‘पाक में बढ़ते आतंकवादी हमले’‘सेना प्रमुख असीम मुनीर ने शहबाज सरकार को लताड़ा’

punjabkesari.in Thursday, Mar 20, 2025 - 06:13 AM (IST)

एक ओर तो अस्तित्व में आने के समय से ही पाकिस्तान के शासकों ने भारत के विरुद्ध 4 प्रत्यक्ष युद्ध लडऩे के अलावा अपने भेजे हुए आतंकवादियों के जरिए छद्मयुद्ध छेड़ रखा है तो दूसरी ओर पाकिस्तान के पाले हुए आतंकवादियों ने पाकिस्तान में ही खून-खराबा शुरू कर दिया है। पाकिस्तान में इसी महीने हुए चंद आतंकवादी हमले निम्न में दर्ज हैं : 
* 3 मार्च को ‘बलूचिस्तान’ के ‘कलात’ में एक आत्मघाती हमले के परिणामस्वरूप एक व्यक्ति की मौत और 3 अन्य घायल हो गए। 
* 4 मार्च को ‘खैबर पख्तूनख्वा’ के ‘बन्नू’ में ‘जैश-अल-फुरसान’ नामक आतंकी संगठन द्वारा एक सैनिक अड्डे पर हमले में 18 लोग मारे गए। 
* 11 मार्च को ‘बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी’ के आतंकवादियों ने एक पूरी की पूरी रेलगाड़ी का अपहरण कर लिया।
* 15 मार्च को ‘बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी’ ने दावा किया कि उसने उक्त ट्रेन में सवार पाकिस्तान सेना के सभी 214 जवान मार डाले हैं।
* 15 मार्च को ही ‘खैबर पख्तूनख्वा’ प्रांत में एक मस्जिद में धमाके के परिणामस्वरूप 4 लोग घायल हो गए।
* 16 मार्च को ‘बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी’ ने पाकिस्तानी सेना पर आत्मघाती हमले में 90 सैनिकों को मारने का दावा किया। 
* 17 मार्च को ‘बलूचिस्तान’ में एक एस.एच.ओ. के घर पर हमले में 4 बच्चों सहित 5 लोग घायल हो गए। 

ऐसी ही घटनाओं को देखते हुए 13 मार्च को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि ‘‘जब तक बलूचिस्तान सहित पूरे देश में जनता के भरोसे वाली सरकार नहीं बन जाती, तब तक पाकिस्तान में स्थिरता का माहौल कायम करना संभव नहीं होगा। आतंकवाद ने एक बार फिर देश में जड़ें जमा ली हैं।’’और अब 18 मार्च को पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल ‘असीम मुनीर’ ने कट्टïरवाद व राष्ट्रीय एकता जैसे मुद्दों को लेकर शहबाज शरीफ सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने पाकिस्तान की वर्तमान सरकार की खामियों और सुरक्षा बलों के सदस्यों की मौतों पर ङ्क्षचता व्यक्त करते हुए कहा है कि :

‘‘आखिर हम अपने शासन की नाकामियों के कारण कितने लोगों की जान गंवाते रहेंगे और हम कब तक अपनी सेनाओं तथा सैनिकों की हत्याएं बर्दाश्त करते रहेंगे? इसीलिए पाकिस्तान को एक ‘हार्ड स्टेट’ की दिशा में बढऩे की आवश्यकता है।’’
इसके साथ ही उन्होंने देश की एकजुटता और स्थिरता के महत्व पर जोर देते हुए अपील की है कि राजनीतिक और निजी स्वार्थों से ऊपर उठकर ही देश की स्वतंत्रता को यकीनी बनाया जा सकता है। उन्होंने अपने देश के धर्म गुरुओं से इस्लामी कट्टïरपंथी तत्वों द्वारा की जाने वाली गलत बयानी और गलत दावों का भांडा फोडऩे की भी अपील की है। इमरान खान व पाक सेना प्रमुख के बयान न सिर्फ पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान की निराशा को दर्शाते हैं बल्कि देश की सुरक्षा और स्थिरता को कमजोर करने वाले सिस्टम संबंधी मुद्दों की ओर भी इशारा करते हैं। 

अब पाकिस्तान के बिगड़ रहे आंतरिक हालात के बीच इसके सेना प्रमुख असीम मुनीर का उक्त बयान शहबाज शरीफ के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है और वह भी सेना का शिकार हो सकते हैं। ऐसा होने पर पाकिस्तान में एक बार फिर राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो सकती है।  लिहाजा पाकिस्तान के शासकों को अपने देश में फैल रहे आतंकी तत्वों पर तुरंत काबू पाना और भारत में आतंक फैलाने वाले तत्वों पर भी तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। इसके साथ ही पाकिस्तान सरकार को भारत के साथ पी.ओ.के. की समस्या का भी परस्पर सहमति से समाधान करने की आïवश्यकता है, जिस पर इसने लंबे समय से अïवैध रूप से कब्जा कर रखा है। चूंकि पी.ओ.के. भारत का ही है, अत: इसे भारत को सौंपने और भारत से संबंध सुधारने में ही पाकिस्तान सरकार की भलाई है।—विजय कुमार 


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