भ्रष्टाचार में ऊपर से नीचे तक डूबे ‘अनेक सरकारी अधिकारी और कर्मचारी’

punjabkesari.in Thursday, Apr 12, 2018 - 03:36 AM (IST)

‘ट्रांसपैरेंसी इंटरनैशनल’ के अनुसार रिश्वतखोरी के मामले में भारत एशिया भर में अव्वल है तथा गत वर्ष दो-तिहाई लोगों ने माना कि उन्हें सरकारी शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस, पहचानपत्र और अन्य जन उपयोगी आधारभूत सेवाओं के लिए भी सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत देनी पड़ी। अंतर्राष्ट्रीय ‘फोब्र्स’ पत्रिका के अनुसार भी एशिया महाद्वीप के शीर्ष 5 भ्रष्टï देशों में भारत का स्थान सबसे ऊपर है व रिश्वत मांगने के मामले में पुलिस विभाग सबसे आगे है। पेश हैं सरकारी विभागों के अधिकारियों तथा कर्मचारियों से जुड़ी भ्रष्टाचार की मात्र एक सप्ताह में सामने आई चंद घटनाएं : 

03 अप्रैल को चित्तौडग़ढ़ में हाथ के फ्रैक्चर का आप्रेशन करने की एवज में शिकायतकत्र्ता से 5000 रुपए रिश्वत लेते हुए जिला चिकित्सालय का हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. संजय मीणा तथा एक दलाल गिरफ्तार। 03 अप्रैल को झारखंड में शिकारीपाड़ा अंचल का एक क्लर्क महेश गुप्ता भूमि विवाद निपटाने के बदले 4000 रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। 04 अप्रैल को दिल्ली विकास प्राधिकरण का प्रधान आयुक्त जे.पी. अग्रवाल व 2 अन्य 4 लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप में पकड़े गए। 05 अप्रैल को शराब से लदे एक टैम्पो को छोडऩे के बदले में 5000 रुपए लेता हरियाणा के सारन थाने में तैनात हवलदार सतीश पकड़ा गया। 

05 अप्रैल को बिहार में ‘पकड़ी दयाल’ के ब्लाक एजुकेशन अधिकारी बिन्दा राम को 65,000 रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। 05 अप्रैल को ठाणे में पुलिस इंस्पैक्टर राजन नारायण जगताप 1 लाख रुपए तथा कांस्टेबल अंकुश मंगल 25000 रुपए रिश्वत लेते हुए काबू। 05 अप्रैल को हरियाणा के हिसार में ड्यूटी पी.सी.आर.-4 पर तैनात ए.एस.आई. रणधीर सिंह को 1,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। वह शिकायतकत्र्ता को झूठे केस में फंसाने की धमकी दे रहा था। 06 अप्रैल को अबोहर में सतर्कता ब्यूरो ने हैड कांस्टेबल कौर सिंह को एक व्यक्ति से 3,000 रुपए रिश्वत लेते हुए दबोचा। 

06 अप्रैल को ऊना में हिमाचल पुलिस सेवा के अधिकारी मदन लाल कौशल व हैड कांस्टेबल बृजभूषण के विरुद्ध कथित रूप से जिले में ड्रग माफिया की मदद करने के बदले में क्रमश: 25,000 रुपए व 4000 रुपए मासिक रिश्वत लेने के आरोप में केस दर्ज करके उन्हें निलंबित किया गया। 06 अप्रैल को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में रिश्वत लेकर नौकरी दिलवाने के घोटाले के संबंध में आयोग की गोपनीय शाखा के कर्मचारियों सहित 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया। 06 अप्रैल को तेलंगाना के भ्रष्टïाचार निरोधक ब्यूरो ने 2 वकीलों से उनके मुवक्किल को रिहा करने के बदले में 60,000 रुपए रिश्वत लेने के आरोप में एक जूनियर सिविल जज एस. मधु के विरुद्ध केस दर्ज किया। 06 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के मेरठ में आपूर्ति विभाग के निरीक्षक व उसके दलाल को 20,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोचा गया। 

07 अप्रैल को चेन्नई में विस्फोटक, पैट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन का मुख्य नियंत्रक ए.के. यादव विस्फोटक कानून के अंतर्गत लाइसैंस जारी करने के बदले में 30,000 रुपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। 08 अप्रैल को सिवनी में लोकायुक्त पुलिस ने पिछड़ा वर्ग विकास विभाग के सहायक आयुक्त विशाल श्रीवास को छात्रवृत्ति आदि जारी करने के बदले 1 लाख 40 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोचा। 10 अप्रैल को विजीलैंस टीम ने फैक्टरी के प्रोवीजनल ट्रांसफर लैटर के बदले में कुंडली के एच.एस.आई.आई.डी.सी. के अधिकारियों के नाम पर 1 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए बिचौलिए को गिरफ्तार किया। 11 अप्रैल को सोनीपत की विजीलैंस की टीम ने फैक्टरी मालिक से 20 लाख रुपए रिश्वत मांगने के आरोपी एच.एस.आई.आई.डी.सी. कुंडली के सीनियर मैनेजर एस.के. कटारिया को काबू किया। 

स्पष्ट है कि एक ओर जहां अधिकारी लाखों में रिश्वत ले रहे हैं वहीं उनकी देखा-देखी अधीनस्थ कर्मचारी भी जितनी मिल जाए रिश्वत लेने में उनसे कतई पीछे नहीं रहना चाहते। भारत इस मामले में चीन से सीख सकता है जहां व्यापक स्तर पर चलाए जा रहे भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के दायरे में बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी आ चुके हैं तथा अनेकों को सख्त सजा भी दी गई है। भारत में भी पकड़े जाने वाले भ्रष्टाचारियों को त्वरित और शिक्षाप्रद सजा दी जानी चाहिए ताकि दूसरों को सबक मिले और समाज में शुचिता आए।—विजय कुमार


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