सांसद अब बिना टैक्स दिए देश भर के टोल प्लाजाओं से गुजर सकेंगे

Saturday, Mar 05, 2016 - 12:56 AM (IST)

राष्ट्रीय समस्याओं पर हमारी संसद एवं विधानसभाओं में चर्चा के दौरान सदस्यों में सहमति नहीं हो पाती और इसी कारण प्राय: संसद और विधानसभाओं की कार्रवाई ठप्प होने के अलावा सदस्यों में मारा-मारी भी होती रहती है। परंतु अपनी सुविधाओं, वेतन-भत्तों में वृद्धि आदि के मामले में सभी सदस्य मतभेद भुुलाकर एक हो जाते हैं और अपनी मांगें मनवाने में देर नहीं लगाते। यहां तक कि छोटी-छोटी सुविधाएं लेने में भी संकोच नहीं करते। 

 
देश में 350 टोल प्लाजाओं में से 290 पर तो सांसदों को टोल टैक्स से छूट प्राप्त थी परंतु 60 पर उन्हें टोल टैक्स देना पड़ता था और वे इन पर भी टोल टैक्स से छूट की मांग करते आ रहे थे। सांसदों की इस मांग के दृष्टिïगत सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस आशय के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है और जल्दी ही इन्हें देश के सभी 350 टोल प्लाजाओं पर टोल टैक्स से छूट मिल जाएगी। 
 
यहां यह बात भी दिलचस्पी से खाली नहीं है कि सड़क मार्ग मंत्रालय और राष्ट्रीय राज मार्ग प्राधिकरण ने यह बताने से इंकार कर दिया है कि सांसदों को टोल टैक्स में छूट देने से अभी तक राजस्व का कितना नुक्सान हुआ है। जो भी हो, इतना निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि यदि हमारे सांसद यह सुविधा न भी मांगते तो इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पडऩे वाला था क्योंकि पहले ही वे भारी-भरकम वेतन और भत्ते प्राप्त कर रहे हैं। इसके विपरीत टोल प्लाजाओं से गुजरने वाले आम वाहनों के अलावा इनके आसपास के गांवों में रहने और रोज अप-डाऊन करने वाले नौकरीपेशा लोगों तथा व्यापारियों आदि को होने वाली परेशानी तो कहीं अधिक है क्योंकि उन्हें रोज ही टैक्स भरना पड़ता है या मासिक पास बनवाना पड़ता है। 
 
अत: अच्छा होता यदि सांसदों के लिए उक्त टोल प्लाजाओं से गुजरने का टैक्स माफ करने के स्थान पर जिन टोल प्लाजाओं से गुजरने पर उन्हें टैक्स नहीं देना पड़ता था वहां से गुजरने के लिए भी उनसे टोल टैक्स वसूल किया जाता। तब उन्हें पता चलता कि जेब पर बोझ पडऩे के अलावा  लम्बी-लम्बी कतारों में लगकर कितना समय बर्बाद होता है और कितनी परेशानी का अलग से सामना करना पड़ता है। ऐसा होने पर ही उन्हें आम जन की पीड़ा का अहसास होता और वे सबके लिए टोल टैक्स माफ करने की मांग करते।  
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