जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, पंजाब व राजस्थान में भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध तेज हुई कार्रवाई

punjabkesari.in Saturday, May 07, 2022 - 03:48 AM (IST)

इन दिनों देश के ओर-छोर में सरकारी विभागों में फैले भ्रष्टाचार की जड़ें अत्यंत गहरी हो चुकी हैं जिसे देखते हुए जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान आदि में भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान तेज किया गया है। जम्मू-कश्मीर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से इस वर्ष कम से कम 25 भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध केस दर्ज करके अनेक पटवारियों और अन्य अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। 

ब्यूरो द्वारा लोगों को एस.एम.एस. द्वारा हैल्प लाइन नम्बर भेज कर उनसे सरकारी कर्मचारियों के भ्रष्टाचार की शिकायत करने के लिए प्रेरित करने के चलते लोगों ने अब इससे संपर्क करना शुरू कर दिया है। भ्रष्टचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारियों के अनुसार छोटे-छोटे कामों के लिए भी रिश्वत मांगने वाले राजस्व अधिकारियों को जाल बिछा कर गिरफ्तार किया जा रहा है। इनमें पटवारी, बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियर, अकाऊंट असिस्टैंट आदि शामिल हैं। इससे पहले भ्रष्टचार निरोधक ब्यूरो की ओर से असिस्टैंट डायरैक्टरों, सप्लाई अधिकारियों, सुपरवाइजरों, खाद्य आपूर्ति विभाग के राशन डीलरों आदि सहित 39 लोगों के विरुद्ध चार्जशीट दायर की जा चुकी है। 

उत्तर प्रदेश में 25 अप्रैल को दूसरी बार सत्तारूढ़ हुई योगी आदित्यनाथ की सरकार ने भी भ्रष्टाचारी तत्वों पर नकेल कसने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। इनके अंतर्गत आई.ए.एस. और आई.पी.एस. अधिकारियों की तरह मंत्रियों को भी अब अपनी तथा अपनी पत्नी, बच्चों और परिवार के अन्य आश्रित सदस्यों की प्रापर्टी का पूरा ब्यौरा सार्वजनिक करना होगा। आर्थिक अपराधियों पर नकेल कसने के लिए सी.बी.आई. की तर्ज पर ही एक विशेष पुलिस बल बनाने के निर्णय के अलावा प्रदेश के तहसील प्रशासन के विरुद्ध शिकायतों के लिए अलग पोर्टल बनाने को कहा गया है।

इसके अलावा एक दर्जन से भी अधिक विभिन्न विभागों के कर्मचारियों तथा अधिकारियों के विरुद्ध केस दर्ज करके वित्तीय अनियमितताओं, विकास कार्यों में लापरवाही, घटिया निर्माण कार्य करवाने, अनियमितता बरतने, शराब ठेकेदारों द्वारा अधिक कीमत वसूली की शिकायतों पर कार्रवाई न करने आदि के आरोप में केस दर्ज करके उनके निलंबन तथा चार्जशीट आदि की कार्रवाई की गई है। यही नहीं दिल्ली-मेरठ एक्सप्रैसवे भूमि अधिग्रहण मामले में तय राशि से 10 गुणा तक अधिक मुआवजा राशि दे कर लगभग 20 करोड़ रुपए की हेराफेरी के मामले में गाजियाबाद के 2 पूर्व डी.एम. के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की गई है। इनमें से एक इस समय केंद्र सरकार में डैपूटेशन पर है। 

भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान के कुछ ताजा मामले पंजाब और राजस्थान से भी सामने आए हैं। पंजाब के जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बंदियों के लिए राशन की राशि में हेराफेरी करने के आरोप में कपूरथला जेल के सुपरिंटैंडैंट गुरनाम लाल को निलंबित करने का आदेश दिया है। उक्त अधिकारी ने अन्य वस्तुओं के अलावा कैदियों के लिए 50 किलो नींबू खरीद दिखाई जबकि पड़ताल करने पर पता चला कि बंदियों को भोजन में कभी नींबू या शिकंजवी दी ही नहीं गई। जिन दिनों की यह खरीद बताई गई उन दिनों नींबुओं का भाव 200 रुपए किलो तक चल रहा था। इससे पूर्व पंजाब पुलिस के 2 कर्मचारियों तथा एक महिला क्लर्क को भी भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया। 

इसी प्रकार राजस्थान में सामने आए भ्रष्टाचार के एक बड़े मामले में 5 मई को राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (आर.टी.यू.), कोटा के कुलपति डा. रामावतार गुप्ता को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जयपुर के गैस्ट हाऊस में शिकायतकत्र्ता से 5 लाख रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। इससे पूर्व 23 अप्रैल को भी प्रदेश के 2 बिल्डरों से 5 लाख रुपए रिश्वत लेने के आरोप में 2 अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था। 

जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में भ्रष्ट अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई के चलते छोटे कर्मचारियों से लेकर बड़े अधिकारियों तक का पकड़ा जाना दर्शाता है कि भ्रष्टाचार की समस्या कितनी गंभीर हो चुकी है। अत: भ्रष्टाचार समाप्त करके स्वच्छ प्रशासन देने के लिए देश के अन्य राज्यों को भी भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान तेज करना चाहिए ताकि इस बुराई पर रोक लगने से देशवासियों को राहत मिल सके।—विजय कुमार


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