एक बार फिर शराब ने ली 23 अनमोल प्राणों की बलि

Thursday, May 30, 2019 - 01:54 AM (IST)

शराब एक नशा और जहर है तथा इससे लिवर सिरोसिस, उच्च रक्तचाप, अवसाद, अनीमिया, गठिया, स्नायु रोग, मोटापा, दिल की बीमारी आदि के अलावा महिलाओं में गर्भपात, गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव तथा विभिन्न विकारों से पीड़ित बच्चों के जन्म लेने जैसी समस्याएं होती हैं। इसके बावजूद आज देश में शराब और अन्य नशों का सेवन लगातार बढ़ रहा है और उसी अनुपात में मौतें होने के कारण बड़ी संख्या में परिवार उजड़ रहे हैं जो निम्न ताजा घटनाओं से स्पष्ट है : 

06 फरवरी को कुशी नगर जिले के विभिन्न गांवों में कच्ची शराब पीने से 4 लोगों की मौत और 2 गंभीर रूप से घायल हो गए। 30 अप्रैल को ओडिशा के भद्रक जिले में जहरीली शराब पीने से 6 लोगों की मृत्यु तथा 28 अन्य गंभीर रूप से बीमार हो गए। 18 मई को कासगंज जिले में जहरीली शराब पीने से एक युवक की मौत तथा 3 अन्य गंभीर रूप से बीमार हो गए। 21 मई को बहराइच के शिवदहा गांव में भट्ठी पर शराब पीते ही एक युवक की मौत हो गई। 

और अब 27 मई को बाराबंकी में रामनगर स्थित एक सरकारी देसी शराब की दुकान से खरीद कर जहरीली शराब पीने से एक ही परिवार के 4 सदस्यों सहित कम से कम 23 लोगों की मृत्यु और 48 गंभीर रूप से बीमार हो गए। इन मौतों के परिणामस्वरूप किसी ने अपना पिता खोया, किसी ने भाई तो किसी ने बेटा। अनेक परिवारों ने अपना एकमात्र कमाने वाला भी खो दिया और असंख्य परिवारों के जीवन में अंधकार छा गया। हमेशा की तरह सरकार ने पूरे मामले की मैजिस्ट्रेटी जांच, आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई और पीड़ितों के परिवारों को अनुग्रह राशि देने की घोषणा कर दी है तथा ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुझाव भी मांगे हैं। 

उक्त घटनाओं के लिए जहां विषैली शराब बनाकर बेचने वाले मौत के व्यापारी जिम्मेदार हैं, वहीं संबंधित राज्यों का प्रशासन भी इसके लिए कम जिम्मेदार नहीं। अत: जहां जहरीली शराब के व्यापारियों पर नकेल कसने और उन्हें कठोरतम दंड देने की जरूरत है, वहीं विषैली शराब से होने वाली मौतें रोकने के लिए प्रशासन की जिम्मेदारी तय करने की भी जरूरत है।—विजय कुमार 

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