केंद्र सरकार के कार्यालयों में अब गंदगी फैलाने पर लगेगा जुर्माना

Tuesday, May 31, 2016 - 01:54 AM (IST)

प्राय: कहा जाता है कि भारतीय अपने शरीर की सफाई का ध्यान तो रखते हैं परंतु सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता और सफाई का नहीं। इसी कारण जहां कहीं भी जिसके जी में आता है थूक देता है, नाक साफ कर लेता है, पेशाब कर देता है तथा पान की पीक फैंक कर गंदगी फैला देता है।

 
इसी बुराई को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्तूबर, 2014 को देश में स्वच्छता अभियान की शुरूआत की। शुरू-शुरू में यह काम उत्साहपूर्वक चला परंतु अब यह ठंडा पड़ता जा रहा है। 
 
इसमें अब तेजी लाने तथा अपने कार्यस्थलों पर स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने ‘स्वच्छ भारत मिशन’ को नई स्टैंडर्ड आप्रेटिंग प्रोसीजर (एस.ओ.पी.) जारी की है। इसके अनुसार खुले में पेशाब करने और सरकारी कार्यालय परिसरों में थूकने वालों के पकड़े जाने पर जुर्माना लगाया जाएगा। कूड़ा-कर्कट और ठेकेदारों द्वारा तोड़-फोड़ से पैदा हुआ मलबा नहीं हटाने पर भी जुर्माना लगाने की व्यवस्था की गई है। 
 
इसी दिशा में मुम्बई महानगर पालिका (मनपा) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में सार्वजनिक जगहों पर थूकने, खुले में शौच करने, सड़कों पर गाड़ी धोने और नालों तथा सड़कों पर कचरा फैंकने वालों को दंडित करने और गंदगी फैलाने से रोकने के लिए 1 जून से पूरे मुम्बई में 800 क्लीनअप मार्शलों को तैनात करने का निर्णय लिया है।
 
ये मार्शल दोषियों को 1000 रुपए तक का जुर्माना कर सकेंगे तथा जुर्माना न देने वालों से समाजसेवा कराई जाएगी। उन्हें अपनी फैलाई गंदगी को साफ करना होगा चाहे वह कचरा हो या उनका थूक। 
 
स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए इन निर्णयों को समूचे देश के सरकारी और निजी विभागों में समान रूप से लागू किया जाना चाहिए तथा इसके लिए लोगों को व्यापक स्तर पर प्रेरित करने की भी आवश्यकता है।
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