‘मलयाली फिल्म अभिनेत्रियों ने उजागर किया’ ‘केरल फिल्म उद्योग का घिनौना चेहरा’

punjabkesari.in Wednesday, Aug 28, 2024 - 05:12 AM (IST)

देश भर में महिलाओं के विरुद्ध अत्याचारों को लेकर मचे बवाल के बीच हाल ही में केरल फिल्म उद्योग में यौन शोषण के आरोपों को लेकर ‘जस्टिस के. हेमा कमेटी’ की रिपोर्ट ने तहलका मचा दिया है। 2017 में एक मलयाली फिल्म अभिनेत्री ने मलयाली सुपर स्टार ‘दिलीप’ पर यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाया था जिस पर ‘दिलीप’ को गिरफ्तार भी किया गया था। इसके बाद केरल सरकार ने यहां के फिल्म उद्योग में महिलाओं की स्थिति की जांच करने के लिए ‘जस्टिस के. हेमा कमेटी’ का गठन किया था। 

‘जस्टिस के. हेमा’ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 10-15 सर्व शक्तिमान अधिकार सम्पन्न पुरुषों का समूह मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को नियंत्रित कर रहा है। जब कोई महिला उसे परेशान करने की शिकायत लेकर सामने आती है तो यह समूह बिना कोई कारण बताए उसे जिंदगी भर के लिए बैन करने और बदला लेने के लिए दूसरे तरीके इस्तेमाल करता है। एक महत्वपूर्ण अभिनेता ने इस रिपोर्ट में बताए गए सर्वशक्तिमान लोगों को ‘माफिया’ करार दिया है जिनके विरुद्ध केरल फिल्म उद्योग से जुड़ा कोई भी व्यक्ति एक शब्द तक मुंह से नहीं निकाल सकता। रिपोर्ट के अनुसार निर्माता-निर्देशकों ने एक ‘सैक्स कोड’ बना रखा है-‘समझौता और एडजस्ट करो’। जो अभिनेत्री इसका विरोध करती है, सारी इंडस्ट्री उसके विरुद्ध हो जाती है और उसे ‘सजा’ दी जाती है। शूटिंग के दौरान होटल में ठहरी अभिनेत्रियों के दरवाजों पर आधी-आधी रात को दस्तक दी जाती है और जूनियर अभिनेत्रियों के साथ गुलामों जैसा व्यवहार किया जाता है।

इस वर्ष 19 अगस्त को इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होते ही अनेक मलयाली फिल्म निर्देशक, लेखक और अभिनेता आरोपों के घेरे में आ गए हैं। इसी कारण अब केरल सरकार ने एक और जांच कमेटी गठित कर दी है। इस बीच मलयाली अभिनेत्री ‘रेवती’ द्वारा प्रसिद्ध अभिनेता ‘सिद्दीकी’ पर बलात्कार के आरोप लगाने के बाद ‘सिद्दीकी’ ने ‘एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टेटस’ के महासचिव पद से त्यागपत्र दे दिया है। ‘रेवती’ के अनुसार, ‘‘उसने मुझसे फेसबुक पर सम्पर्क किया था। तब ‘सिद्दीकी’ ने मुझेे ‘मोल’ (बेटी ) कहा था और बाद में फेसबुक के जरिए ही संदेश भेज कर फिल्मों में अभिनय के विषय में बात करने के लिए मुझेे तिरुवनंतपुरम के एक होटल में बुलाया।’’ 

‘रेवती’ के अनुसार,‘‘उसने मुझसे पूछा कि क्या मैं उसके लिए कुछ एडजस्टमैंट कर सकती हूं। मुझे अंदाजा नहीं था कि ‘सिद्दीकी’ के कहने का क्या मतलब है? परन्तु उसके बाद उसने मेरे साथ गाली-गलौच करने के अलावा मेरा बलात्कार कर डाला और मेरे सामने हस्तमैथुन किया।’’एक अन्य अभिनेत्री ‘श्रीलेखा मित्रा’ ने पुरस्कार विजेता फिल्म ‘नंदनम’ के निर्देशक ‘रंजीत’ पर उसके साथ दुव्र्यवहार करने का आरोप लगाया, जिसके बाद ‘रंजीत’ ने केरल सरकार द्वारा संचालित ‘केरल चित्रकला अकादमी’ के प्रमुख पद से त्यागपत्र दे दिया है। एक अन्य अभिनेत्री ‘मीनू मुनीर’ ने कई कलाकारों पर उसका यौन शोषण करने के आरोप लगाए हैं। उसने अभिनेता से माकपा विधायक बने ‘एम. मुकेश’ के अलावा मलयालम फिल्म उद्योग में 3 अन्य प्रतिष्ठित अभिनेताओं ‘जयसूर्या’, ‘मणियनपिला राजू’, ‘इदावेला बाबू’ तथा 2 प्रोडक्शन कंट्रोलरों ‘नोबल’ और ‘विचु’ पर भी यौन उत्पीडऩ के आरोप लगाए हैं।

‘मीनू’ के अनुसार, ‘‘2013 में एक फिल्म में अभिनय करने के दौरान मैं इनके हाथों शारीरिक और मौखिक शोषण का शिकार हुई। मैंने इनके साथ कोआप्रेट करने और काम करते रहने की कोशिश की लेकिन उनका दुव्र्यवहार तथा शोषण बढ़ता गया और असहनीय हो गया। इसी कारण मुझे मलयालम फिल्म इंडस्ट्री छोड़ कर मजबूरन चेन्नई शिफ्ट होना पड़ा।’’ 

एक अन्य जूनियर अभिनेत्री ने खलनायक ‘बाबू राज’ पर उसका यौन उत्पीडऩ करने का आरोप लगाया जबकि एक बंगला फिल्म अभिनेत्री ‘ऋताभरी’ ने भी बंगला फिल्म उद्योग में यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाया है।इस बीच ‘एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आॢटस्ट्स’ के अध्यक्ष और शीर्ष अभिनेता ‘मोहन लाल’ सहित इसके सभी पदाधिकारियों ने आरोपों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पदों से त्यागपत्र दे दिया है, परन्तु इतना ही काफी नहीं है। आवश्यकता इस बात की है कि केरल की फिल्म इंडस्ट्री पर हावी माफिया का घिनौना चेहरा उजागर करने वाली इस रिपोर्ट में किए गए खुलासों का संज्ञान लेकर सुप्रीम कोर्ट को जल्द से जल्द दोषी पाए जाने वाले लोगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि इस बुराई पर रोक लगे और इसे फैलने से रोका जा सके।—विजय कुमार


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