यौन शोषण के आरोप में अब एक ‘पादरी’ फंसा

Wednesday, Jul 12, 2023 - 04:36 AM (IST)

संत-महात्मा देश और समाज का मार्गदर्शन करते हैं, परंतु कुछ लोग संत-महात्मा और बाबाओं का चोला पहन कर इसके विपरीत आचरण करके असली संत-महात्माओं की बदनामी का कारण बन रहे हैं। इसका नवीनतम उदाहरण हाल ही में गुरदासपुर (पंजाब) के गांव अब्बलखैर में सामने आया। पुलिस के अनुसार पादरी जशन गिल पुत्र अनायत मसीह ने अपने घर में चर्च बना रखा था तथा कुछ वर्षों से लोगों के दुख दूर करने का दावा कर प्रार्थना सभाओं का आयोजन करता आ रहा था।

एक व्यक्ति अपनी 21 वर्षीय बेटी के साथ वहां आता था तथा पादरी ने उक्त लड़की के साथ शारीरिक संबंध बना लिए और उसके गर्भवती हो जाने पर अपनी परिचित नर्स से उसका गर्भपात करवा दिया, परन्तु पेट में इंफैक्शन फैल जाने के कारण युवती की मौत हो गई। अब मृत युवती के पिता की शिकायत पर आरोपी पादरी तथा नर्स के विरुद्ध दीनानगर थाने में केस दर्ज करने के बाद पुलिस इन दोनों की तलाश में छापेमारी कर रही है।

उल्लेखनीय है कि ऐसे ही मामलों में आसाराम बापू, फलाहारी बाबा, गुरमीत राम रहीम सिंह, बाबा वैराग्या नंद गिरि उर्फ ‘मिर्ची बाबा’, ‘शिवमूॢत मुरुघा शरणारू’ और जलेबी बाबा आदि को गिरफ्तार किया जा चुका है। यही नहीं, पिछले कुछ वर्षों के दौरान लड़के-लड़कियों का यौन शोषण करने, उसकावीडियो बना कर ब्लैकमेल करने आदि के आरोपों में कुछ पादरी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें ‘सायरो मेलंकार कैथोलिक चर्च’, कन्याकुमारी के पादरी बैनेडिक्ट एंटो, ‘मारतोमा सीरियन चर्च’, एर्नाकुलम के पादरी ‘पनाविता थामस’ तथा मुम्बई के एक कैथोलिक पादरी ‘फादर जॉन्सन लारैंस’ आदि शामिल हैं।

इसी को देखते हुए 28 फरवरी, 2013 को वैटिकन के 266वें पोप बने पोप फ्रांसिस ने पद ग्रहण करते ही पादरियों द्वारा यौन शोषण, भ्रष्टाचार तथा अन्य बुराइयों को रोकने के लिए काफी महत्वपूर्ण क्रांतिकारी सुधार लागू करने शुरू कर दिए थे। इसी क्रम में उन्होंने 2013 में पहली बार स्वीकार किया था कि वैटिकन में ‘गे’ समर्थक लॉबी मौजूद है जिसकी उन्होंने घोर ङ्क्षनदा की। यही नहीं, अगले वर्ष अमरीका में मैरोनाइट कैथोलिक गिरजाघर में एक शादीशुदा व्यक्ति को पादरी बनाकर एक नई पहल की गई।

वर्ष 2021 में पोप फ्रांसिस ने महिलाओं को कैथोलिक चर्च में बराबरी का दर्जा और उन्हें चर्च की प्रार्थना करवाने की प्रक्रिया में शामिल होने का अधिकार देने का निर्णय लिया और कहा कि प्रार्थना प्रक्रिया में शामिल महिलाएं किसी दिन पादरी का दर्जा भी प्राप्त करेंगी। वर्ष 2022 में पोप ने वैटिकन के 5300 बिशपों (धर्माध्यक्षों) के चयन के लिए उन्हें सलाह देने वाली समिति में पहली बार तीन महिलाओं को नियुक्त करने की घोषणा की।

इसी वर्ष पोप फ्रांसिस ने स्वीकार किया कि कई पादरी और नन भी पोर्न देखते हैं। उन्होंने धार्मिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को इससे बचने की चेतावनी देते हुए कहा कि ‘‘हमारे जीवन में शैतान अब इस माध्यम से प्रवेश कर रहा है। जो जीसस की शरण में होने की बात करते हैं, उन्हें पोर्न नहीं देखना चाहिए। आपको इसे अपने फोन से बाहर करना होगा।’’ ये केवल ईसाई समुदाय के लिए ही नहीं बल्कि समस्त सभ्य समाज पर लागू होते हैं। इन्हें अपनाने से जीवन में शुचिता आएगी और इस बुराई को समाप्त करने में कुछ सहायता भी मिल सकेगी। -विजय कुमार

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