फ्रांस के स्कूलों में स्मार्ट फोन्स की नो एंट्री सरकार ने लगाया प्रतिबंध

Friday, Aug 03, 2018 - 02:26 AM (IST)

मोबाइल फोन इस शताब्दी का अभूतपूर्व चमत्कार है तथा एमरजैंसी में डाक्टर और पुलिस बुलाने, घर से बाहर होने पर परिवार या दफ्तर वालों से संपर्क रखने जैसे असंख्य लाभों के साथ-साथ इसकी कुछ हानियां भी हैं। 

मोबाइल फोन पर आसानी से उपलब्ध अश्लील तस्वीरें आदि देख कर और इनका आपस में आदान-प्रदान करके लड़के-लड़कियों के चरित्र भ्रष्ट हो रहे हैं। दुष्टï स्वभाव के लोगों द्वारा धोखे से लड़कियों के अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल भी किया जा रहा है। फ्रांस में 12 से 17 साल आयु के हर 10 किशोरों में से 9 के पास स्मार्ट फोन हैं परंतु इनकी ऐसी ही हानियों को देखते हुए फ्रांस सरकार ने वहां के स्कूलों में स्मार्ट फोन बैन करने का कानून बनाया है। यह प्रतिबंध सितम्बर में नए शिक्षा सत्र से लागू हो जाएगा और तब वहां बच्चे स्मार्ट फोन, टेबलेट या इंटरनैट वाले अन्य उपकरण लेकर स्कूल नहीं जा सकेंगे। 

यह प्रतिबंध 15 वर्ष तक के बच्चों पर लागू होगा। नए कानून में उच्च माध्यमिक स्कूलों के प्रबंधकों को यह तय करने का अधिकार दिया गया है कि वे इस प्रतिबंध को पूर्णत: लागू करें या आंशिक रूप से। नए कानून के द्वारा फ्रांस के राष्टï्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपना एक चुनावी वायदा पूरा किया है। उन्होंने कहा था कि वह स्कूली बच्चों को भटकाने वाले स्मार्ट फोन्स से दूर करेेंगे। अश्लील सामग्री उपलब्ध करवाने के साथ ही मोबाइल फोन गणित के गुणा-भाग आदि के प्रश्र सुलझाने में भी सहायक होते हैं तथा इसी कारण बच्चे अपने दिमाग का इस्तेमाल करना बंद कर देते हैं। 

लिहाजा बच्चों को अपने दिमाग का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करने में भी यह निर्णय सहायक होगा और उनका दिमाग तेज होगा। यदि फ्रांस में ऐसा किया जा सकता है तो भारत में क्यों नहीं? निश्चय ही इससे हमारी युवा पीढ़ी के गिरते बौद्धिक स्तर को ऊंचा उठाने में सहायता मिलेगी।—विजय कुमार 

Pardeep

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