नहीं थम रहा देश में बच्चियों से बलात्कारों का सिलसिला

Friday, Mar 30, 2018 - 02:52 AM (IST)

देश में महिलाओं और बच्चियों के प्रति अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है। हालत यह है कि दूध पीती बच्चियों तक को वासना के भूखे भेडि़ए अपना निशाना बना रहे हैं जिसके मार्च महीने के ही चंद उदाहरण निम्र में दर्ज हैं : 

02 मार्च को राजस्थान के करोली में एक व्यक्ति ने एक 8 वर्षीय बच्ची का अपहरण करके उसे श्मशानघाट में ले जाकर उससे बलात्कार किया। 03 मार्च को मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में अपहरण और बलात्कार के बाद एक 5 वर्षीय बच्ची की हत्या करके लाश जंगल में फैंक दी गई। 05 मार्च को कोलकाता में एक बस क्लीनर ने एक 3 वर्षीय बच्ची को पार्क की हुई बस में घसीट कर उससे बलात्कार कर डाला। 

07 मार्च को गुडग़ांव के निकटवर्ती गांव में एक छात्र ने चौथी कक्षा की छात्रा से बलात्कार कर डाला। 08 मार्च को महिला दिवस पर इंदौर के शॉपिंग माल में 9 वर्ष की बच्ची से बलात्कार करने के आरोप में माल का एक कर्मचारी पकड़ा गया। 09 मार्च को यमुनानगर के मुंडामाजरा में एक 10वीं कक्षा के छात्र ने अपने पड़ोस में रहने वाली 4 वर्षीय बच्ची से बलात्कार कर डाला। 09 मार्च को मुम्बई के सांता क्रूज में एक 51 वर्षीय व्यक्ति को 4 वर्षीय बच्ची का बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। 10 मार्च को मुलाना के गांव में एक 27 वर्षीय युवक 6 वर्षीय बच्ची को फुसला कर खेतों में ले गया और उससे बलात्कार करके भाग गया। 

12 मार्च को जम्मू के नगरोटा क्षेत्र में एक मदरसा के मौलवी ने मदरसा के अंदर ही एक 7 वर्षीय बच्ची की इज्जत लूट ली। 12 मार्च को ग्वालियर में एक मंदिर के भीतर एक तांत्रिक ने त्वचा रोग से पीड़ित 11 वर्षीय बच्ची के इलाज के बहाने उससे बलात्कार किया। 14 मार्च को लुधियाना में बस्ती जोधेवाल के श्रेयांस नगर में पड़ोसी ने समोसा दिलवाने के बहाने 6 वर्षीय बच्ची की बलात्कार के बाद हत्या कर दी। 17 मार्च को पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी में एक 22 वर्षीय युवक ने साढ़े 3 वर्षीय बच्ची से बलात्कार कर डाला। 17 मार्च को महाराष्ट्र के ठाणे में एक 5 वर्षीय बच्ची के अपहरण और बलात्कार के बाद उसे बेहोशी की हालत में झाडिय़ों में फैंक दिया गया। 23 मार्च को वडोदरा की अदालत ने एक व्यक्ति को अपनी 14 वर्षीय बेटी से बलात्कार करके उसे गर्भवती करने के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई। 

25 मार्च को लुधियाना के मिलरगंज में एक व्यक्ति को अपनी 8 वर्षीय बेटी से बलात्कार और कुकर्म करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। 25 मार्च को हिमाचल के ठियोग में 23 वर्षीय युवक के विरुद्ध अपनी 9 वर्षीय भतीजी से बलात्कार करने के आरोप में केस दर्ज किया गया। 25 मार्च को ताज नगरी आगरा में पड़ोस में रहने वाले व्यक्ति ने अढ़ाई वर्षीय बच्ची को अपनी हवस का शिकार बना डाला। 27 मार्च को हिसार की एक अदालत ने एक 5 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म के दोषी बाबा को 10 साल कैद की सजा सुनाई। 27 मार्च को अबोहर के गांव किलियांवाली निवासी दम्पति ने एक व्यक्ति पर, जो रिश्तेदारी में पीड़िता का दादा लगता है, एक वर्ष के दौरान उनकी साढ़े 11 वर्षीय पुत्री से कई बार दुष्कर्म करने के आरोप लगाए। 

बच्चियों पर घोर अत्याचारों को देखते हुए सबसे पहले मध्य प्रदेश सरकार ने गत वर्ष दिसम्बर में 12 साल तक की बच्चियों से ज्यादती करने पर फांसी की सजा देने से संबंधित ‘दंड विधि संशोधन विधेयक’ पारित किया। इसके बाद 9 मार्च को राजस्थान,15 मार्च को हरियाणा, 16 मार्च को अरुणाचल प्रदेश और 27 मार्च को दिल्ली सरकारों ने भी 12 साल तक की बच्ची के साथ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म के मामले में मौत की सजा या सश्रम कारावास के प्रावधानों को स्वीकृति प्रदान कर दी है। दिल्ली सरकार ने पीछा करने को भी गैर जमानती अपराध बनाया है। 

हरियाणा सरकार ने गैंगरेप और रेप के मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने का फैसला भी किया है ताकि केस का जल्द निपटारा हो। पंजाब, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और अन्य राज्यों की सरकारों को भी ऐसे कठोर कानून बनाने चाहिएं जिनमें सभी आयु वर्ग की महिलाओं को शामिल किया जाए ताकि कठोर दंड के भय से यह महामारी समाप्त हो सके।—विजय कुमार 

Punjab Kesari

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