भारत की ‘पवित्र धरती’ बन गई ‘बलात्कारियों की धरती’

Saturday, Oct 03, 2020 - 02:26 AM (IST)

एक रिपोर्ट के अनुसार देश में महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराधों में 2019 में 7.3 प्रतिशत और 4.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और इसी कारण 1 अक्तूबर को ही मद्रास हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए यह कटु टिप्पणी की है कि‘‘भारत की पवित्र धरती अब ‘बलात्कारियों की धरती’ में बदल गई है जहां हर 15 मिनट में एक बलात्कार होता है।’’ इसी प्रकार पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार ने 1 अक्तूबर को बलात्कार के एक मामले में सुनवाई करते हुए टिप्पणी की है कि ‘‘देश में नाबालिगों के विरुद्ध अपराध लगातार बढ़ रहे हैं जिन पर किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता।’’ 

इन दिनों उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के ‘चंदपा’ थाना के एक गांव में 14 सितम्बर को 19 वर्षीय दलित युवती से चार युवकों द्वारा सामूहिक बलात्कार व उत्पीडऩ के चलते 29 सितम्बर को दिल्ली के अस्पताल में मृत्यु के बाद देश में बवाल मचा हुआ है। आरोप है कि 29 सितम्बर की रात को पीड़िता के परिवार को घर में ताला लगा कर बंद करने के बाद ही देर रात अढ़ाई बजे पुलिस द्वारा पीड़िता का जबरन अंतिम संस्कार करवाया गया जबकि यू.पी. के ए.डी.जी. कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के अनुसार मृतका का शव खराब होता जाने के कारण घर वालों की सहमति से रात को ही अंतिम संस्कार किया गया। 

जहां उत्तर प्रदेश पुलिस ने मृतका से बलात्कार का खंडन किया है वहीं पांच वैज्ञानिकों की टीम द्वारा किए गए परीक्षणों में मृतका के कपड़े और स्लाइड पर वीर्य के धब्बे न मिलने से बलात्कार नहीं होने की बात कही गई है। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि जिला प्रशासन उन पर अपने बयान बार-बार बदलने को लेकर दबाव डाल रहा है। इस बीच हाथरस से एक कथित वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें हाथरस का डी.एम. प्रवीण कुमार पीड़िता के परिवार को एक तरह से धमकाते हुए कह रहा है कि : 

‘‘मीडिया वाले तो चले जाएंगे मगर पुलिस यहीं रहेगी। आज अभी आधे चले गए कल सुबह तक आधे और निकल जाएंगे और... हम ही बस खड़े हैं आपके साथ में, ठीक है। अब आपकी इच्छा है।’’ जहां कांग्रेस व अन्य विरोधी दल उत्तर प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध अपराधों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं भाजपा नेतृत्व कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान में हाल ही की बलात्कार की घटनाओं का उल्लेख कर रहा है। हालांकि वास्तविकता यह है कि महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अत्याचार तो पूरे देश में ही हो रहे हैं। यह मात्र 4 दिनों की निम्र घटनाओं से स्पष्ट है : 

* 29 सितम्बर को उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में एक छात्रा की गैंग रेप के बाद मौत हो गई। 
* 29 सितम्बर को ही राजस्थान के अजमेर में अपनी मां से मिलने जा रही एक महिला से तीन लोगों ने बलात्कार किया। 
* 29 सितम्बर को ही हरियाणा के हिसार में पड़ोसी युवक ने डरा-धमका कर विवाहिता से बलात्कार किया।
* 30 सितम्बर को राजस्थान के सीकर में 2 लोगों ने आठवीं कक्षा की 14 वर्षीय छात्रा से बलात्कार के बाद उसका वीडियो वायरल किया।  
* 30 सितम्बर को ही दिल्ली में सोलह वर्षीय युवक ने एक सात वर्षीय बच्ची से बलात्कार कर डाला।
* 30 सितम्बर को फरीदाबाद में 28 वर्षीय एक युवक ने एक 8 वर्षीय बच्ची से बलात्कार किया। 

* 30 सितम्बर को यू.पी. के आजमगढ़ में 30 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी पड़ोसी बच्ची (7) से बलात्कार किया, जिसकी जान बचाने के लिए सर्जरी करनी पड़ी।
* 01 अक्तूबर को उत्तर प्रदेश के भदोही में 14 वर्षीय एक लड़की का सिर कुचल कर हत्या कर दी गई। लड़की के परिजनों ने उसकी बलात्कार के बाद हत्या किए जाने की आशंका जताई है।
* 01 अक्तूबर को ही मध्य प्रदेश के खरगौन जिले में तीन अज्ञात लोगों ने 16 वर्षीय नाबालिग के साथ बलात्कार कर डाला।
* 01 अक्तूबर को पंजाब में नकोदर की पुलिस ने 1 नाबालिग के अपहरण और उससे बलात्कार करने के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार किया है।
* 01 अक्तूबर को मदुरै में 2 नाबालिग लड़कियों से बलात्कार करने के आरोप में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। 

इसी बीच उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा पीड़ित परिवार से मिलने के लिए जाने वालों को रोकने के समाचार भी मिल रहे हैं। राहुल गांधी से बदसलूकी और उनका कालर पकडऩे के बाद तृणमूल कांग्रेस के सांसद डैरेक ओ ब्रायन को भी हाथरस बार्डर पर रोक दिया गया और कुछ टी.वी. चैनल वालों के साथ बदसलूकी के समाचार भी प्राप्त हुए हैं। उत्तर प्रदेश तथा देश में हो रहे महिलाओं के विरुद्ध जघन्य अपराधों की सर्वत्र आलोचना हो रही है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि ‘‘पीड़िता के जबरन अंतिम संस्कार ने उन लोगों की कलई खोल दी है जो वोटों के लिए झूठे वायदे करते हैं और नारों का इस्तेमाल करते हैं।’’ 

उपरोक्त घटनाक्रम से एक बार फिर यह सिद्ध हो गया है कि देश में महिलाओं के विरुद्ध हो रहे अपराधों पर सभी दलों द्वारा आपस में मिल-बैठकर गंभीर ङ्क्षचतन करने और इनका हल निकालने का कोई प्रभावशाली उपाय तलाश करने की बजाय सभी दलों ने दूसरों की पीड़ा को भुलाकर अपने राजनीतिक स्वार्थों की रोटियां सेंकनी शुरू कर रखी हैं। जहां इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के शीर्ष अधिकारियों और एस.पी. को नोटिस जारी कर इस घटना पर जवाब मांगा है, वहीं इस घटना को लेकर प्रदेश सरकार और भाजपा की छवि को भी गहरा आघात लगा है। 

वहीं हाथरस गैंग रेप मामले में स्पैशल इन्वैस्टीगेशन टीम (एस.आई.टी.) की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद हाथरस जिले में तैनात एस.पी. व 2 अन्य पुलिस वालों को निलम्बित कर दिया गया है परन्तु इस दिशा में अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है। प्रदेश के अनेक दलित भाजपा नेताओं ने कहा है कि ऐसी घटनाओं के राजनीतिक परिणाम ऐसे होंगे जो भाजपा नेतृत्व के लिए एक चेतावनी है। इसी बीच उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के स्थान पर किसी अन्य (सक्षम) व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाने या प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग भी की है।-विजय कुमार

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