नितिन गडकरी ने अफसरों को आर्थिक संकट बारे दी चेतावनी

Thursday, Dec 26, 2019 - 01:38 AM (IST)

इस समय सरकार देश की विकास दर में पिछले 6 साल की सबसे बड़ी गिरावट से जूझ रही है। कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, सीमैंट और बिजली उद्योग में भारी सुस्ती के चलते कोर सैक्टर के प्रमुख उद्योगों के उत्पादन में अगस्त महीने में 0.50 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई जो पिछले 45 महीनों में औद्योगिक उत्पादन में आने वाली सर्वाधिक गिरावट थी। इसी वर्ष अक्तूबर में भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रह्मïण्यम स्वामी ने देश की अर्थव्यवस्था के वर्तमान संकट के लिए नोटबंदी और जल्दबाजी में लागू किए गए जी.एस.टी. को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि ‘‘देश सही आर्थिक नीतियां नहीं अपना रहा।’’ 

यही नहीं 30 नवम्बर को उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘वर्तमान दौर में देश की जी.डी.पी. विकास दर 4.5 प्रतिशत नहीं बल्कि 1.5 प्रतिशत है।’’ उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर भी निशाना साधते हुए कहा कि ‘‘उन्हें इकोनॉमिक्स नहीं आती।’’और अब 22 दिसम्बर को भाजपा के ही वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अपने मंत्रालय की विभिन्न परियोजनाओं में फंसी रकम व देश की अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव पर टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि ‘‘मैंने वरिष्ठ अधिकारियों को कहा कि विभिन्न परियोजनाओं में 89,000 करोड़ रुपए फंसे होने के कई मामले हैं। मैं आपको यह नहीं बता रहा हूं कि क्या करना है मैं आपको सिर्फ इतना बता रहा हूं कि देश की अर्थव्यवस्था चुनौतीपूर्ण दौर में है अत: देश में कैश की लिक्विडिटी (प्रवाह) कम होने के कारण फैसले जल्द लेने की जरूरत है।’’ 

विभिन्न परियोजनाओं में अकेले श्री गडकरी के मंत्रालय के 89,000 करोड़ रुपए फंसे होने से ही अनुमान लगाया जा सकता है कि जब एक मंत्रालय का यह हाल है तो अन्य मंत्रालयों की क्या स्थिति होगी। भाजपा के 2 वरिष्ठ सदस्यों द्वारा देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर ङ्क्षचता व्यक्त करना मायने रखता है क्योंकि सत्ता प्रतिष्ठान से जुड़े लोग जब अपनी ही सरकार की आलोचना करते हों तो समझा जा सकता है कि स्थिति कितनी गंभीर है।—विजय कुमार

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