‘लिव-इन रिलेशनशिप’ ‘समाज को प्रभावित करने वाली बुराई’

Friday, Dec 15, 2023 - 05:35 AM (IST)

लिव-इन रिलेशनशिप या ‘सहमति संबंध’ एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें स्त्री और पुरुष बिना विवाह किए पति-पत्नी की भांति रहने के साथ-साथ आपस में शारीरिक संबंध भी बनाते हैं। कई जोड़े तो बच्चे भी पैदा कर लेते हैं। आपसी सहमति से कायम यह संबंध पश्चिमी देशों में आम बात है और उनकी देखादेखी भारत जैसे देशों में भी यह जीवन-शैली पैर पसारने लगी है। विशेषकर मैट्रोपोलिटन शहरों में घरों से दूर रहने वाले युवा कामकाजी जोड़ों में यह रुझान देखने को मिल रहा है। आम लोगों के साथ-साथ अनेक जानी-मानी हस्तियां भी लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगी हैं। भारतीय सिने जगत में भी लिव-इन रिलेशनशिप के अनेक उदाहरण मौजूद हैं, जिनमें से कुछ की जोड़ी टूट गई और कुछ का अंजाम शादी तक पहुंचा। 

माया नगरी में लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाली जोडिय़ों में जॉन-अब्राहम-बिपाशा बसु, सैफ अली खान-रोजा कैटलीनो, विक्रम भट्ट-अमिषा पटेल, सुशांत सिंह राजपूत और अंकिता लोखंडे आदि शामिल हैं, जिनके  सम्बन्ध किसी अंजाम तक नहीं पहुंच सके। अंकिता लोखंडे से ब्रेकअप के बाद सुशांत सिंह का लिव-इन रिलेशनशिप रिया चक्रवर्ती के साथ भी हुआ था जिस पर सुशांत सिंह राजपूत को मानसिक तनाव पहुंचाने और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया तथा इस बारे पुलिस रिया से पूछताछ भी कर चुकी है।

दूसरी ओर लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाली सफल जोडिय़ों में सैफ अली खान और करीना कपूर का नाम सर्वोपरि है, जिन्होंने 5 वर्ष तक लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के बाद विवाह रचा लिया। भारत में 1978 में सुप्रीमकोर्ट ने पहली बार लिव-इन रिलेशनशिप को मान्यता दी थी। ‘लिव-इन’ रिलेशनशिप में तलाक जैसे झंझट की नौबत तो नहीं आती, परंतु इसमें किसी एक साथी द्वारा धोखा देने के कारण दूसरे साथी की जिंदगी नरक जरूर बन जाती है। 

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो ने भी कहा है कि देश में पिछले 5 वर्षों के दौरान प्रेम, असफल प्रेम, धोखा तथा अवैध सम्बन्धों को लेकर होने वाली हत्याओं में काफी वृद्धि हुई है। दिल्ली में 18 मई, 2022 को श्रद्धा वाल्कर की उसके साथ लिव-इन में रहने वाले आफताब पूनावाला द्वारा हत्या से पहले और उसके बाद भी देश में अनेक ऐसी हत्याएं हुई हैं, जिनमें प्रेमिकाओं या प्रेमियों ने अपने साथी के साथ अमानवीय व्यवहार किया और उसकी लाश के टुकड़े-टुकड़े करके फैंक दिए, नाले में बहा दिए या जला दिए। बताया जाता है कि आफताब पूनावाला ने श्रद्धा वाल्कर के शव के 35 टुकड़े किए थे। अभी 13 दिसम्बर को ही इंदौर में लिव-इन में रहने वाली 20 वर्षीय युवती की सैक्स से इन्कार करने पर उसके साथी ने हत्या कर दी। 

लिव-इन संबंधों में निहित इसी तरह के खतरों को देखते हुए ही हरियाणा के भिवानी-महेंद्रगढ़ से भाजपा के लोकसभा सांसद धर्मवीर सिंह ने 7 दिसम्बर को लोकसभा में ‘लिव-इन’ संबंधों को समाज को कुप्रभावित करने वाली एक खतरनाक और हानिकारक बुराई करार देते हुए सरकार से इन पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने की मांग की। धर्मवीर सिंह ने कहा कि ‘‘प्रेम विवाहों में युवक-युवती के माता-पिता की सहमति अनिवार्य की जानी चाहिए। जहां देश में प्रेम विवाह बढऩे से तलाक के मामले भी बढ़ गए हैं, वहीं ‘लिव-इन’ संबंधों के कारण देश की संस्कृति बर्बाद हो रही है। अत: भारतीय संस्कृति को पाश्चात्य संस्कृति जैसी बनने से बचाने के लिए एक कानून बनाने की जरूरत है।’’

श्रद्धा वाल्कर का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय समाज में पारंपरिक रूप से विवाह परिवारों द्वारा तय किए जाते हैं, जिनमें लड़के और लड़की की भी सहमति रहती है। ऐसे संबंधों में परिवारों की पृष्ठभूमि को भी प्राथमिकता दी जाती है और विवाह को सात जन्मों का पवित्र बंधन माना जाता है।’’‘‘भारत में तलाक की दर 1.1 प्रतिशत है, जबकि अमरीका में यह 40 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जिसका एक महत्वपूर्ण कारण प्रेम विवाह हैं।’’उच्च प्राचीन भारतीय संस्कृति को देखते हुए सांसद धर्मवीर सिंह का कथन सही है। अत: सरकार को इस संबंध में कोई कानून अवश्य बनाना चाहिए ताकि इस नए प्रचलन से मुक्ति मिल सके, जिसमें लाभ कम और खतरे अधिक हैं।—विजय कुमार 

Advertising