भारतीय जेलें घोर कुप्रबंधन और अव्यवस्था की शिकार

Friday, Aug 31, 2018 - 03:40 AM (IST)

हमारी जेलें वर्षों से घोर कुप्रबंधन तथा प्रशासकीय निष्क्रियता की शिकार और अपराधियों द्वारा अपनी अवैध गतिविधियां चलाने का ‘सरकारी हैडक्वार्टर’ बन गई हैं तथा उन्होंने जेलों में मोबाइल फोन, नशे व अन्य प्रतिबंधित चीजें लाने के अनेक तरीके ढूंढ लिए हैं और हमारी जेलें सुधार घर की बजाय बिगाड़ घर बन गई हैं जो मात्र 19 दिनों की निम्र घटनाओं से स्पष्ट है : 

11 अगस्त को गुजरात की महिसागर जेल में हत्या के आरोप में बंद एक महिला कैदी से चंद पुलिस कर्मचारियों ने सामूहिक बलात्कार किया। 12 अगस्त को बठिंडा जेल में बंद कैदी से मोबाइल फोन व सिम पकड़ा गया जो उसने सिरहाने के नीचे छुपा रखा था। इसी दिन होशियारपुर जेल में हवालातियों से 2 मोबाइल फोन, बैटरी व सिम जब्त किए गए। 15 अगस्त को रोपड़ जेल में उम्र कैद काट रहे एक सिपाही को रोपड़ जिला जेल के अंदर एक बाल्टी में छिपा कर रखे हुए 3 मोबाइल फोन तथा 8 पुडिय़ा तम्बाकू अंदर ले जाने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया। 

17 अगस्त को अमृतसर सैंट्रल जेल में 10 ग्राम नशीले पदार्थ, 410 नशीली गोलियां, एक मोबाइल फोन व 5 ग्राम हैरोइन पकड़ी गई। 19 अगस्त को अमृतसर सैंट्रल जेल प्रबंधन ने जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लाडा के कब्जे से फिर मोबाइल बरामद किया। 2 अन्य हवालातियों से भी मोबाइल मिले। 20 अगस्त को भी एक कैदी से 2 मोबाइल फोन मिले। 22 अगस्त को कपूरथला माडर्न जेल में एक कैदी से मोबाइल फोन, सिम कार्ड और बैटरी तथा 23 अगस्त को इसी जेल में बंद एक कैदी से 140 नशीली गोलियां बरामद की गईं। 

23 अगस्त को सब-जेल पट्टी में पेशी के बाद लौटे हवालाती से 14 ग्राम हैरोइन बरामद हुई जो उसने जूते में छिपा रखी थी। 24 अगस्त को हरियाणा की भोंडसी जेल में रात के समय 30 के लगभग कैदियों ने मिल कर हत्या के मामले में बंद एक कैदी की बुरी तरह पिटाई कर दी जिसे इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल करवाना पड़ा। 27 अगस्त को पी.जी.आई. चंडीगढ़ से बुड़ैल जेल जा रही चंडीगढ़ पुलिस की बस से उतर कर एक विचाराधीन कैदी फरार हो गया। 

27 अगस्त को महाराष्ट्र में ठाणे की सैंट्रल जेल में बंद 2 विचाराधीन कैदियों ने एक कैदी पर हमले के संबंध में उनसे की जा रही पूछताछ के दौरान 2 जेल अधिकारियों की पिटाई कर दी। 27 अगस्त को दिल्ली में तिहाड़ के सैमी ओपन जेल परिसर से हत्या के आरोप में सजा काट रहा एक कैदी गायब हो गया। अधिकारियों ने उसकी तलाश में जेल का कोना-कोना छान मारा पर वह न मिला और  8 घंटों के बाद खुद ही वापस भी आकर कहने लगा कि वह उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर चला गया था और उसे लौटने में देर हो गई। 28 अगस्त को कपूरथला माडर्न जेल में हवालातियों से 4 मोबाइल फोन जब्त किए गए। ज्ञातव्य है कि पिछले 6 महीनों में इस जेल में कैदियों से 40 से अधिक फोन बरामद किए गए। 

29 अगस्त को उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद की नैनी सैंट्रल जेल से एक कैदी फरार हो गया। 29 अगस्त को कश्मीर के युवाओं को हथियारों की ट्रेनिंग लेने पी.ओ.के. भेजने के आरोप में पकड़े गए अम्बफला जेल के डिप्टी सुपरिंटैंडैंट फिरोज अहमद लोन को 9 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया। उपरोक्त घटनाओं से स्पष्टï है कि प्रशासन द्वारा जेलों के कार्यकलाप में सुधार लाने के तमाम दावों के बावजूद वहां नशीले पदार्थों एवं अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी से लेकर मार-काट, हिंसा और यहां तक कि जेल अधिकारियों पर हमले लगातार जारी हैं। 

इसे रोकने के लिए प्रशासन को जेलों में बुनियादी ढांचे की त्रुटियों को दूर करने,जेलों में होने वाली अप्रिय घटनाओं के लिए स्टाफ की जिम्मेदारी तय करने और कत्र्तव्य निर्वहन में ढील बरतने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई करने की आवश्यकता है।जब तक जेलों में सुरक्षा प्रणाली अभेद्य नहीं बनाई जाती, वहां का वातावरण और अनुशासन नहीं सुधारा जाता, प्रशासन को चुस्त एवं  जवाबदेह नहीं बनाया जाता और दोषी पाए जाने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक वहां नशीले पदार्थों की तस्करी, गैंगवार, बलात्कार और अन्य अपराध होते ही रहेंगे।—विजय कुमार  

Pardeep

Advertising