अब सट्टा बाजार और एग्जिट पोल भाजपा के पक्ष में

punjabkesari.in Sunday, Jun 02, 2024 - 04:36 AM (IST)

भारी हीट वेव के बीच देश में लोकसभा चुनावों की प्रक्रिया 1 जून को 8 राज्यों की 57 सीटों पर हिंसा, तोड़-फोड़ और वोटिंग मशीनों में खराबी के चलते लोगों की नाराजगी के बीच पूरी हो गई। इन चुनावों के दौरान किसी भी चरण में वर्ष 2019 के चुनावों के आंकड़े के बराबर मतदान नहीं हुआ जिसका कारण प्रचंड गर्मी के मौसम में चुनाव करवाना ही है। लोगों का कहना है कि जब मौसम विभाग ने काफी पहले ही इस वर्ष अधिक गर्मी पडऩे की चेतावनी दे रखी थी तो चुनाव तिथियों का निर्धारण कुछ आगे-पीछे किया जा सकता था। 

ऐसे लोग भी सामने आए जिन्होंने मतदान में ‘नोटा’ का बटन तो नहीं दबाया लेकिन इसलिए मतदान करने नहीं गए कि उनका मानना था कि सभी उम्मीदवार एक जैसे ही हैं जिनसे उन्हें अपनी समस्याएं सुलझने की कोई उम्मीद नहीं। जब लगातार बिजली व पानी जैसी सुविधाएं ही नहीं मिल रहीं तो हम वोट डालने क्यों जाएं? कमर तोड़ महंगाई भी लोगों की मतदान से दूरी का कारण बनी। इन चुनावों में गर्मी के कारण न सिर्फ मतदान करने आए लोगों बल्कि मतदान सम्पन्न करवाने वाले अधिकारियों को भी अपने प्राण गंवाने पड़े। 31 मई को ही बिहार में 14 और उत्तर प्रदेश में 18 मतदान अधिकारियों की मौत हो गई। 

2019 में चुनाव आयोग ने 3475 करोड़ रुपए की नकद राशि और नशीली दवाएं जब्त की थीं, जबकि इस बार अब तक के 75 वर्ष के इतिहास में सर्वाधिक अवैध रकम तथा वस्तुएं जब्त की हैं। 18 मई, 2024 तक नशीले पदार्थों व नकदी आदि सहित कुल 8889 करोड़ रुपए मूल्य की वस्तुएं जब्त की गईं। पंजाब में 30 मई तक कुल 801.87 करोड़ रुपए की नकदी एवं वस्तुएं जब्त की गईं। इस बार पंजाब और चंडीगढ़ में उम्मीदवारों ने वोट खरीदने के लिए लोगों को 10, 20 और 100 मूल्य वाले नोट ‘कूपनों’ की तरह बांटे, जिन्हें निर्धारित दुकानदारों को पेश करके उन्होंने उनके बदले में तयशुदा वस्तुएं प्राप्त कीं।

जब कोई व्यक्ति उक्त नोट लेकर वैंडर के पास जाता तो वैंडर उस नोट के नम्बर का उम्मीदवार द्वारा दी गई नोटों की सूची के नम्बर से मिलान करके उन्हें उसके बदले में वस्तुएं (राशन, उपहार, शराब आदि) दे देता था। कई जगह उम्मीदवारों द्वारा वोट खरीदने के लिए पंखे व कूलर बांटने के भी समाचार हैं। सट्टा बाजार में भावी सरकार को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं व अधिकांश सट्टा बाजारों ने भाजपा के पक्ष में अनुमान व्यक्त किया है। राजस्थान में फालोदी के सट्टा बाजार ने भाजपा गठबंधन को 290-300 सीटें दी हैं। मुम्बई के सट्टा बाजार के अनुसार भाजपा को अकेले 295 से 305 सीटें तथा कांग्रेस को 55 से 65 सीटें मिल सकती हैं। 

पालनपुर सट्टा बाजार ने राजग को 247 (भाजपा 216) , इंडिया को 225 (कांग्रेस 112), करनाल सट्टा बाजार ने राजग को 263 (भाजपा 235) और इंडिया को 231 (कांग्रेस 108), बेलगाम सट्टा बाजार ने राजग को 265 (भाजपा 223), इंडिया को 230 (कांग्रेस 120), इंदौर सर्राफा ने राजग को बहुमत तथा भाजपा को 260, इंडिया को 231 (कांग्रेस 108), कोलकाता सट्टा बाजार ने  राजग को 261 (भाजपा 218), इंडिया को 228 (कांग्रेस 128), विजयवाड़ा सट्टा बाजार ने राजग को 252 (भाजपा 224) तथा इंडिया को 237 (कांग्रेस को 121) सीटें दी हैं। मतदान समाप्त होते ही एग्जिट पोल भी आ गए हैं जिनमें भाजपा नीत राजग गठबंधन का ही पलड़ा भारी बताया जा रहा है तथा इसे प्रचंड बहुमत मिलने का अनुमान भी व्यक्त किया गया है। 

रिपब्लिक टी.वी.-मैट्रीज ने भाजपा नीत राजग को 353 से 368, इंडिया को 118-133, रिपब्लिक टी.वी.-पी मार्क ने राजग को 359, इंडिया को 154,  ‘जन की बात’ ने राजग को 362-392, इंडिया को 141-161, इंडिया टी.वी.-सी.एन.एक्स. ने राजग को 371-401 तथा इंडिया को 109-139 सीटें दी हैं। न्यूज 24-टुडेज चाणक्य ने राजग को 400, इंडिया को 107,न्यूज नेशन ने राजग को 342 से 378, इंडिया को 153-169, इंडिया न्यूज-डी डायनैमिक ने राजग को 371 व इंडिया गठबंधन को 125 सीटें मिलने का अनुमान जताया है। उल्लेखनीय है कि 2019 के चुनाव में भाजपा ने 303 सीटें जीती थीं जबकि राजग की संख्या 353 थी। कांग्रेस को 53 और उसके सहयोगियों को 38 सीटें मिली थीं। मल्लिकार्जुन खरगे ने 1 जून को इंडिया गठबंधन की बैठक के बाद दावा किया है कि यह गठबंधन 295 से अधिक सीटें जीतेगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि ये अनुमान कितने सही साबित होते हैं और सत्ता किसकी झोली में आती है।—विजय कुमार 


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