भारत के साथ संबंध अच्छे रखना कनाडा और पाकिस्तान दोनों के हित में

Friday, Oct 13, 2023 - 05:52 AM (IST)

बेशक कनाडा और पाकिस्तान आतंकवादियों को शरण देने और भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोपों से इंकार करते रहते हैं, परंतु बार-बार भारत के आरोप सही सिद्ध हो रहे हैं। भारत सरकार द्वारा वांछित तथा 10 लाख रुपए के ईनामी ‘खालिस्तान टाइगर फोर्स’ के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में 18 जून, 2023 को गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। उस पर एक हिन्दू पुजारी की हत्या के अलावा भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रचने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजैंसी ने चार्जशीट दाखिल की हुई है। उस पर दिसम्बर, 2015 में कनाडा में एक आम्र्स ट्रेनिंग कैम्प का आयोजन करने का भी आरोप है जिसमें युवाओं को ए.के. 47 असाल्ट राइफल, स्नाइपर राइफल और पिस्तौल चलाने की ट्रेनिंग दी गई थी। निज्जर की हत्या पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने यह कह कर दोनों देशों के संबंधों में तनाव पैदा कर दिया कि ‘‘ऐेसा मानने के विश्वसनीय कारण हैं कि कनाडा की धरती पर एक कनाडाई की हत्या में भारत सरकार के एजैंट शामिल थे।’’ 

ट्रूडो के इस बयान पर भारत के कड़े प्रोटैस्ट के बाद दोनों देशों के संबंध अब तक के न्यूनतम स्तर पर आ गए हैं। कनाडा तथा विश्व के अन्य भागों में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों ने ट्रूडो के बयान को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि इसे टाला जा सकता था। हालांकि अब ट्रूडो ने अपने तेवर ढीले करने का संकेत देते हुए भारत के साथ प्राइवेट तौर पर बातचीत करने की बात कही है, परंतु दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य होने में अभी समय लग सकता है।

इसी प्रकार पठानकोट में भारतीय वायुसेना अड्डे पर 2 जनवरी, 2016 के आतंकी हमले के मुख्य षड्यंत्रकत्र्ता जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी शाहिद लतीफ और उसके भाई की 11 अक्तूबर को पाकिस्तान के स्यालकोट जिले में वहां के अज्ञात स्थानीय हमलावरों द्वारा गोली मार कर हत्या करने के संबंध में कनाडा की भांति भारत पर कोई आरोप नहीं लगा। उल्लेखनीय है कि इनके अलावा भी इस वर्ष पाकिस्तान में कई ऐसे आतंकवादियों की हत्या हुई, जो भारत में मोस्ट वांटेड थे। कनाडा में खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और पाकिस्तान में शाहिद लतीफ तथा उसके भाई की हत्याओं ने सिद्ध कर दिया है कि आतंकवादी किसी भी देश के वफादार नहीं होते और उनका उद्देश्य केवल अपने स्वार्थ की पूर्ति करना होता है। 

अत: इस परिस्थिति में विभिन्न देशों की सरकारों द्वारा आतंकवादियों को शरण और प्रोत्साहन देना तथा उनके पक्ष में खड़े होकर किसी दूसरे देश के साथ संबंध बिगाडऩा किसी भी दृष्टि से उचित नहीं। फिलहाल कनाडा द्वारा निज्जर की हत्या को लेकर दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई है। भारत ने कनाडा के नागरिकों के लिए वीजा बंद किया हुआ है तथा दोनों देशों में व्यापार संधि पर भी विराम लग गया है। कनाडा ने भारत के वरिष्ठ राजनयिकों को देश छोडऩे का आदेश दिया तो भारत ने भी कनाडा के वरिष्ठ राजनयिकों को देश से निकाल दिया और साथ ही कनाडा को भारत में अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करने का आदेश भी दे दिया है। जहां तक पाकिस्तान का सम्बन्ध है, अपने अस्तित्व में आने के समय से ही भारी आर्थिक संकट, कट्टरवाद तथा आतंकवाद की समस्याओं से जूझ रहे इस देश के नेताओं ने यदि भारत के साथ अच्छे संबंध बनाकर रखे होते तो आज उसकी इतनी बुरी हालत न होती। 

भारत की दोस्ती का लाभ उठाकर पाकिस्तान के शासक अपने देश की वित्तीय तथा अन्य समस्याएं हल करने में काफी हद तक सफल हो सकते थे। इससे जहां दोनों देशों के रिश्तों में मजबूती आती और क्षेत्र में शांति स्थापित होती, वहीं सीमा के दोनों ओर रहने वाले लोगों के रिश्ते भी मजबूत होते।विश्लेषकों का कहना है कि किसी भी अच्छे काम की शुरुआत के लिए कोई भी समय बुरा नहीं होता। अत: अब भी यदि पाकिस्तान और कनाडा के शासक भारत के साथ संबंध बेहतर बनाने की कोशिश करें तो इससे सभी का भला होगा।—विजय कुमार 

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