देश में रिश्वत लेने का नया तरीका चंद कर्मचारी डिजीटल माध्यमों से रिश्वत लेने लगे

punjabkesari.in Tuesday, Sep 19, 2023 - 04:51 AM (IST)

आजकल लोग जहां बड़ी संख्या में डिजीटल पेमैंट्स कर रहे हैं और देश कैशलैस अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है, ऐसे में रिश्वतखोर कर्मचारियों ने भी नकद रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने के डर से ‘गूगल पे’, ‘फोन पे’, ‘पे टीएम’ आदि यू.पी.आई. माध्यमों के जरिए रिश्वत लेनी शुरू कर दी है। हाल ही में कुछ राज्यों में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा डिजीटल पेमैंट ऐप्स के जरिए रिश्वत लेने के मामले सामने आए हैं। 

* 16 जुलाई को अमृतसर (पंजाब) के पहूविंड सर्कल के पटवारी रणजोध सिंह को विजीलैंस ब्यूरो ने ‘गूगल पे’ के जरिए 4000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ा।
* 7 जून को बिजनौर (उत्तर प्रदेश) में धामपुर तहसील के तहसीलदार कमलेश कुमार को निलंबित किया गया। जांच के दौरान उसके द्वारा अपने ड्राइवर नदीम के खाते में तीन वर्षों में 21 लाख रुपए की रकम के लेन-देन का पता चला, जिसकी उगाही खनन वाहनों की एंट्री के नाम पर की गई। 

* 31 मई को पंजाब स्टेट पावर सप्लाई कार्पोरेशन के लुधियाना फोकल प्वाइंट डिवीजन में तैनात एस.डी.ओ. मोहन लाल तथा एक लाइनमैन हरदीप सिंह को एक व्यक्ति का बिजली कनैक्शन न काटने के बदले में उससे 5000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ा गया। बाद में जांच के दौरान पता चला कि इन दोनों ने उक्त व्यक्ति से 34,000 रुपए की रिश्वत ‘फोन पे’ के जरिए ली थी।
* 23 मई को भार्गव कैम्प, जालंधर में तैनात हैड कांस्टेबल रघुनाथ सिंह ‘फोन पे’ के जरिए 2 किस्तों में 2100 रुपए रिश्वत लेता पकड़ा गया। 
* 9 अप्रैल को कानपुर (उत्तर प्रदेश) में पुलिस कर्मचारियों ने सामानों से लदा एक ट्रक रोका और स्वयं को जी.एस.टी. अधिकारी बता कर सामान के मालिक से 10,000 रुपए रिश्वत ‘गूगल पे’ के माध्यम से ले ली लेकिन जब पीड़ित व्यापारी ने पुलिस कमिश्नर से इस मामले की शिकायत कर दी तो केस दर्ज होते ही रिश्वत लेने वालों ने ‘गूगल पे’ के माध्यम से ही 10,000 रुपए की रकम पीड़ित को वापस भेज दी। 

* 30 मार्च को एक मोटरसाइकिल सवार ने मुम्बई पुलिस के एक कांस्टेबल पर ‘गूगल पे’ के जरिए 500 रुपए रिश्वत लेने का आरोप लगाया।
* 21 फरवरी को मुम्बई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के कस्टम सुपरिंटैंडैंट और एक हवलदार के विरुद्ध ‘गूगल पे’ के जरिए 7000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में केस दर्ज किया गया। 

पंजाब विजीलैंस ब्यूरो के मुख्य निदेशक वीरेंद्र कुमार के अनुसार, ‘‘पिछले कुछ समय के दौरान इस तरह के कम से कम एक दर्जन मामले सामने आए हैं, जिससे रकम के आदान-प्रदान का स्पष्ट सबूत होने के कारण हमारे लिए अदालत में आरोपियों के विरुद्ध आरोप सिद्ध करना आसान हो गया है।’’ 

जहां कुछ सरकारी कर्मचारी डिजीटल माध्यमों से रिश्वत लेकर आसानी से पकड़े जा रहे हैं, वहीं कुछ सरकारी कर्मचारी काफी चालाक सिद्ध हो रहे हैं और रिश्वत की रकम अपने बजाय अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के खातों में भी ऑनलाइन पेमैंट के जरिए वसूल करते पाए गए हैं। हाल ही में एक अधिकारी द्वारा रिश्वत की रकम स्वयं न लेकर अपने एक परिचित दुकानदार के खाते में डलवाने का पता चला। पंजाब के एक अधिकारी के अनुसार ऐसी अनेक शिकायतें मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार रोधी हैल्पलाइन पर मिली हैं जिनकी जांच की जा रही है। ‘गूगल पे’ के जरिए रिश्वत मांगने की शिकायतें मिलने पर पंजाब में अधिकारियों ने आरोपियों के फोनों की रिकाॄडग शुरू करके उनकी फोरैंसिक जांच करवाने के बाद कई आरोपियों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किए हैं। अधिकारियों का कहना है कि रिश्वत के ऐसे मामलों में भ्रष्टाचारियों को सजा दिलवाना आसान हो जाता है। उक्त उदाहरणों से स्पष्ट है कि भ्रष्ट कर्मचारी जल्दी बाज आने वाले नहीं हैं, लिहाजा ऐसे लोगों को पकड़ कर कठोरतम दंड देने की आवश्यकता है ताकि उनके अंजाम से दूसरों को भी नसीहत मिले और वे रिश्वतखोरी की आदत से बाज आएं।—विजय कुमार 


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