मंत्री ने मारा छापा केवल 1 अधिकारी उपस्थित, 56 ‘लापता’

punjabkesari.in Wednesday, Jan 26, 2022 - 07:30 AM (IST)

हम शुरू से ही लिखते आ रहे हैं कि हमारे मंत्रियों, नेताओं और अधिकारियों को अपने राज्यों में सड़क मार्ग से यात्रा करनी चाहिए और इस दौरान वे किसी स्कूल, अस्पताल या सरकारी दफ्तर में बिना पूर्व सूचना के अचानक पहुंच जाएं तो उस इलाके के अन्य सरकारी प्रतिष्ठानों का कार्य स्वत: ही कुछ सुधर जाएगा। 2016 में पंजाब की शिअद सरकार में शिक्षा मंत्री श्री दलजीत सिंह चीमा के निर्देश पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने लंबी छुट्टी लेकर विदेशों में बैठे अध्यापकों के विरुद्ध कार्रवाई करके अनेक अध्यापकों की सेवाएं समाप्त भी की थीं। 

इसी प्रकार जम्मू-कश्मीर के स्कूल शिक्षा बोर्ड ने पिछले 2 महीनों में लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे 26 अध्यापकों की सेवाएं समाप्त की हैं। अब यह सिलसिला देश के कुछ अन्य राज्यों में भी शुरू हुआ है तथा मातहत स्टाफ के अलावा स्वयं मंत्रीगण भी छापे मार रहे हैं। इसी सिलसिले में गत 21 जनवरी को सुबह 9.10 बजे हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डा. कमल गुप्ता (भाजपा) ने हिसार स्थित ‘हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण’ (एच.एस.वी.पी.) के कार्यालय में छापा मारा तथा अंदर प्रवेश करते ही कार्यालय का गेट बंद करवा दिया ताकि कोई भी लेट-लतीफ कर्मचारी अंदर न आ सके। 

कार्यालय में उस समय उन्होंने केवल सब डिवीजनल इंजीनियर (एस.डी.ई.) को ही मौजूद पाया तथा 56 कर्मचारी अनुपस्थित थे, जिस पर मंत्री ने रजिस्टर में उन सबकी गैर हाजिरी अंकित कर दी तथा कहा कि सभी अनुपस्थित पाए गए कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाएंगे। 

बेशक सरकारी विभागों में अनियमितताओं का पता लगाने के लिए छापेमारी का यह सिलसिला सराहनीय है परंतु इनकी गति कुछ धीमी है। अत: एक निश्चित कार्यशैली निर्धारित करके सुनियोजित ढंग से इन्हें तेज करने और नियमित रूप से जारी रखने की आवश्यकता है। जितने अधिक छापे मारे जाएंगे, सरकारी स्टाफ में उतनी ही मुस्तैदी आएगी और आम लोगों तथा जनता को कुछ राहत एवं सुविधा प्राप्त होगी। इसके साथ ही जिन राज्यों में औचक छापेमारी नहीं की जा रही, वहां भी यह सिलसिला शुरू होना चाहिए, ताकि वहां के लोगों को भी राहत मिले।—विजय कुमार  


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