एक ओर जल संकट दूसरी ओर जल की भारी बर्बादी

punjabkesari.in Sunday, Apr 17, 2016 - 01:36 AM (IST)

इस समय देश के लगभग 10 राज्यों में सूखा पड़ा हुआ है। इनमें महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उड़ीसा, झारखंड और छत्तीसगढ़ शामिल हैं।
 
इसे देखते हुए सुप्रीमकोर्ट ने 12 अप्रैल को केंद्र सरकार से जवाब तलब किया कि इसे राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कानून के अंतर्गत राष्ट्रीय आपदा क्यों नहीं घोषित किया जा सकता ताकि प्रभावित परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए सहायता राशि जारी की जा सके। 
 
लातूर तथा महाराष्ट्र के अन्य अनेक इलाके पानी वाली विशेष ट्रेनों के भरोसे हैं। पीने तक के लिए पानी न मिलने के कारण अनेक इलाकों में किसान औने-पौने भावों पर मवेशी बेच रहे हैं। झारखंड के कुछ इलाकों में भी लोग मकान और जायदाद आदि बेच कर दूसरे इलाकों में जा रहे हैं।
 
मात्र एक सप्ताह में ही महाराष्ट्र के 200 गांवों में पानी की कमी की समस्या के गंभीर रूप धारण कर लेने से राज्य में सूखाग्रस्त गांवों की संख्या बढ़ कर 3100 हो गई है और राज्य के डैमों में 4 प्रतिशत पानी रह गया है। 
 
गत मंगलवार को नासिक से 80 किलोमीटर दूर येवला तालुका में पानी लेकर जा रहे एक टैंकर के चालक को किसी दूसरे इलाके के लोगों ने रोक कर पानी मांगा और जब टैंकर के चालक ने पानी देने से इंकार किया तो उन्होंने उसे बुरी तरह पीट कर घायल कर दिया। 
 
पानी की कमी को देखते हुए महाराष्ट्र के मुम्बई तथा कुछ अन्य स्थानों पर होटल वालों ने अपने ग्राहकों के लिए मेज पर पानी का गिलास भर कर रखने की बजाय खाली गिलासों के साथ जग में पानी रखना शुरू कर दिया है ताकि वे आवश्यकता के अनुसार ही पानी लें व फालतू पानी फैंकना न पड़े। 
 
इसीलिए बाम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र में 30 अप्रैल तक ही आई.पी.एल. के मैच कराने की अनुमति दी है व शेष मैच राज्य से बाहर कराने का आदेश दे दिया है ताकि ग्राऊंड मैंटीनैंस पर लगने वाला पानी बचाया जा सके।
 
राज्य में कुछ लोग दूसरे इलाकों से पानी के टैंकर लाकर जरूरतमंदों को मुफ्त पानी बांट रहे हैं। मालेगांव तथा आसपास के इलाकों में पुणे के प्रापर्टी डिवैल्पर धन राज नारकर एक महीने से प्रतिदिन मालेगांव नगर से 35 किलोमीटर दूर स्थित एक डैम से पानी का टैंकर लाकर निश्चित समय पर मालेगांव तथा इसके आसपास के गांवों में बांट रहे हैं।
 
हरियाणा में भिवानी जिले के धनाना गांव की सरपंच सुनीता देवी के नेतृत्व में गांव की पंचायत ने पानी की बर्बादी रोकने के लिए समूचे गांव में घूम कर पानी की बर्बादी करने वालों को पकडऩे का निर्णय लिया है।
 
पहली बार पानी नष्ट करते पकड़े जाने पर 1100 रुपए जुर्माना और दोबारा पकड़े जाने पर दोषी के विरुद्ध पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने का निर्णय लिया गया है। पंचायत की बैठक में गांव वालों से अनुरोध किया गया है कि जिनके नलों की टूटियां लीक करती हैं वे उन्हें जल्दी ठीक करवा लें। 
 
और अब महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खडसे पर भी पानी की भारी बर्बादी का आरोप लगा है। वह बेलकुंड तथा आसपास के इलाकों में पानी की कमी और राहत कार्यों का जायजा लेने वहां पहुंचे थे।
 
लोगों का कहना है कि वह लातूर हवाई अड्डे से बेलकुंड तक कार द्वारा भी आ सकते थे परंतु उन्होंने 45 किलोमीटर की यह यात्रा हैलीकाप्टर द्वारा तय करने का निर्णय लिया और वहां उनका हैलीकॉप्टर लैंड करवाने के लिए नया हैलीपैड बनाने पर लगभग 10,000 लीटर पानी नष्ट किया गया जबकि नजदीकी एयरपोर्ट पर भी उनका हैलीकाप्टर लैंड करवाया जा सकता था। 
 
आज समस्त विश्व में जल संकट गहराता जा रहा है और 2050 तक स्थिति अत्यंत भयावह हो जाने की आशंका व्यक्त की जा रही है। ऐसे में कुछ कष्ट सह कर भी जल व जल स्रोतों को बचाना समय की मांग है। इसलिए जहां जल संकट नहीं भी है वहां भी लोगों को पानी नष्ट करने से बचना चाहिए और पीने के लिए भी अपनी जरूरत के अनुसार ही पानी लेना चाहिए।
 
इसी भावना से एक ओर जहां चंद लोग पीड़ितों की मदद करने व जल संरक्षण के प्रशंसनीय प्रयासों में जुटे हैं वहीं खडसे जैसों द्वारा पानी की इस तरह बर्बादी करना निश्चित रूप से निंदनीय है। 
 

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