‘अध्यापक-अध्यापिकाओं द्वारा’छात्र-छात्राओं पर ‘अमानवीय अत्याचार’

punjabkesari.in Saturday, Jul 08, 2023 - 04:55 AM (IST)

जीवन में माता-पिता के बाद अध्यापक का ही सर्वोच्च स्थान माना गया है और कहा जाता है कि ‘गुरु बिना ज्ञान नहीं’। परंतु आज चंद अध्यापक-अध्यापिकाएं इन प्राचीन आदर्शों को भूल कर न सिर्फ स्वयं भटक गए हैं, बल्कि अपने छात्र-छात्राओं पर तरह-तरह के अमानवीय अत्याचार करके गुरु धर्म को कलंकित कर रहे हैं। इसका अनुमान मात्र सवा महीने  की निम्न घटनाओं से लगाया जा सकता है : 

* 6 जुलाई को वैशाली (बिहार) जिले के ‘करनौती’ गांव में एक अध्यापक ने कोचिंग क्लास की 11 वर्षीय छात्रा के अनुपस्थित रहने पर सजा के तौर पर कान पकड़ कर उससे इतनी अधिक उठक-बैठक करवाईं कि वह बेहोश होकर गिर जाने के कारण गंभीर रूप से घायल हो गई। 

* 6 जुलाई को ही नोएडा (उत्तर प्रदेश) में एक निजी स्कूल की अध्यापिका ने सजा के तौर पर 12 छात्रों के सिर के बाल कटवा दिए।
*  6 जुलाई को ही जमशेदपुर (झारखंड) में ‘टिनी टॉय स्कूल’ के अध्यापक द्वारा तीन वर्षीय एक बच्चे को बेरहमी से पीटने का मामला सामने आया।
* 5 जुलाई को पंजाब में संगरूर जिले के एक सरकारी प्राइमरी स्कूल की अध्यापिका तथा मानसा के एक स्कूल के अध्यापक को बच्चों से सरकार विरोधी नारे लगवाने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। 
* 3 जुलाई को चतरा (झारखंड) जिले के ‘कुंदरा’ गांव में सरकारी हाई स्कूल के अध्यापक दिनेश पासवान को नौवीं कक्षा की छात्रा से बलात्कार करने और इसका वीडियो बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। 
* 3 जुलाई को ही बाड़मेर (राजस्थान) के ‘नेतराड’ गांव के सरकारी हायर सैकेंडरी स्कूल में रखे मटके से पानी पी लेने पर एक दलित छात्र को लात-घूंसों से बुरी तरह पीटने के आरोप में एक अध्यापक के विरुद्ध केस दर्ज किया गया। 

* 27 जून को कानपुर (उत्तर प्रदेश) में ‘बिठूर मंथना’ स्थित एक मदरसे के अध्यापक ‘कारी मोहम्मद अहमद’ को अपनी एक छात्रा का लगातार यौन शोषण करने और किसी को बताने पर घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
* 27 जून को ही धूरी (पंजाब) के एक कालेज की प्रोफैसर को उसके पास चैकिंग के लिए आए बी.ए. (अंग्रेजी) के पेपर के नम्बर बढ़ाने के बदले एक छात्र को फोन करके उससे 7000 रुपए मांगने के आरोप में पंजाबी यूनिवर्सिटी की एग्जामीनेशन ब्रांच की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया। 

* 26 जून को  पूर्वी चम्पारण (बिहार) के एक निजी स्कूल के दसवीं कक्षा के छात्र की किसी बात पर नाराज होकर उसके अध्यापकों ने उसे इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई। 
* 25 जून को बेंगलुरू (कर्नाटक) के एक प्राइमरी स्कूल में किसी बात पर नाराज होकर चौथी कक्षा के मासूम छात्र को 23 थप्पड़ मारने के आरोप में एक अध्यापिका के विरुद्ध केस दर्ज किया गया।
* 9 जून को पटना (बिहार) में बारहवीं कक्षा की एक छात्रा को नोट्स देने के बहाने बुला कर उसके साथ बलात्कार करने और उसका वीडियो वायरल करने की धमकी देकर बार-बार यौन शोषण करने के आरोप में एक अध्यापक के विरुद्ध केस दर्ज किया गया। पुलिस द्वारा आरोपी अध्यापक के मोबाइल की जांच करने पर उसके अनेक छात्रों के साथ आपत्तिजनक चैट मिले। 

* 2 जून को अनूप नगर फाजलपुर (उत्तर प्रदेश) स्थित एक स्कूल में जूडो कराटे सीखने गई 12 वर्षीय बच्ची के साथ उसके कोच ने बलात्कार कर उसे लहू-लुहान कर दिया।
* 26 मई को कानपुर (उत्तर प्रदेश) के एक निजी स्कूल में यूनिफार्म नहीं पहन कर आने पर क्लास टीचर ने एक 7 वर्षीय मासूम को बुरी तरह पीट दिया और जब उसके माता-पिता शिकायत करने पहुंचे तो धक्के मार कर उन्हें स्कूल से बाहर निकाल दिया। अध्यापक-अध्यापिकाओं द्वारा छात्र-छात्राओं के साथ ऐसा व्यवहार इस आदर्श व्यवसाय पर घिनौना धब्बा एवं अध्यापक वर्ग में बढ़ रही संवेदनहीनता का परिणाम है, जिसे रोकने के लिए कठोर कदम उठाने और ऐसे अध्यापकों को इस क्षेत्र से ही बाहर कर देने की तुरंत जरूरत है।—विजय कुमार 


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