देश में कुदरत का कहर लगातार जारी आंधी, वर्षा, बाढ़, बिजली गिरने आदि से भारी तबाही

Saturday, Jul 18, 2020 - 04:30 AM (IST)

जैसा कि हम अक्सर लिखते रहते हैं कुछ समय से देश के हालात देखते हुए अनेक लोगों का कहना ठीक ही लगता है कि शनिदेव नाराज हैं और देश पर साढ़ेसाती आई हुई है। देश में ‘कोरोना’ संक्रमण से 26,208 लोगों की मृत्यु हो चुकी है तथा भारत कोरोना से होने वाली मौतों के मामले में विश्व में तीसरे स्थान पर पहुंच चुका है वहीं कम से कम 10,32,695 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। दूसरी ओर देश में लगातार भूकंप, बाढ़, आसमानी बिजली आदि से जान-माल की भारी हानि हो रही है जिसके चंद ताजा उदाहरण निम्र में दर्ज हैं : 

* 05 जुलाई को गुजरात के कच्छ जिले में 4.2 तीव्रता का भूकंप आया। यह जिला भूकंप के अत्यंत उच्च जोखिम वाले क्षेत्र में आता है। वहां 2001 में आया भूकंप पिछली दो सदियों में भारत का तीसरा सबसे बड़ा और दूसरा सर्वाधिक विनाशकारी भूकंप था। 
* 05 जुलाई को ही मिजोरम में भी 4.2 तीव्रता का भूकंप आया। 

* 08 जुलाई को वर्षा के चलते गुजरात के कई जिले जलमग्न हो गए। राजकोट के खिजादिया गांव में 40 मवेशी भारी वर्षा में बह गए। जाम नगर में नदियां उफान पर आ गईं और अनेक धर्मस्थल पानी में डूब गए।
* गुजरात के राजकोट में साल भर में होने वाली वर्षा का एक तिहाई से ज्यादा पानी 18 घंटों की वर्षा में ही बरस गया। 
* 08 जुलाई को अंडेमान सागर में 4.4 तीव्रता का भूकंप आया।
* 09 जुलाई को तेलंगाना के अनेक क्षेत्रों में 3.0 तीव्रता तथा मिजोरम में 4.3 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। 
* 10 जुलाई को तेज आंधी चलने से पीरबोदला बाजार जालंधर में से गुजर रहे पिता-पुत्र पर तेज आंधी के चलते बिजली की तार गिरने से लगे करंट के परिणामस्वरूप पिता गुलशन और उनके पुत्र मन की मृत्यु हो गई।
* 10 जुलाई को अरुणाचल प्रदेश में हुए भूस्खलन में 7 लोग मारे गए।
* 12 जुलाई को पंजाब में भारी वर्षा और आंधी तथा आसमानी बिजली गिरने से हुई दुर्घटनाओं के चलते 5 लोगों की मृत्यु हो गई।

* 14 जुलाई को भीखी गौशाला की इमारत की छत वर्षा के कारण गिर जाने से 4 मवेशियों की मौत और 10 के लगभग मवेशी घायल हो गए।
* 15 जुलाई को ही अबोहर में मकान की छत गिरने से 6 वर्षीय बच्ची तथा उसके बड़े भाई की मृत्यु हो गई। 
* 16 जुलाई को मकान की छत गिरने से एक 12 वर्षीय बच्ची की मृत्यु और उसके परिवार के 3 सदस्य घायल हो गए जबकि मुम्बई में विभिन्न इमारतें गिरने से 4 लोगों की मृत्यु और 18 अन्य घायल हुए।
* 16 जुलाई तक असम के बाढग़्रस्त 27 जिलों में कम से कम 71 लोगों और काजीरंगा नैशनल पार्क के 6 गैंडों सहित कम से कम 76 वन्य जीवों की मौत हो चुकी है तथा 450 से अधिक गांवों में 40 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। इनमें से 50,000 से अधिक लोगों को राहत कैम्पों में ठहराया गया है। 

* 16 जुलाई को गुजरात, असम और कश्मीर के चिनाब क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर भूकंप के तीव्र झटके महसूस किए गए। 
* 17 जुलाई को हिमाचल प्रदेश में शिमला-सोलन सड़क पर पुराने बैरियर के निकट भूस्खलन में एक व्यक्ति की मौत हो गई। 
* 17 जुलाई को अंडेमान-निकोबार द्वीप समूह व मिजोरम के चंफाई जिले में 4.8 तीव्रता और 4.2 तीव्रता के भूकम्प के झटके महसूस किए गए। 
 * यही नहीं भारी वर्षा के कारण नेपाल और चीन की नदियों में बाढ़ के परिणामस्वरूप बिहार में भारी बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है जिससे हजारों गांव जलमग्न और लाखों लोग बेघर हो चुके हैं।

* बिहार और असम में राहत एवं बचाव कार्य के लिए 98 टीमें लगाई गई हैं तथा वहां हजारों एकड़ भूमि में खड़ी फसलें नष्ट हो गई हैं।
* बिहार, उत्तर प्रदेश और बंगाल में 15 मई के बाद से अब तक आसमानी बिजली गिरने से 400 के लगभग लोगों की मृत्यु हो चुकी है। 
प्रकृति के प्रकोप से देश में हो रहे विनाश और आने वाली आपदाओं के ये तो कुछ उदाहरण मात्र हैं। शनि देव नाराज हैं या नहीं यह अलग बात है, परंतु इस समय जो कुछ हो रहा है, उसके पीछे कुछ तो बात है! शायद कुदरत चेतावनी दे रही है कि अभी भी संभल जाओ और मुझ से छेड़छाड़ करना बंद कर दो वर्ना यदि मेरा क्रोध और बढ़ा तो तुम्हें इससे भी अधिक विनाश के हृदय विदारक दृश्य देखने पड़ेंगे। —विजय कुमार 

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