हरियाणा की ‘खाप पंचायतों का’ एक और सराहनीय पग

Wednesday, Mar 09, 2016 - 11:59 PM (IST)

हालांकि अतीत में खापों द्वारा लिए गए कुछ ‘तालिबानी’ निर्णयों के लिए इन्हें ‘कंगारू अदालतें’ भी कहा जाता रहा है जिससे इनकी छवि एक ‘खलनायक’ जैसी बन गई थी परंतु वास्तव में अनेक खापें समाज में अनेक सुधारात्मक गतिविधियां भी चला रही हैं और इनके सदस्य अदालतों से बाहर आपस में मिल-बैठ कर बिरादरी के झगड़े निपटाते हैं।

गत वर्ष 20 दिसम्बर को हरियाणा की ‘बूरा खाप पंचायत’ की बैठक में 2 कन्या संतानों के बाद तीसरे बच्चे को जन्म न देने का निर्णय लेने वाले दम्पतियों को पुरस्कृत करने तथा सादा और दहेज रहित विवाह को बढ़ावा देने के लिए बारातियों की अधिकतम संख्या 21 करने का निर्णय लिया गया था व अब महिलाओं को सम्मान देने हेतु एक और बड़ा पग उठाया है। 

देश के कुछ अन्य भागों की भांति हरियाणा में भी कन्या संतान को उपेक्षा की दृष्टिï से देखा जाता रहा है तथा उनके अपमानजनक नाम रख दिए जाते थे। इनमें ‘भर पाई’ (अब बस), ‘बसकरी’ (बस कर री), ‘माफी’ (अब तो माफ करो), ‘काफी’ (बहुत हुआ और लड़की नहीं चाहिए), ‘राम बथेरी’ (हे राम बहुत हुआ), ‘बहुती’ (इतनी ही बहुत है), ‘अखरो’ (अंतिम), ‘बधो’ (पीछा छोड़ो) आदि नाम रखे भी गए।

ऐसे नामों से पुकारी जाने पर भला कौन लड़की प्रसन्न हो सकती है! इन नामों और इनसे मिलते-जुलते नामों वाली हरियाणा में हजारों महिलाएं और कन्याएं अभी भी हैं। इस संबंध में ‘बराहा तपा खाप’ के प्रधान कुलदीप ढांडा का कहना है कि ‘‘अपमानजनक नाम किसी भी महिला को जीवन भर परेशान करता है और वह स्वयं को दूसरों से कमतर महसूस करती है।’’

इसलिए अब अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर 8 मार्च को हरियाणा की खापों ने बेटियों के अपमानजनक नाम रखने के विरुद्ध भी एक अभियान शुरू किया है। सर्वखाप पंचायत के संयोजक तथा कंडेला खाप के प्रधान टेक राम कंडेला के अनुसार, ‘‘आज जमाना बदल रहा है। लड़कियां लड़कों से भी बेहतर कारगुजारी दिखा रही हैं अत: हमने अन्य अनेक खापों से विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया है।’’

बदलते दौर में महिलाओं के अपमानजनक नामों को तिलांजलि देकर यह अभियान शुरू करने के लिए हरियाणा की खापें बधाई की पात्र हैं। इससे जहां हरियाणा में कन्या संतान को प्रोत्साहन मिलेगा वहीं इस तरह के अपमानजनक नामों से मुक्ति पाकर वे आगे बढऩे  के लिए और अधिक उत्साहित और प्रेरित होंगी।  
   —विजय कुमार

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