‘कैसे और कब लड़का होगा या लड़की’ ‘मराठी उपदेशक का भ्रामक बयान’

punjabkesari.in Sunday, Jun 18, 2023 - 04:51 AM (IST)

संत-महात्मा और उपदेशक देश एवं समाज का मार्गदर्शन करते हैं, परंतु कुछ इसके विपरीत आचरण करते हैं तथा लोगों को गलत सलाह देकर खुद अपनी बदनामी का कारण बन रहे हैं। इसी सिलसिले में ‘बांबे हाईकोर्ट’ की औरंगाबाद पीठ के न्यायमूर्ति के.सी. संत ने एक महिला वकील की याचिका पर पुलिस को लोकप्रिय मराठी उपदेशक ‘निवृत्ति महाराज इंदुरीकर’ के विरुद्ध मामला दर्ज करके उनसे पुत्र के जन्म बारे दिए गए बयान पर स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया है। 

अहमदनगर के एक गांव में ‘यौन संबंध बनाने के समय’ और ‘बच्चे की लैंगिक पहचान’ बारे प्रवचन में ‘निवृत्ति महाराज इंदुरीकर’ ने कहा था कि ‘‘सम (इवन) संख्या वाली तारीख पर संबंध बनाने से पुत्र तथा विषम (ऑड) संख्या वाली तारीख पर संबंध बनाने से पुत्री का जन्म होता है।’’वैज्ञानिक तथ्यों के विपरीत बयान देने के कारण ‘निवृत्ति महाराज इंदुरीकर’ पर गर्भाधान पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई की जा सकती है।प्रजनन विशेषज्ञों के अनुसार पीरियड्स (मासिक चक्र) के कितने दिन बाद गर्भ ठहरेगा, यह महिलाओं के ओवरी से निकलने वाले अंडे पर निर्भर करता है। इसी से अनुमान लगाया जाता है कि गर्भधारण होगा या नहीं। 

पीरियड्स के लगभग 14 दिन बाद संबंध बनाने पर गर्भधारण की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है क्योंकि मासिक चक्र के 14 दिन बाद ही अंडे का ओवरी से निकलने का सही समय होता है। स्पष्ट है कि ‘निवृत्ति महाराज इंदुरीकर’ का बयान विज्ञान की कसौटी पर कहीं खरा नहीं उतरता। अत: इस संबंध में विशेषज्ञों की सलाह लेने में ही भलाई है। उल्लेखनीय है कि कुछ वर्ष पहले तक भारत में अल्ट्रासाऊंड विधि द्वारा ङ्क्षलग निर्धारण परीक्षण किए जाते थे परंतु अब इस पर सरकार ने कठोर प्रतिबंध लगा दिया है जबकि विश्व के कुछ देशों में इसकी अनुमति है।—विजय कुमार


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