पत्नियों को धोखा देने वाले एन.आर.आई. दूल्हों के पासपोर्ट अब रद्द किए जाने लगे

Saturday, Sep 29, 2018 - 04:11 AM (IST)

अपनी बेटी को सुखद भविष्य देने के लिए अधिकतर माता-पिता उनकी शादी विदेशों में रहने वाले युवकों से करना चाहते हैं परंतु अनेक मामलों में विदेश में ब्याह कर बेटी की जिंदगी खुशहाल बनाने का माता-पिता का सपना चूर-चूर हो जाता है। कुछ वर्षों से एन.आर.आई. भारतीय दूल्हों द्वारा पत्नियों से धोखा करने के मामले बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं तथा एन.आर.आई. दूल्हों द्वारा विश्वासघात के कारण उनसे विवाह करने वाली भारतीय महिलाओं की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। 

हर 8 घंटे में कम से कम एक महिला एन.आर.आई. पति के अत्याचार सहने में असमर्थ होने के कारण भारत में रह रहे अपने माता-पिता से संपर्क करके उसे वापस बुला लेने की गुहार करती है। विवाह करके दुल्हनों को अपने साथ विदेश न ले जाने और यदि विदेश ले भी गए तो वहां उनसे नौकरानी जैसा काम करवाने की शिकायतें अब आम होती जा रही हैं। कई मामलों में शादी के बाद यह पता चलता है कि एन.आर.आई. दूल्हा तो पहले से ही शादीशुदा था और नई दुल्हन को पहली शादी से हुए उसके बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी दे दी जाती है।

कई मामलों में एन.आर.आई. लड़के शादी करने के बाद पत्नी के साथ 2-3 महीने बिता कर उसे साथ लिए बिना ही विदेश चले जाते हैं और उसे अपने पास बुलाते ही नहीं। पूछने पर कभी वीजा लगने में कठिनाई बताते हैं तो कभी कोई और बहाना बनाकर उसे टाल देते हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग के एन.आर.आई. प्रकोष्ठ में विवाह और ऐसी ही अन्य संबंधित समस्याओं के बारे में मिलने वाली शिकायतों में लगातार वृद्धि हो रही है। जहां इस बारे 2015 में देशभर से 422 दुल्हनों ने शिकायत की थी, वहीं 2016 में यह संख्या बढ़ कर 468 और 2017 में 528 हो गई। 

बताया जाता है कि अमरीका, आस्ट्रेलिया, कनाडा और इंगलैंड में रहने वाले एन.आर.आई. लड़कों ने अपनी भारतीय दुल्हनों से सर्वाधिक धोखा किया है। इसी को देखते हुए अब चंडीगढ़ स्थित रीजनल पासपोर्ट आफिस (आर.पी.ओ.) ने इस वर्ष मई से पत्नियों को धोखा देकर विदेश भागने वाले पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के दूल्हों को भारत आने के लिए विवश करने के उद्देश्य से उनके पासपोर्ट रद्द करने शुरू कर दिए हैं। इसके नतीजतन उनके सभी वीजा आदि स्वत: ही रद्द हो जाएंगे। पीड़ित महिलाएं इस बारे में चंडीगढ़ कार्यालय में शिकायत कर सकती हैं। पंजाब, चंडीगढ़, हिमाचल और हरियाणा में ऐसे एन.आर.आई. दूल्हों की संख्या 13000 से अधिक हैै। 

चार महीनों के दौरान चंडीगढ़ आर.पी.ओ. ने पंजाब-हरियाणा के अपनी पत्नियों को छोड़ कर जाने वाले ऐसे 60 आप्रवासी भारतीयों के पासपोर्ट निलंबित किए हैं जबकि 250 अन्य मामलों में पासपोर्ट निलंबन की प्रक्रिया जारी है। संबंधित व्यक्ति का पासपोर्ट रद्द करने से पूर्व रीजनल पासपोर्ट अथारिटी उसे कारण बताओ नोटिस भेजती है। निलंबन से पासपोर्ट में प्रदत्त सभी वैध वीजे रद्द हो जाते हैं जिससे पासपोर्ट धारक का संबंधित देश में रहना अवैध हो जाता है। दूल्हों को वापस बुलाने के लिए पासपोर्ट कार्यालय संबंधित देशों के अधिकारियों को उनके पासपोर्ट के स्टेटस बारे सूचित कर देता है और यदि संबंधित व्यक्ति भारत में है तो वह विदेश नहीं जा सकता। 

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के कानूनी विभाग के चेयरमैन जसविंद्र सिंह जौली ने एन.आर.आई. दूल्हों द्वारा भारतीय लड़की से विवाह से पहले विदेशों में स्थित संबंधित दूतावासों से स्वीकृति लेने को जरूरी बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इन दूल्हों का विवाह रजिस्टर्ड करने के लिए भारतीय एम्बैसी और दूल्हों के मालिक की ओर से (जहां वे काम करते हैं) जानकारी का पत्र आना जरूरी होना चाहिए ताकि कोई एन.आर.आई. दूल्हा किसी भारतीय लड़की का जीवन बर्बाद न कर सके। पत्नियों को धोखा देकर विदेश खिसक जाने वालों के पासपोर्ट रद्द करके उनको वापस बुलाना एक अच्छा फैसला है। इसे देशभर में तुरंत लागू करने की आवश्यकता है ताकि बेटियों को सुखद भविष्य देने के नाम पर उनका जीवन नष्टï होने से बचाया जा सके और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा सके।—विजय कुमार 

Pardeep

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