पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने गिनाए देश सम्मुख तीन संकट लेकिन संकट तो और भी हैं !

Friday, Mar 13, 2020 - 12:30 AM (IST)

पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने कोरोना वायरस, आर्थिक सुस्ती और सी.ए.ए. का विरोध देश के सामने मौजूद 3 संकट बताते हुए कहा है कि ‘‘इससे भारत के आंतरिक सामाजिक ढांचे को नुक्सान पहुंचेगा और इन हालात में देश का विकास कैसे होगा?’’‘‘इस समय देश की वर्तमान स्थिति अत्यंत गंभीर और खराब है। ये खतरे न सिर्फ संयुक्त रूप से भारत की आत्मा को चोट पहुंचाएंगे बल्कि देश की अंतर्राष्ट्रीय छवि को भी हानि पहुंचाएंगे।’’ ‘‘जिस भारत को हमने संजोकर रखा है और जिसे हम जानते हैं वह बहुत तेजी से ओझल हो रहा है।’’इन्हीं सब बातों को देखते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि ‘‘केवल बातें नहीं, काम करने की जरूरत है।’’ 

उन्होंने सरकार को इन तीनों चुनौतियों से पार पाने के रास्ते भी बताए और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को अपने कार्यों से यह भरोसा दिलाना चाहिए कि देश इन चुनौतियों से पार पाने में सक्षम है। डा. सिंह ने भारत को कोरोना के खतरे को रोकने के लिए हर प्रयास पर ध्यान केंद्रित करने और देश में जारी विरोध-प्रदर्शनों और हिंसा को रोकने के लिए सी.ए.ए. कानून में संशोधन या इसे वापस लेकर राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने,  आॢथक सुस्ती से निपटने के लिए उपभोग को बढ़ावा देने और सतर्कतापूर्वक राजकोषीय प्रोत्साहन योजना पर ध्यान देने की सलाह दी है। 

परंतु और भी अच्छा होता यदि वह देश को दरपेश कुछ अन्य गंभीर समस्याओं की ओर भी सरकार का ध्यान दिलाते जिनमें लगातार बढ़ रही महंगाई, बेरोजगारी, हत्याएं, लूटमार और बलात्कार आदि शामिल हैं। यही नहीं, कोरोना वायरस के विश्वव्यापी प्रकोप के कारण विश्व की अर्थव्यवस्था तबाही के कगार पर पहुंच गई है और शेयर बाजार धड़ाम हो जाने से निवेशकों का अरबों रुपए का नुक्सान हो चुका हैै। अत: डा. मनमोहन सिंह के गिनाए हुए संकटों के साथ-साथ उक्त समस्याओं का भी सामना करने के लिए मोदी सरकार को अन्य सभी पक्षों को साथ लेकर चलने तथा सभी मोर्चों पर त्वरित और गंभीर प्रयास करने की तत्काल जरूरत है।—विजय कुमार 

Advertising