‘तीन तलाक’ की भांति ‘हलाला’ की कुप्रथा भी समाप्त होनी चाहिए

Saturday, Jul 15, 2023 - 04:32 AM (IST)

4 बार के सांसद, पूर्व केंद्रीय मंत्री और इस समय केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान अपनी स्पष्टवादिता के लिए विख्यात हैं। वह पहले कांग्रेस में रहे और इस समय भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं। मुस्लिम महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने के लिए प्रयत्नशील रहे आरिफ मोहम्मद खान ने 13 जुलाई को कहा कि, ‘‘2019 में 3 तलाक को कानून में दंडनीय अपराध बनाने के बाद मुसलमानों में तलाक की दर में 96 प्रतिशत की कमी आई है और इससे महिलाओं तथा बच्चों को लाभ पहुंचा है।’’

उल्लेखनीय है कि तीन बार ‘तलाक-तलाक-तलाक’ कह कर तत्काल तलाक देने की यह कुप्रथा बड़ी संख्या में तलाकों का कारण बन रही थी। इस्लाम में एक कुप्रथा ‘निकाह हलाला’ की भी है। इसमें तलाकशुदा महिला को अपने पहले पति के पास दोबारा लौटने के लिए ‘निकाह हलाला’ करना पड़ता है, जिसके लिए उसे किसी दूसरे पुरुष से शादी करनी होती है और उसके बाद उस व्यक्ति द्वारा उसे तलाक देने की स्थिति में वह अपने पहले पति के पास लौट सकती है। इस बारे भी कुछ दिन पूर्व 3 जुलाई, 2023 को आरिफ मोहम्मद खान ने एक टी.वी. चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि ‘‘कुरान में हलाला का उल्लेख नहीं है तथा इस्लाम अवैध संबंधों की अनुमति नहीं देता।’’

अत: यदि ‘तीन तलाक’ की भांति ‘हलाला’ की कुप्रथा भी समाप्त हो जाए तो मुस्लिम महिलाओं को दूसरे मर्द के साथ रात गुजारने के कड़वे अनुभव से मुक्ति मिलेगी और उनके लिए अपना तलाक समाप्त कर अपने पूर्व पति के साथ जीवन बिताना आसान हो जाएगा। -विजय कुमार

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