पाक में ‘इमरान खान’ ने उठाए कुछ अच्छे कदम ‘आगाज तो अच्छा है, अंजाम खुदा जाने’

Wednesday, Aug 29, 2018 - 01:55 AM (IST)

क्रिकेटर से राजनीतिज्ञ बने इमरान खान ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेते समय कुछ घोषणाएं की थीं जिनमें भारत के साथ संबंध सुधारने की इच्छा व्यक्त करने के साथ-साथ उन्होंने पाकिस्तान सरकार के कामकाज में सुधार लाने की दिशा में पग उठाने की बात भी कही थी।

जहां तक भारत के साथ संबंध सुधारने की दिशा में आगे बढऩे की बात है, इस बारे पाकिस्तान की ओर से कोई ठोस संकेत नहीं मिला, अलबत्ता इमरान खान ने प्रधानमंत्री बनने के तुरंत बाद सरकारी खर्चों में कटौती तथा अन्य सुधारवादी कदम उठाने की दिशा में प्रयास अवश्य शुरू किए हैं और अपने मंत्रियों को भी इसके लिए प्रेरित करने लगे हैं। 

इमरान ने प्रधानमंत्री आवास लेने से इंकार कर दिया और अब वह तीन कमरों वाले सैन्य सचिव के छोटे से आवास में रहने चले गए हैं। यहां केवल 2 ही नौकर काम करते हैं जबकि प्रधानमंत्री आवास 524 कर्मचारियों वाला और बहुत ज्यादा खर्चीला है। इमरान ने केवल 2 ही वाहन रखने का भी निर्णय लिया। उन्होंने सुरक्षा में लगे बुलेट प्रूफ काफिले को छोडऩे और फालतू वाहनों की नीलामी करके प्राप्त होने वाली रकम सरकारी खजाने में जमा करने की भी घोषणा की है। उन्होंने 20 अगस्त को अपने 21 सदस्यीय मंत्रिमंडल की शपथ के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक बुलाई जिसमें मंत्रियों को केवल चाय ही दी गई। यहां तक कि बिस्कुट या अन्य किसी प्रकार का नाश्ता भी नहीं दिया गया। 

इमरान ने मंत्रिमंडलीय साथियों से कहा,‘‘मैं स्वयं रोज 16 घंटे काम करूंगा, अत: आप लोग भी 14 घंटे कार्य करें। आप लोग मेरी कैबिनेट का हिस्सा हैं, लिहाजा आपको अपने परिवारों की चिंता छोडऩी होगी। करदाताओं का धन नष्टï न करें और खर्चों में कटौती करें।’’ खर्चों में कटौती के लिए प्रथम श्रेणी में विमान यात्राओं पर रोक लगा दी गई है और अब राष्टï्रपति, प्रधानमंत्री, प्रधान न्यायाधीश, सीनेट के चेयरमैन, नैशनल असैंबली के स्पीकर और मुख्यमंत्री सहित सभी बिजनैस श्रेणी में ही यात्रा करेंगे।

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान की सरकारी विमान सेवाएं प्रथम श्रेणी का टिकट नहीं देतीं और विदेशी विमानन कम्पनियों का इस श्रेणी का किराया बिजनैस और क्लब क्लास से कई गुणा अधिक है। इमरान ने घरेलू या विदेश यात्राओं के लिए विशेष विमानों के इस्तेमाल पर भी रोक लगाने का निर्णय लिया है। अब प्रधानमंत्री भी इन यात्राओं के दौरान बिजनैस श्रेणी में ही यात्रा करेंगे। इसी कड़ी में 27 अगस्त को पाकिस्तान की नई सरकार ने खर्चों पर लगाम लगाने के अभियान के अंतर्गत हवाई अड्डों पर नेताओं, न्यायाधीशों और सैन्य अधिकारियों सहित ‘प्रभावशाली लोगों’ के लिए ‘वी.आई.पी. प्रोटोकॉल’ के अंतर्गत मिलने वाली सुविधाओं पर रोक लगा दी है। 

‘डॉन’ अखबार ने सूचना मंत्री फवाद चौधरी के हवाले से लिखा है कि बिना किसी भेदभाव के यह फैसला सख्ती से लागू किया जाएगा तथा अब पाकिस्तान के हवाई अड्डों पर नेताओं, जजों, नौकरशाहों और सैन्य अधिकारियों को विशेष सुविधा नहीं मिलेगी। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व हवाई अड्डों पर अधिकारियों की मदद से प्रभावशाली लोगों के सामान आदि की जल्दी जांच हो जाती थी। राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री सहित अधिकारियों व नेताओं द्वारा सरकारी निधि को अपने मन से खर्च करने पर भी रोक लगा दी है तथा प्रधानमंत्री, मंत्रियों और सांसदों के विशेषाधिकार में आने वाला फंड बंद कर दिया गया है। 

पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने विशेषाधिकार शक्तियों का इस्तेमाल करके 51 अरब रुपए और राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने 9 करोड़ रुपए की सरकारी रकम खर्च कर दी थी। नि:संदेह इमरान खान की उक्त घोषणाएं अच्छी प्रतीत होती हैं। अपने सुधारों को आगे बढ़ाने के साथ-साथ ही यदि वह भारत सहित पड़ोसी देशों के साथ संबंध सुधारने और अपने देश में सक्रिय आतंकवादी गिरोहों को शरण देना बंद कर सकें तो वह इस क्षेत्र में शांति और खुशहाली का एक नया अध्याय आरंभ कर सकते हैं।—विजय कुमार 

Pardeep

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