‘अब अध्यापक-अध्यापिकाएं ही पिलाने लगे’ ‘छात्र-छात्राओं को शराब’

punjabkesari.in Thursday, Apr 24, 2025 - 05:48 AM (IST)

शराब एक बुराई है जिसके कारण अनेक परिवार उजड़ रहे हैं परंतु हमारी सरकारें तो शराब को नशा ही नहीं मानतीं। इसी कारण वे अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त करने के लिए प्रतिवर्ष शराब के ठेकों में वृद्धि करती चली जाती हैं क्योंकि सरकारें तो चलती ही शराब की बिक्री से होने वाली आय से हैं। इसे विडम्बना ही कहा जाएगा कि आम लोग तो एक ओर, अब तो स्कूलों के चंद टीचरों ने छात्र-छात्राओं को शराब पिलानी शुरू कर दी है जिसके पिछले डेढ़ महीने में सामने आए 2 उदाहरण निम्र में दर्ज हैं : 

*  8 मार्च को मानसा (पंजाब) के एक प्राइवेट कालेज की एक अध्यापिका पर कुछ छात्राओं को शराब पिलाने के आरोप लगने के बाद सी.पी.आई. (एम.एल.) लिब्रेशन तथा आल इंडिया स्टूडैंट एसोसिएशन ने इस अध्यापिका के विरुद्ध विभागीय तथा पुलिस कार्रवाई करने की मांग की। बताया जाता है कि महाराष्ट्र में एक कल्चरल प्रोग्राम में भाग लेने गई उक्त कालेज की कुछ छात्राओं को शराब पिलाई गई थी। पीड़ित छात्राओं का यह आरोप भी है कि अध्यापिका ने उनके मोबाइल फोन के डाटा से छेड़छाड़ भी की। 

* और अब 19 अप्रैल को ऐसे ही एक मामले में ‘कटनी’ (मध्य प्रदेश) में ‘बरवारा’ ब्लाक के ‘खिरहनी’ गांव के एक सरकारी स्कूल में ‘नवीन प्रताप सिंह’ नामक अध्यापक द्वारा छात्रों में शराब बांटने का वीडियो वायरल होने के बाद उसे गलत आचरण, बच्चों को शराब पीने के लिए उत्साहित करने तथा अध्यापक वर्ग की गरिमा को धूमिल करने के आरोप में निलंबित किया गया है। अध्यापक वर्ग से तो मर्यादित जीवन बिता कर छात्रों के सामने आदर्श प्रस्तुत करने की उम्मीद की जाती है। अत: इसके विपरीत बच्चों को शराब रूपी जहर पिलाकर उन्हें गलत रास्ते पर डालने वाले अध्यापक-अध्यापिकाओं के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई करने की तुरंत आवश्यकता है।—विजय कुमार  


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