‘विभिन्न अपराधों में महिलाओं का शामिल होना’ ‘समाज के लिए बड़ी चुनौती’

punjabkesari.in Sunday, Jun 04, 2023 - 04:00 AM (IST)

आमतौर पर विभिन्न अपराधों में अधिकांशत: पुरुषों को ही शामिल पाया जाता रहा है, पर अब अपराधी गिरोहों ने महिलाओं को अपने अवैध धंधों में शामिल करना शुरू कर दिया है, ताकि वे स्वयं काबू न आ सकें और उनका धंधा चलता रहे। इनमें नशीले पदार्थों की तस्करी के अलावा स्नैचिंग, ठगी-ठोरी आदि अन्य अपराध भी शामिल हैं। इसके मात्र 15 दिनों के उदाहरण नीचे दिए जा रहे हैं :- 

* 17 मई को दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में स्वयं को डाक्टर बता कर तेजी से इलाज करवाने का झांसा देकर एक पीड़ित से 96,000 रुपए की ठगी करने वाली युवती को एम्स पुलिस चौकी की टीम ने गिरफ्तार किया।
* 30 मई को लुधियाना (पंजाब) में सीवरेज के ढक्कन चुराने वाली महिलाओं के गिरोह का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें 4 महिलाएं लोहे का भारी-भरकम सीवरेज का ढक्कन उठा कर कुछ दूर खड़े आटो तक ले जाती दिखाई दे रही हैं। 
* 31 मई को माहिलपुर (पंजाब) में पुलिस ने एक एक्टिवा सवार महिला को 103 नशीली गोलियों और नशे के 30 टीकों के साथ गिरफ्तार किया। 

* 1 जून को रायपुर (छत्तीसगढ़) में स्कूटर सवार 2 युवतियां एक युवक का मोबाइल झपट्टा मार कर छीन कर फरार हो गईं।
* 1 जून को ही उत्तर पूर्वी दिल्ली के करावल नगर इलाके में रात के समय झपटमारी करने वाली महिलाओं के एक गिरोह ने एक महिला के गले से सोने की चेन झपटकर फरार होने की कोशिश की, परंतु पीड़ित महिला द्वारा शोर मचाने पर लोगों ने आरोपी महिलाओं को पकड़ कर उनकी जम कर पिटाई करने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया। 
* 1 जून को ही बठिंडा (पंजाब) के थाना दयालपुरा की पुलिस ने धोखाधड़ी करने के आरोप में एक मां-बेटी तथा नम्बरदार के विरुद्ध केस दर्ज किया। 
* और अब 2 जून को नई दिल्ली स्थित रोहिणी जेल में बंद अपने बेटे को मोबाइल फोन का सिम देने की कोशिश कर रही एक महिला को जेल कर्मियों ने गिरफ्तार करने के अलावा उससे सिम भी जब्त कर लिया। 

उल्लेखनीय है कि इन दिनों देश में काफी संख्या में लुटेरी महिलाएं सरगर्म हैं, जो इतनी बेखौफ हो चुकी हैं और यहां तक कह देती हैं कि जिसे चाहो शिकायत कर दो कोई कार्रवाई नहीं होगी और उलटा शिकायत करने वालों पर ही कार्रवाई हो जाएगी। कुछ लोगों का कहना है कि इन लुटेरी महिलाओं की सांठगांठ पुलिस के साथ भी है जो सरेआम यह धंधा कर लोगों को लूट रही हैं। 

चूंकि महिलाओं का अपराधों में शामिल होना मुख्य रूप से आर्थिक मजबूरियों का परिणाम है जो समाज के लिए एक बड़ी चुनौती है। अत: सरकार को जरूरतमंद महिलाओं के लिए रोजगार के अधिक मौके पैदा करने की जरूरत है ताकि हालात के हाथों मजबूर महिलाएं धन की तंगी दूर करने के लिए अवैध गतिविधियों से जुडऩे के लिए मजबूर न हों।—विजय कुमार


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