स्वर्ण तस्करों और विमान कर्मचारियों का नापाक गठबंधन

punjabkesari.in Tuesday, Jun 13, 2017 - 10:48 PM (IST)

हालांकि सरकार कई वर्षों से देश में अवैध तरीके से सोने व अन्य मूल्यवान वस्तुओं की तस्करी रोकने के प्रयास कर रही है तथा इसने इसके लिए अनेक कानून भी बनाए हैं परंतु तस्कर भी इसके नित नए तरीके खोज कर सरकार के प्रयासों को नाकाम कर रहे हैं। इस संबंध में तस्करों को हवाई अड्डों के कर्मचारियों, विमान चालक दल के सदस्यों और हवाई अड्डïों पर कार्यरत विभिन्न सरकारी तथा निजी एजैंसियों के कर्मचारियों आदि से सहायता मिल रही है : 

23 जुलाई, 2016 को मुम्बई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर केन्या एयरवेज के क्रू सदस्य ‘टेडी मुतूमा मुथïी’ को 2.25 करोड़ रुपए के 7.5 किलो सोने के साथ गिरफ्तार किया गया। 10 अगस्त को मुम्बई में एयरपोर्ट पर एयर इंडिया का एक सीनियर पायलट जेद्दा से लाए हुए 15 लाख रुपए मूल्य के सोने सहित पकड़ा गया। 18 फरवरी, 2017 को मुम्बई में ही कस्टम यूनिट के सदस्यों ने सऊदी अरेबियन एयरलाइन्स के ग्राऊंड स्टाफ के सदस्य ‘गोया अहमद सिराज’  से 2100 ग्राम सोना बरामद किया जो उसने ट्राऊजर की जेब में छिपा रखा था। 

05 अप्रैल को मुम्बई एयरपोर्ट पर ही बैंकाक एयरवेज के सिक्योरिटी अधिकारी ‘अमित भोसतेकर’ को एक अन्य व्यक्ति के साथ गिरफ्तार करके उनसे 78 लाख रुपए मूल्य का 3 किलो सोना बरामद किया गया। 27 मई को नई दिल्ली में आई.जी.आई. हवाई अड्डों पर एयर इंडिया के विमान द्वारा रियाद से आए तस्कर को 80 लाख रुपए के 2800 ग्राम सोने के साथ गिरफ्तार किया गया। वह हवाई अड्डïे पर कार्यरत एक एजैंसी के कर्मचारी की मार्फत इसे हवाई अड्डों से बाहर निकालने की कोशिश में था। 

01 जून को मुम्बई में ही जैट एयरवेज के सीनियर सर्विस सुपरवाइजर नदीम अंसारी को ‘डायरैक्टरेट आफ रैवेन्यू इंटैंलीजैंस’ (डी.आर.आई.) के अधिकारियों ने दुबई से लाए हुए 4.5 किलो सोने के 5 पाऊचों सहित हवाई अड्डों परिसर से बाहर निकलने की कोशिश करते हुए पकड़ा। यह सोना एयरलाइन की बस में रखा हुआ था। इसे उसने वहां से निकाल कर हवाई अड्डों के बाहर उस व्यक्ति के हवाले करना था जो इसे दुबई से लेकर आया था। चूंकि घटना के समय अंसारी हवाई अड्डों पर ड्यूटी पर मौजूद नहीं था लिहाजा विमान सेवा की बस के ड्राइवर और डी.आर.आई. के अधिकारियों द्वारा पूछताछ के दौरान संतोषजनक उत्तर न देने के कारण वह पकड़ा गया।

कस्टम अधिकारियों के अनुसार विमानन कर्मियों से तस्करी करवाने और माल ठिकाने पर पहुंचाने के बदले में उन्हें भारी-भरकम रकम दी जाती है। नदीम अंसारी सोने की तस्करी करने वाले सिंडीकेट के लिए 5-6 महीनों से काम कर रहा था। वह विदेश से सोने की 2-3 खेपें ला चुका था तथा उसे एक खेप लाने के बदले में 1.25 लाख रुपए मिलते थे। घटना के दिन वह ड्यूटी पर नहीं था परंतु इसी काम के लिए हवाई अड्डों में मौजूद था। हवाई कर्मचारियों व तस्करों के नापाक गठबंधन से ही यह धंधा चल रहा है जो नदीम अंसारी की गिरफ्तारी से एक बार फिर सिद्धï हो गया है। 

डी.आर.आई. के तत्कालीन महानिदेशक नजीब शाह ने कहा था कि ‘‘एक खास विमान सेवा के चालक दल के सदस्य और स्टाफ बार-बार कस्टम की पड़ताल से बच निकलते हैं जो सुरक्षा संबंधी बहुत बड़ा जोखिम है। लिहाजा ऐसे कर्मचारियों का सफाया किया जाए।’’ वह विमान सेवाओं के प्रबंधकों को कई बार अपने कर्मचारियों को यह निर्देश देने के लिए कह चुके हैं कि ड्यूटी खत्म होते ही वे अपने एयरपोर्ट एंट्री पास, अपने कार्यालयों में जमा करवा दें परंतु इन आदेशों का पालन नहीं हो रहा। 

हालांकि एयर इंडिया तथा अन्य विमान सेवाओं ने भी सोने की तस्करी की इन घटनाओं को छिटपुट एवं निजी मामले बताकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है परंतु इस तथ्य से इंकार नहीं किया जा सकता कि विमान सेवाओं के कर्मचारी तस्करी जैसी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए जा रहे हैं जिसे रोकने के लिए कड़े कानूनी प्रावधान किए जाने चाहिएं। विमान सेवाओं के कर्मचारियों को भारी-भरकम वेतन मिलता है जिसके बावजूद तस्करी जैसे राष्ट्र विरोधी कृत्य में शामिल होना देशद्रोह के समान है।—विजय कुमार 


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