दिल्ली नगर निगम चुनावों की ‘दिलचस्प झलकियां’

Tuesday, Apr 18, 2017 - 11:44 PM (IST)

वर्ष की शुरूआत में महाराष्ट के स्थानीय निकाय चुनावों के बाद पांच राज्यों पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा के चुनाव हुए और अब 23 अप्रैल को दिल्ली महानगर निगम के 272 वार्डों के पार्षदों के लिए  चुनाव हो रहे हैं। इन चुनावों में 1,10,639 मतदाता पहली बार मतदान करेंगे। निवर्तमान एकीकृत दिल्ली नगर निगम (एम.सी.डी.) को 2012 में तीन भागों में बांट दिया गया था। एन.डी.एम.सी. व एस.डी.एम.सी.दोनों में 104-104 वार्ड और ई.डी.एम.सी. में 64 वार्ड हैं। प्रत्येक वार्ड में कम से कम 3 और अधिकतम 21 से 23 तक उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। 


-18 पंजीकृत पाॢटयों के उम्मीदवारों के अलावा इन चुनावों में 1174 निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं। आयोग ने उन्हें काफी दिलचस्प चुनाव चिन्ह दिए हैं। इनमें बल्लेबाज, ड्रिल मशीन, एयर कंडीशनर, मूंगफली, डोली, नारियल, नारियल का खेत, हरी मिर्च, गोभी, चप्पल, गेंद, खिड़की, कैंची, प्लेट, प्लेट स्टैंड, तौलिया, लालटेन आदि शामिल हैं। स्थानीय निकाय के चुनावों में पहली बार ‘नोटा’ का प्रावधान किया जाएगा।


-चुनावों में धन बल और बाहु बल का भारी इस्तेमाल हो रहा है। पुलिस ने संगम विहार इलाके से सुपारी लेकर कथित हत्याएं करने वाले ‘इकबाल भल्ला गिरोह’ के सरगना और हिटमैन राजकुमार उर्फ आर्यन को पकड़ा जो एक उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने के लिए मतदाताओं को धमका रहा था। 


-अरविंद केजरीवाल की ‘आप’ से अलग होकर ‘स्वराज इंडिया पार्टी’ बनाने वाले योगेंद्र यादव को चुनाव आयोग ने सांझा चुनाव चिन्ह देने से इंकार कर दिया लेकिन उसने पार्टी उम्मीदवारों को ‘सीटी’ चुनाव चिन्ह के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति दी है। 

 

-10 वर्षों से एम.सी.डी. पर काबिज तथा हाल ही में राजौरी विधानसभा सीट के उपचुनाव में विजय से उत्साहित भाजपा ने एम.सी.डी. पर अपने कब्जे की तिकड़ी जमाने के लिए अपने मौजूदा 153 पार्षदों में से किसी को भी टिकट न देकर नए चेहरे ही मैदान में उतारे हैं। 

 

-सर्वाधिक स्टार प्रचारक भाजपा में हैं जिनमें सांसद-अभिनेता परेश रावल व हेमा मालिनी, दिल्ली प्रदेश भाजपाध्यक्ष एवं भोजपुरी फिल्मों के गीतकार मनोज तिवारी तथा सुपर स्टार रवि किशन आदि मुख्य हैं। चुनाव प्रचार के दौरान बिना हैल्मेट स्कूटी चलाते हुए पकड़े जाने पर मनोज तिवारी ने तो चालान भी कटवा लिया और 100 रुपए जुर्माना भरा। 

 

-इन चुनावों में एक किन्नर बॉबी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही है। बॉबी का कहना है कि एम.सी.डी. का चुनाव लडऩे के लिए पार्टी ने उससे 50 लाख रुपए मांगे थे परंतु उसने यह रकम देने से इंकार करके निर्दलीय चुनाव लडऩे का फैसला किया है।

 

-चुनावों में अनुभवी राजनीतिज्ञों के साथ-साथ युवा उम्मीदवार खड़े हैं जिनमें महिलाओं की अच्छी-खासी संख्या है। इन्हीं में से एक रानीबाग से निर्दलीय प्रत्याशी ज्योति ने कभी बाल श्रमिक के रूप में भी काम किया था। मतदाताओं को लुभाने के लिए खूब उपहार, हिन्दू और मुसलमान धर्मग्रंथों से लेकर तुलसी के पौधे तक बांटे जा रहे हैं वहीं महिला उम्मीदवारों ने महिला मतदाताओं को मेकअप सामग्री बांटने का सिलसिला शुरू कर रखा है। 

 

-गर्मी का मौसम होने के कारण अनेक उम्मीदवार अपने साथ शीतल पेय, जूस आदि की गाड़ी लेकर चलते हैं और प्रचार अभियान के दौरान खुद भी पीते तथा दूसरों को भी पिलाते हैं। नेहरू और इंदिरा गांधी के जमाने से कांग्रेस के वफादार 76 वर्षीय रमेश दत्ता 1971 के बाद से लगातार 9 बार पार्षद का चुनाव जीत चुके हैं। इनके पास अपना घर तो क्या, मोबाइल फोन और बैंक खाता तक नहीं है। इस बार कांग्रेस ने इनका टिकट काट दिया था, लिहाजा ये दिल्ली गेट के वार्ड नम्बर 88 से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।

 

-एम.सी.डी. चुनाव के बीच ही दिल्ली कांग्रेस को बड़ा झटका लगा जब 18 अप्रैल शाम को दिल्ली कांग्रेस के दिग्गज नेता और पार्टी का बड़ा सिख चेहरा माने जाने वाले अरविंदर सिंह लवली भाजपा में शामिल हो गए हैंं। 

 

-मुम्बई महानगर निगम की भांति ही दिल्ली नगर निगम पर सत्तारूढ़ राजनीतिक दल का अपना ही एक रुतबा होता है और इन चुनावों में अपना वर्चस्व कायम करने के लिए तीनों ही मुख्य दलों ने एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा है। अब किसके भाग्य में क्या लिखा है इसका पता तो 26 अप्रैल को चुनाव परिणामों की घोषणा होने पर ही चलेगा। —विजय कुमार 

Advertising