नहीं थम रहा प्रभावशाली लोगों की दबंगई का सिलसिला

Monday, Aug 07, 2017 - 11:07 PM (IST)

सत्ता प्रतिष्ठान से जुड़े लोगों, राजनीतिज्ञों और उनके परिजनों से आशा की जाती है कि वे कोई भी कानून विरोधी कार्य नहीं करेंगे और स्वयं को सच्चा जनसेवक सिद्ध करते हुए आम लोगों की मुश्किलें सुलझाने में मदद करेंगे परंतु आज यही लोग बड़े पैमाने पर दबंगई तथा गलत कामों में शामिल पाए जा रहे हैं जिसके हाल ही के चंद उदाहरण निम्र में दर्ज हैं:

11 जुलाई को मेरठ में बसपा नेता और पूर्व मंत्री तथा मीट कारोबारी हाजी याकूब कुरैशी के हथियारबंद लोगों ने एक स्कूल, जहां उसकी दोहती पढ़ती है, में आकर किसी बात पर अनेक छात्राओं को पीट डाला। 16 जुलाई को बिहार के मधुबनी में कैटोला के निकट राजद विधायक फैयाज अहमद तथा उसके गार्ड ने फैयाज के अवैध निर्माण का विरोध कर रहे ग्रामीणों को बुरी तरह पीट-पीट कर लहूलुहान कर दिया। 17 जुलाई को उत्तर प्रदेश के इटावा की फ्रैंड्स कालोनी में जमीन पर अवैध कब्जे का विरोध कर रही महिलाओं को कांग्रेस नेता अरुण यादव ने दबंगों के साथ मिल कर राइफल के बट से बुरी तरह पीटा। 

23 जुलाई को शाहजहांपुर में भाजपा के पूर्व सभासद राजकुमार तथा उसके साथियों ने राशन कार्डों का सत्यापन कर रहे नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी अनिरुद्ध कुमार को ऐसा करने से रोका। जब वह न माने तो उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा और जमीन पर गिर जाने के बाद भी पीटते रहे। 29 जुलाई को मेरठ में भाजपा महानगर के महामंत्री कमल दत्त शर्मा ने किसी बात पर बहस के दौरान एक व्यक्ति की पत्नी को थप्पड़ जड़ दिया। 01 अगस्त को मोगा-2 ब्लाक समिति के चेयरमैन अकाली नेता मल्ल सिंह के बेटे साधू सिंह के विरुद्ध एक मकान की चारदीवारी फांद कर एक नाबालिगा का अपहरण करने के आरोप में केस दर्ज किया गया। 

04 अगस्त रात को सफारी गाड़ी में सवार हरियाणा भाजपा के प्रधान सुभाष बराला के नशे में धुत्त बेटे विकास और उसके दोस्त आशीष द्वारा अपने घर पंचकूला लौट रही एक वरिष्ठï आई.ए.एस. अधिकारी की बेटी का पीछा करने व छेड़छाड़ के आरोप में पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी और जमानत पर रिहाई का मामला चर्चा में है। कांग्रेस ने इस घटना की आलोचना करते हुए कहा है कि इससे सरकार के ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ अभियान को भारी धक्का लगा है। इनैलो ने सुभाष बराला से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देने की मांग की है। 

05 अगस्त को झारखंड के खगडिय़ा में जद (यू) विधायक पन्ना लाल पटेल के रिश्तेदारों ने नितिन कुमार नामक एक छात्र को मात्र इसलिए कोड़ों से पीट डाला क्योंकि उसने विधायक के रिश्तेदार के घोड़े को अपने खेत में चरने की अनुमति नहीं दी थी। जब पीड़ित घटना की रिपोर्ट दर्ज करवाने गया तो पुलिस वालों ने रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर दिया। 06 अगस्त को बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भतीजे व ट्रांसपोर्टर मनोज यादव ने गोपाल गंज में एक व्यवसायी द्वारा उसकी बस को साइड न देने पर नाराज होकर उसके घर में घुस कर मारपीट की। उक्त घटनाओं से स्पष्टï है कि लगभग सभी दलों में ऐसे तत्व मौजूद हैं जो अपनी पोजीशन का अनुचित लाभ उठा रहे हैं और अपनी पार्टी के लिए परेशानी का कारण बन रहे हैं। 

यह निश्चय ही बहुत गलत परम्परा को जन्म देने वाला एक खतरनाक रुझान है। यदि इसे नहीं रोका गया तो आम लोग भी प्रतिक्रिया स्वरूप इनकी ही तरह कानून अपने हाथ में लेने को विवश होंगे और इसका नतीजा सभी पक्षों के लिए दुखद ही होगा। अत: उक्त सभी घटनाओं का सरकार को नोटिस लेकर दूध का दूध और पानी का पानी करना ही चाहिए ताकि दोषियों को सजा मिले और देश एवं समाज के लिए हानिकारक खतरनाक रुझान को और बढऩे से रोका जा सके।—विजय कुमार  

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