदायों के लोगों को एक-दूसरे के धार्मिक आयोजनों में बढ़-चढ़ कर भाग लेना चाहिए। इससे सद्भावना बढ़ेगी, भाईचारा मजबूत होगा और देश आगे बढ़ेगा।—विजय कुमार 


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