वाहन चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल मौत को निमंत्रण

Tuesday, Jan 24, 2017 - 12:11 AM (IST)

मोबाइल फोन इस शताब्दी का अभूतपूर्व चमत्कार है। यह छोटा-सा उपकरण हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन कर आज विश्व में सर्वाधिक इस्तेमाल किया जाने वाला यंत्र बन गया है। नि:संदेह मोबाइल फोन के असंख्य लाभ हैं। ये एमरजैंसी में डाक्टर और पुलिस बुलाने, घर से बाहर होने पर परिवार या दफ्तर वालों से संपर्क रखने, किसी को तत्काल महत्वपूर्ण संदेश पहुंचाने, किसी दुर्घटना का चित्र खींचने आदि जैसे कामों में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होते हैं परंतु असंख्य लाभों के साथ-साथ इनकी कुछ हानियां भी हैं।

भारत सहित विश्व के अनेक देशों में पिछले कुछ समय के दौरान हैडफोन लगाकर सड़कों पर घूमना, रेलवे ट्रैक पार करना या दोपहिया और चौपहिया वाहन और यहां तक कि साइकिल या रिक्शा चलाना फैशन बन गया है।

कुछ समय पूर्व एक अध्ययन में बताया गया था कि भारत में प्रत्येक 10 में से 3 व्यक्ति वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करते और गाने सुनते हैं जिस कारण अक्सर लोग दुर्घटना के शिकार होकर मारे जाते हैं या उनके अंग भंग हो जाते हैं जिसके कुछ उदाहरण निम्र में दर्ज हैं :  
29 मई, 2016 को मध्य प्रदेश में बिलासपुर के रेलवे स्टेशन पर मोबाइल पर बात करते हुए रेलगाड़ी में सवार होने की कोशिश कर रहे एक इंजीनियर प्रदीप तिवारी की पैर फिसल कर गिर जाने से मृत्यु हो गई।

17 जुलाई को संत कबीर नगर में मोबाइल पर बात करते हुए रेल पटरी के निकट से गुजर रहे 2 युवकों को पीछे से आ रही मालगाड़ी की आवाज सुनाई नहीं दी और गाड़ी की चपेट में आने से दोनों की मृत्यु हो गई।25 जुलाई को उत्तर प्रदेश के भदोही में एक मानव रहित रेलवे फाटक से गुजरते हुए अपने कानों पर ईयरफोन लगा कर गाने सुन रहे एक बस ड्राइवर को रेलगाड़ी के आने की आवाज सुनाई नहीं दी और रेलगाड़ी द्वारा बस को टक्कर मार देने से बस में सवार 8 लोगों की मृत्यु हो गई।

05 अगस्त को नजफगढ़ में फोन पर बात करते हुए तेज रफ्तार से कार चला रही दिल्ली यूनिवॢसटी की लैक्चरार अनुपमा अग्रवाल ने सड़क पर साइकिल से जा रहे एक बच्चे को कुचल दिया जिससे उसकी मृत्यु हो गई।09 सितम्बर को उड़ीसा के ‘अंगुल’ में एक बस दुर्घटना में 19 लोग मारे गए। दुर्घटना के समय बस चालक मोबाइल पर बात कर रहा था। 06 अक्तूबर को छत्तीसगढ़ के रायपुर में ईयरफोन लगाकर गाने सुनते आ रहे बाइक चालक द्वारा सिटी बस में टक्कर मार देने से उसकी घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई और बस से उतर रहा एक युवक घायल हो गया।

05 नवम्बर को अलीगढ़ के निकट अतरौली में एक बस दुर्घटना में 4 लोगों की मृत्यु तथा 3 दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए। मोबाइल पर बात करते हुए बस चालक द्वारा तेज रफ्तार में एक हाथ से बस मोडऩे में नाकाम रहने के कारण यह दुर्घटना हुई।13 दिसम्बर को बिहार के दरभंगा जिले में रेल पटरियों पर बैठ कर मोबाइल पर ईयरफोन के जरिए गाने सुनने में मगन 2 युवाओं की डी.एम.यू. के नीचे आकर मृत्यु हो गई। और अब 21 जनवरी 2017 को मोगा के निकट स्कूटी पर जा रही एक अध्यापिका  कानों में हैडफोन लगा होने के कारण गांव रोडे के निकट पीछे से आ रही बस का हॉर्न न सुन पाने के कारण बस से कुचली गई

विशेषकर युवाओं को लगता है कि वे हैडफोन लगाकर ज्यादा फैशनपरस्त बन रहे हैं या मल्टी टासिं्कग के कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं, पर इससे होने वाली उक्त दुर्घटनाओं से स्पष्टï है कि कानों में मोबाइल का ईयरफोन लगाकर या मोबाइल पर बात करते हुए सड़क पर निकलना बड़ी भूल है।अत: जरूरत इस बात की है कि मोबाइल फोन का सही इस्तेमाल ही किया जाए व इसे अभिशाप की बजाय वरदान ही बना रहने दिया जाए। इसके लिए जरूरी है कि दोपहिया वाहनों पर सवारी के लिए हैल्मेट की अनिवार्यता की भांति ही वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करने या हैडफोन का इस्तेमाल करने वालों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाए    
 —विजय कुमार  

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