‘चंद कर्मियों की करतूतें’ ‘बन रहीं पुलिस की बदनामी का कारण’

Friday, May 26, 2023 - 03:20 AM (IST)

हालांकि पुलिस विभाग पर लोगों की सुरक्षा का जिम्मा होने के नाते उनसे अनुशासित होने की अपेक्षा की जाती है, परन्तु आज देश में चंद पुलिसकर्मी अपने कृत्यों के कारण आलोचना के पात्र बनने के साथ-साथ अपने विभाग की बदनामी का कारण बन रहे हैं इसके केवल इसी महीने के उदाहरण नीचे दिए जा रहे हैं:- 

* 3 मई को लखनऊ में पुलिस के एक सिपाही को बिना नम्बर के स्कूटर पर सवार होकर एक स्कूली छात्रा का पीछा और उससे छेड़छाड़ करने के आरोप में निलंबित और गिरफ्तार किया गया। 
* 10 मई को कानपुर में एक दारोगा के विरुद्ध एक पीड़ित महिला की शिकायत पर कार्रवाई करने की बजाय उलटा उसे अश्लील मैसेज भेजने और उस पर दोस्ती के लिए दबाव डालने तथा इंकार करने पर पीड़िता के पति पर ही मुकद्दमा दर्ज करने और पीटने के आरोप में केस दर्ज किया गया। 

* 14 मई को जमुई (बिहार) के झाझा थाने में अपने पति और बहन के साथ शिकायत लिखवाने पहुंची महिला को 2 दारोगाओं ने जातिसूचक गालियां निकालीं, उसके पति को पीटने और उसे छोडऩे की एवज में 10,000 रुपए रिश्वत मांगने के अलावा थाने की बत्तियां बुझा कर दोनों बहनों के साथ छेडख़ानी करने के अलावा उन्हें भी पीट डाला।

* 23 मई को गुरदासपुर में नशे में धुत्त होमगार्ड एक रेहड़ी पर 20 रुपए के गोलगप्पे खाने के बाद रेहड़ी वाले को पैसे देने की बजाय उस पर वर्दी की धौंस जमाने लगा और घटना का वीडियो बनाने वाले लोगों पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद अधिकारियों ने उसे लाइन हाजिर कर दिया है। 

* 23 मई को ही नागपुर (महाराष्ट्र) में हाईकोर्ट के एक जज की कोठी पर तैनात कांस्टेबल को परिवार के सदस्यों की अनुपस्थिति में गैराज से उनकी लग्जरी कार निकाल कर ले जाने और टक्कर मार कर क्षतिग्रस्त करने के आरोप में नौकरी से बर्खास्त किया गया।

* 24 मई को किशनगंज (बिहार) में अपने पति की खोज में भटक रही महिला को अपने सरकारी आवास में रख कर उससे बलात्कार करने के आरोप में ‘टेेढ़ागाछ’ थाने के थानेदार के विरुद्ध केस दर्ज किया गया। अत: ऐसा करने वाले पुलिस कर्मियों को कठोर और शिक्षाप्रद दंड देने की आवश्यकता है क्योंकि इस प्रकार का लापरवाही और गलत आचरण सुरक्षा व्यवस्था के लिए खतरा सिद्ध हो रहा है।—विजय कुमार 

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