नहीं थम रहा पुलिस हिरासत व जेलों से अपराधियों की फरारी का लगातार सिलसिला

Thursday, Feb 01, 2018 - 02:58 AM (IST)

देश में पुलिस व जेल प्रबंधन की हालत इतनी खस्ता है कि जेलों में सजा काट रहे और अस्पतालों में उपचाराधीन कैदियों की फरारी, पेशी पर लाए गए कैदियों और दुर्दांत अपराधियों के भागने की घटनाएं अब आम होती जा रही हैं जिनके चंद ताजा उदाहरण निम्न में दर्ज हैं : 

31 दिसम्बर, 2017 को उत्तर प्रदेश की मथुरा जिला जेल से रात देर गए नए साल के जश्न के दौरान 3 कैदी फरार हो गए। 03 जनवरी, 2018 को हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहा एक कैदी जयपुर की खुली जेल से फरार हो गया। 06 जनवरी को पैर में दर्द के चलते ‘दुमका’ सदर अस्पताल के ‘कैदी वार्ड’ में इलाज के लिए भर्ती हत्यारोपी अपनी हथकड़ी खोलकर और बैसाखी वहीं छोड़कर ड्यूटी पर तैनात 4 सो रहे जवानों को चकमा देकर वार्ड से निकल भागा। 06 जनवरी को बिहार में ‘जमुई’ के ‘खैहरा’ थाना में रखे गए 2 अपराधी रात के समय रोशनदान के रास्ते भाग जाने में सफल हो गए। 

06 जनवरी को बिहार में ‘भागलपुर जंक्शन’ के प्लेटफार्म नंबर 1 पर स्थित रेलवे कोर्ट में रेल मैजिस्ट्रेट के समक्ष पेशी के लिए लाया जा रहा चोर हथकड़ी सरका कर पेशी से पहले ही फरार हो गया। 09 जनवरी को फिरोजपुर अदालत में पेशी के लिए लाया गया एक राजस्थानी हवालाती पुलिस हिरासत से फरार हो गया। 09 जनवरी को लुधियाना स्थित बाल सुधार गृह से क्रमश: 15 और 16 वर्ष के 2 बाल कैदी भाग गए। 13 जनवरी रात को कोलकाता में ‘अलीपुर सैंट्रल जेल’ के वार्ड नं. 7 से 3 बंगलादेशी कैदी साथी कैदियों को मिठाई में नशीला पदार्थ खिलाने के बाद दीवार फांद कर खिसक गए। 14 जनवरी को आर.एस. पुरा स्थित जुवेनाइल जेल से एक 16 वर्षीय पाकिस्तानी कैदी जेल के लोहे के सरिए तोड़ कर फरार हो गया। 

22 जनवरी को छत्तीसगढ़ के ‘रायगढ़’ में जी.आर.पी. द्वारा मैडीकल जांच के लिए अस्पताल लाया गया आरोपी मैडीकल जांच पूरी होने के बाद पुलिस को चकमा देकर निकल भागा। 23 जनवरी को ‘रांची’ में रिम्स के मैडीसन आई.सी.यू. में भर्ती ‘पलामू’ जेल से लाया गया कैदी स्नान घर जाने के बहाने फरार हो गया। उसे मिर्गी का अटैक आने पर आई.सी.यू. में लाया गया था। 27 जनवरी को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में नारी निकेतन से न्यायालय ले जाई जा रही एक लड़की को उसका कथित प्रेमी फिल्मी अंदाज में महिला होमगार्ड की हिरासत से छुड़ाकर अपनी बाइक पर बिठा कर फरार हो गया। 29 जनवरी को अमृतसर के न्यायिक परिसर से कर्ण मस्ती नामक खतरनाक गैंगस्टर पुलिस पार्टी को चकमा देकर फरार हो गया। 

31 जनवरी को उत्तर प्रदेश के ‘जेवर’ में नकली डी.एस.पी. बन कर युवकों को पुलिस और सेना में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगने का आरोपी पुलिस की हिरासत से फरार हो गया। बंदी अपराधियों का जेलों, अस्पतालों, अदालतों और पुलिस कर्मचारियों के कब्जे से फरार होना मुख्यत: उनकी सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों की चूक और लापरवाही, दोस्ती और रिश्वत देने का ही प्रमाण है। अत: ऐसी घटनाएं रोकने के लिए अपराधियों के मामलों की सुनवाई या तो जेलों के अंदर या वीडियो कांफ्रैंसिंग से की जाए या कचहरियों में शौच आदि के पक्के प्रबंध किए जाएं। यदि ऐसा नहीं किया जाएगा तो कैदी इसी तरह पुलिस हिरासत से फरार होते रहेंगे जिससे कानून व्यवस्था का मजाक उड़ता रहेगा और अन्य अपराधियों के हौसले भी बढऩे लगेंगे।—विजय कुमार

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