कमल हासन की ‘मक्कल निधि मय्यम’ तमिलनाडु की राजनीति में एक नई पार्टी का उदय

Friday, Feb 23, 2018 - 12:58 AM (IST)

वैसे तो सभी पार्टियां जन आकर्षण बढ़ाने के लिए फिल्मी सितारों को लेने की कोशिश करती हैं लेकिन दक्षिण भारत में तमिलनाडु की राजनीति पर रंगमंच और फिल्मी सितारों का अत्यधिक दबदबा और प्रभाव रहा है। 

वहां स्वतंत्रता के 20 वर्ष बाद 1967 में पहली बार फिल्मी संसार से जुड़ी हस्ती का जोरदार ढंग से प्रवेश हुआ जब सी.एन. अन्नादुरै मद्रास विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज कर मुख्यमंत्री बने। रंगमंच कलाकार एवं फिल्म लेखक से राजनीतिज्ञ बने सी.एन. अन्नादुरै ही ‘द्रमुक’ के संस्थापक थे। 1969 में मद्रास राज्य का नाम बदल कर तमिलनाडु कर दिया गया और अन्नादुरै की मृत्यु के बाद करुणानिधि उनके उत्तराधिकारी तथा मुख्यमंत्री बने। उनका भी फिल्मों से नाता रहा। उन्होंने कई फिल्मों की पटकथाएं लिखीं। वह पहली बार 10 फरवरी, 1969 से 4 जनवरी, 1971 तक मुख्यमंत्री रहे और उसके बाद विभिन्न समय अंतरालों में 4 बार और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने। 

एम.जी. रामचंद्रन तमिलनाडु के पहले स्टार राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने करुणानिधि से मतभेदों के बाद उनसे अलग होकर ‘अन्नाद्रमुक’ पार्टी बनाई। वह पहली बार जुलाई, 1977 में राज्य के मुख्यमंत्री बने तथा 1987 में अपनी मृत्यु होने तक सिवाय 1980 में बीच के 6 महीनों के जब उनकी सरकार को केंद्र सरकार द्वारा गिरा दिया गया था, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे। उनकी मृत्यु के बाद अन्नाद्रमुक दोफाड़ हो गई परंतु फिर 1980 के दशक में दोनों धड़ों का विलय हो गया और रामचंद्रन की अभिनेत्री पत्नी जानकी से नेतृत्व छीन कर जयललिता ने रामचंद्रन की विरासत को आगे बढ़ाया। जानकी रामचंद्रन 7 जनवरी, 1988 से 30 जनवरी, 1988 तक ही मुख्यमंत्री रहीं। 

एम.जी. रामचंद्रन से राजनीति के दावपेंच सीखने वाली जयललिता पहली बार 24 जून, 1991 को राज्य की मुख्यमंत्री बनीं। मुख्यमंत्री के रूप में अपने पांच कार्यकालों के दौरान विभिन्न समय अंतरालों में उन्होंने कुल 14 वर्ष शासन किया और दिसम्बर, 2016 में अपनी मृत्यु तक अन्नाद्रमुक की सर्वोच्च नेता बनी रहीं। जयललिता ने 1961 और 1980 के बीच 140 फिल्मों में अभिनय किया जिनमें से अनेक सुपरहिट फिल्में एम.जी. रामचंद्रन के साथ ही थीं और लोगों ने उन्हें ‘क्वीन आफ तमिल सिनेमा’ का खिताब दिया था। उनकी लोक हितकारी नीतियों के कारण उनके प्रशंसक उन्हें ‘अम्मा’ बुलाते थे। और अब तमिलनाडु की राजनीति में 2 नए स्टार कलाकारों का उदय होने जा रहा है। इनमें से एक रजनीकांत ने अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने के लिए एक राजनीतिक दल बनाने की घोषणा कर रखी है जबकि दूसरे बड़े कलाकार कमल हासन ने 21 फरवरी को मदुुरै में आधिकारिक तौर पर अपनी राजनीतिक पार्टी की घोषणा कर दी है। 

इससे पूर्व कमल हासन ने पूर्व राष्टï्रपति स्व. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के घर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करके उनके 90 वर्षीय भाई मोहम्मद मुत्थुइमीरन से आशीर्वाद लिया और पार्टी के झंडे का अनावरण भी किया। सफेद रंग के झंडे पर आपस में गोलाई में गुंथे 6 हाथ बने हैं जिनमें 3 लाल और 3 सफेद रंग के हैं जो एकता की शक्ति के प्रतीक हैं। पार्टी का नाम ‘मक्कल निधि मय्यम’ (न्याय केंद्र पार्टी) घोषित करते हुए कमल हासन ने कहा, ‘‘मैं आपका नेता नहीं, आपका जरिया (टूल) हूं। मैं आपको भाषण देने की बजाय आपके सुझावों की अपेक्षा रखता हूं। आइए हम सब जो चाहते हैं, वह बदलाव करें।’’ 7 नवम्बर, 1954 को मद्रास राज्य के परमकुडी में जन्मे व बाल कलाकार के रूप में करियर शुरू करने वाले कमल हासन पटकथा लेखक, निर्माता, गीतकार, पाश्र्वगायक और कोरियोग्राफर भी हैं तथा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और फिल्म फेयर पुरस्कार सहित अनेक पुरस्कार जीत चुके हैं। 

तमिलनाडु के लोग कला प्रेमी हैं। वह अपने प्रिय कलाकारों का सम्मान और उन पर विश्वास करते हैं। आज जबकि द्रमुक हाशिए पर है और अन्नाद्रमुक कलह की शिकार है, कमल हासन की पार्टी तमिलनाडु में एक सशक्त विरोधी दल की भूमिका अच्छे ढंग से निभा सकती है परंतु इसके लिए कमल हासन को कड़ी मेहनत करनी होगी और समर्पण के भाव से काम करना होगा।—विजय कुमार    

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