कानून के रखवाले ही उड़ा रहे कानून की धज्जियां

Wednesday, Mar 29, 2023 - 03:59 AM (IST)

हालांकि हमारी सरकारें भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहनशीलता के दावे करती हैं परंतु ऐसा हो नहीं रहा तथा अब तो आर्थिक अपराधों की रोकथाम और जांच के लिए गठित प्रवर्तन निदेशालय (एन्फोर्समैंट डायरैक्टोरेट-ई.डी.) तक के कर्मचारी इसमें शामिल पाए जा रहे हैं। 25 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) ने अपने मुम्बई आफिस के 2 कर्मचारियों, जिनमें एक डाटा एंट्री ऑप्रेटर है, को संवेदनशील गुप्त फाइलें लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। 

ये दोनों कर्मचारी पुणे के एक व्यापारी व ‘सेवा विकास कोआप्रेटिव बैंक’ के पूर्व डायरैक्टर अमर मूलचंदानी के संपर्क में थे और दोनों ने उससे प्राप्त रिश्वत के बदले में उसे उक्त बैंक घोटाले की जांच बारे जानकारी दी। इसके साथ ही प्रवर्तन निदेशालय ने अमर मूलचंदानी के करीबी सहयोगी बबलू सोनकर को भी गिरफ्तार किया है। उसे गवाहों को धमकाने और प्रवर्तन निदेशालय में काम करने वाले उक्त कर्मचारियों को संवेदनशील जानकारियों के बदले में रिश्वत देने का जिम्मा सौंपा गया था। 

प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) ने बैंक द्वारा दर्ज करवाई शिकायतों तथा पुलिस द्वारा दर्ज रिपोर्ट के आधार पर जांच शुरू की तो बड़े पैमाने पर हेराफेरी का पता चला जिससे बैंक को 429 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ। जांच से पता चला कि विवेकपूर्ण मानदंडों का पालन किए बिना बैंक को परिवार की सम्पत्ति की तरह चलाया जा रहा था। आर्थिक अपराधों की रोकथाम से जुड़े विभाग के कर्मचारियों के ही भ्रष्टाचार में लिप्त होने से स्पष्ट है कि स्वयं कानून के रखवाले ही किस कदर कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं, अत: ऐसे लोगों के विरुद्ध जितनी भी कठोर कार्रवाई की जाए, कम ही होगी।—विजय कुमार  

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