इंटरपोल की चेतावनी यूक्रेन भेजे गए हथियार पहुंच सकते हैं अपराधियों के पास

punjabkesari.in Monday, Jun 06, 2022 - 04:23 AM (IST)

‘अंतर्राष्ट्रीय पुलिस संगठन’ इंटरपोल के महासचिव जुर्गन स्टॉक का कहना है कि फरवरी,2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद वहां भेजे गए हथियार अंतत: अपराधियों के हाथों में पहुंच जाएंगे। जुर्गन स्टॉक के अनुसार यह युद्ध समाप्त होने के बाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बंदूकों और भारी हथियारों की बाढ़ आ जाएगी इसलिए उन्होंने इंटरपोल के सदस्य देशों, विशेषकर हथियारों की आपूर्ति करने वाले देशों से इनका पता लगाने में सहयोग करने का आग्रह किया है। 

जुर्गन स्टॉक का कहना है कि ‘‘जब बंदूकें शांत हो जाएंगी (यूक्रेन में) तो अमरीका द्वारा यूक्रेन को दिए गए ये हथियार ‘अवैध हथियार’ बन जाएंगे। हम कई ऐसे ही संघर्षों के पूर्व उदाहरणों से इसके बारे में जानते हैं। अपराधी तो युद्ध की समाप्ति के बाद इन हथियारों को हासिल करने पर अपना ध्यान केंद्रित भी कर चुके होंगे।’’ 

‘‘अपराधी गिरोह इन अराजक स्थितियों और हथियारों की उपलब्धता का लाभ उठाने की कोशिश करते हैं, जिनमें सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले भारी हथियार तक शामिल होते हैं। ये हथियार काला बाजार में पहुंच कर समस्या पैदा करेंगे। कोई भी देश या क्षेत्र अलग-थलग होकर इस समस्या से नहीं निपट सकता क्योंकि ये गिरोह दुनिया भर में फैले हुए हैं।’’

‘‘हम अमरीका द्वारा यूक्रेेन को दिए हुए और बचे-खुचे हथियारों के यूरोप और उसके बाहर भी पहुंच जाने की उम्मीद कर सकते हैं। इस संबंध में हमें ङ्क्षचतित होना चाहिए और यह अहसास होना चाहिए कि इन हथियारों की तस्करी न केवल पड़ोसी देशों बल्कि अन्य महाद्वीपों में भी की जाएगी।’’ 

उन्होंने यह भी कहा कि इंटरपोल ने सदस्य देशों से हथियारों को ‘ट्रैक एंड ट्रेस’ करने में मदद करने के लिए अपने डाटाबेस का उपयोग करने का आग्रह किया है, ‘‘अपराधी सभी प्रकार के हथियारों में रुचि रखते हैं... कोई भी ऐसा हथियार जिसे हाथों में लेकर इस्तेमाल किया जा सकता हो, उसका आपराधिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जा सकता है।’’

उल्लेखनीय है कि रूस द्वारा युक्रेन पर युद्ध छेड़े जाने के बाद से यूक्रेन के पश्चिमी सहयोगियों ने उसे अत्याधुनिक सैन्य हथियारों की कई खेपें भेजी हैं। अभी हाल ही में अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने घोषणा की थी कि वह यूक्रेन को उन्नत मिसाइल सिस्टम और युद्ध सामग्री की आपूर्ति करेंगे। 

20 वर्ष लम्बे संघर्ष के बाद वर्ष 2021 में अफगानिस्तान से अमरीका के बाहर निकलने के बाद भारी मात्रा में पीछे छोड़े गए अत्याधुनिक सैन्य उपकरण तथा हथियार तालिबान के हाथ लग चुके हैं। इससे पहले ईराक और सीरिया से भी जब अमरीका और सहयोगी देशों की सेनाएं निकली थीं तब भी ऐसा ही हुआ था। जुर्गन स्टॉक के अनुसार रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते बड़े पैमाने पर उर्वरकों और ईंधन चोरी से लेकर नकली एग्रोकैमिकल्स के कारोबार में भी भारी वृद्धि हुई है। ये उत्पाद पहले से कहीं अधिक मूल्यवान बन गए हैं। 

यह माना जाता है कि इंटरपोल न तो इन मामलों और न ही कथित युद्ध अपराधों की जांच-पड़ताल कर रहा है क्योंकि संगठन का संविधान इसे राजनीतिक गतिविधियों में हस्तक्षेप करने से रोकता है और उसे तटस्थ रहना होता है। रूस-यूक्रेन युद्ध की समाप्ति के बाद वहां अमरीका द्वारा छोड़े गए बचे-खुचे हथियारों के ‘गलत हाथों में पहुंचने’ से उत्पन्न खतरों के संबंध में इंटरपोल के महासचिव जुर्गन स्टॉक द्वारा व्यक्त आशंका को निराधार नहीं कहा जा सकता। हालांकि अतीत में जहां अफगानिस्तान का उदाहरण हमारे सामने है, वहीं तुर्की, ईराक और मध्य पूर्व के देशों के साथ-साथ यूरोप के देशों में भी इनके पहुंचने से नई समस्या खड़ी हो सकती है। 

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अब तक के लम्बे अंतराल में पहले से कहीं अधिक खतरनाक हथियार आ चुके हैं। अब यह देखना होगा कि अमरीका रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद अपने बचे-खुचे हथियार वापस ले जाएगा या वहीं छोड़ जाएगा।


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