‘रूस में सैनिकों का विद्रोह’ देश में गृहयुद्ध का खतरा बढ़ा

Sunday, Jun 25, 2023 - 04:46 AM (IST)

यूक्रेन पर हमला करने के सवा वर्ष बाद भी रूस का तानाशाह पुतिन उसे हथियार डालने के लिए विवश करने में सफल नहीं हुआ है। अमरीकी सैन्य मुख्यालय ‘पैंटागन’ के 16 अप्रैल, 2023 तक के आंकड़ों के अनुसार इस युद्ध में यूक्रेन के लगभग 1,31,000 नागरिक व सैनिक और रूस के लगभग 2,23,000 नागरिक  व सैनिक मारे जा चुके हैं। इसी बीच अचानक पुतिन के लिए काम करने वाले प्राइवेट सैनिकों की सेना ‘वैगनर ग्रुप’ ने पुतिन के विरुद्ध बगावत कर दी है। उसने रोस्तोव (रूस) में अपने लड़ाकों और टैंकों को उतार दिया है तथा वोरोनेज और रोस्तोव शहरों और एयरपोर्ट समेत कई शहरों में डेरा जमा लिया है। 

‘वैगनर ग्रुप’ का मुख्यालय सेंट पीटर्सबर्ग (रूस) में है। पूर्व सैनिकों सहित इसमें शामिल 80 प्रतिशत से अधिक लोग अपराधी रह चुके हैं और इसका मुखिया ‘येवेगनी पिं्रगोझिन’ स्वयं एक घोषित अपराधी है जो कई बड़े अपराधों में वांछित रहा है। किसी समय पुतिन का करीबी रहा ‘येवेगनी प्रिगोझिन’ जेल से छूटकर स्नैक्स  बेचने लगा और फिर किसी समय पुतिन का खानसामा बन गया था। आज इसकी रूस में अनेक रेस्तरां की चेन है व इसका नैटवर्क 18 अन्य देशों में भी है। 

कुछ माह पहले ‘वैगनर ग्रुप’ ने रूसी सेना द्वारा यूक्रेन पर हमले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जहां यूक्रेनियों की हत्या करने और अन्य गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इसके 50,000 लड़ाके तैनात थे। ‘वैगनर ग्रुप’ को रूस के हर शहर की जानकारी होने के कारण यह पुतिन के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। इस ग्रुप का आरोप है कि पुतिन उसकी सहायता तो चाहता है पर पैसे नहीं देना चाहता। ‘वैगनर ग्रुप’ की बगावत का एक कारण रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई सोइगु के आदेश पर रूसी सेना द्वारा उनके कैम्प पर मिसाइल से तथा काफिले पर लड़ाकू विमानों द्वारा किए गए हमले हैं जिनमें उसके कई सैनिक मारे गए। 

इन्हीं कारणों से ‘येवेगनी प्रिगोझिन’ ने मास्को को सजा देने और बदला लेने की कसम खाई है तथा यूक्रेनी सेना से मिल कर पुतिन के विरुद्ध बगावत करते हुए रूस में सैन्य सत्ता को पलटने के लिए अपना और अपने 25000 लड़ाकों का बलिदान देने के लिए तैयार होने की घोषणा कर दी है और इसके लड़ाकों ने रूस का एक लड़ाकू विमान व 2 हैलीकाप्टर भी मार गिराए हैं। दूसरी ओर रूस की ‘फैडरल सिक्योरिटी सर्विस’ ने ‘येवेगनी प्रिगोझिन’ पर सशस्त्र विद्रोह का आरोप लगाते हुए उसकी गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया है तथा उसके सैनिकों से अपील की है कि वे उसका आदेश न मानें। ‘वैगनर ग्रुप’ की बगावत से निपटने के लिए रूस की विशेष सेनाओं ने मास्को के चारों ओर नाकेबंदी कर दी है तथा रूस की संसद (ड्यूमा) की सुरक्षा के लिए टैंक तैनात कर दिए हैं। 

इस बगावत के बीच रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने देशवासियों के नाम अपने संबोधन में कहा है कि ‘वैगनर ग्रुप’ ने रूस की सेना को चुनौती दी है। उन्होंने इसके विरुद्ध सैन्य कार्रवाई करने तथा विद्रोही नेताओं को मारने के आदेश दिए हैं और कहा है कि ‘‘हम वैगनर के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे। रूसी सेना वैगनर ग्रुप के सशस्त्र विद्रोह को कुचलकर रख देगी।’’ उधर ‘वैगनर ग्रुप’ ने भी पुतिन से सीधी टक्कर लेते हुए बड़ी धमकी दे दी है कि ‘‘पुतिन ने गलत चुनाव कर लिया है, जिसका उन्हें खमियाजा भुगतना पड़ेगा और रूस में जल्द ही नया राष्ट्रपति होगा।’’ वैगनर की धमकी के बाद मास्को में सभी सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं तथा एमरजैंसी लागू कर दी गई है।
इस बीच जहां 24 जून को रूस के नवीनतम हालात पर इंगलैंड की ‘कोबरा कमेटी’ ने चर्चा की है, वहीं ‘वैगनर ग्रुप’ के लड़ाकों ने मास्को की ओर बढऩा शुरू कर दिया जिन्हें रोकने के लिए रास्ते बंद किए जाने लगे  हैं तथा देश में मार्शल लॉ लगाने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। 

‘वैगनर ग्रुप’ के समर्थकों तथा विरोधियों के बीच झड़पों के अलावा देश के कई शहरों में हिंसा शुरू हो गई है। चूंकि रूस में ‘येवेगनी पिं्रगोझिन’ के समर्थक भी काफी संख्या में हैं, अत: राष्ट्रपति पुतिन की मश्किलें बढऩा तय है। यदि हालात काबू में न आए तो रूस में गृह युद्ध भी छिड़ सकता है।—विजय कुमार

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