पान मसाला व्यापारी पीयूष जैन (यू.पी.) से  भारी मात्रा में नकदी, सोना, चांदी आदि बरामद

punjabkesari.in Tuesday, Dec 28, 2021 - 05:30 AM (IST)

टैक्स चोरी की शिकायत मिलने पर उत्तर प्रदेश में इत्र और पान मसाला के बड़े कारोबारी ‘पीयूष जैन’ को 26 दिसम्बर रात को गिरफ्तार करके 27 दिसम्बर को अदालत में पेशी के बाद 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। 24 दिसम्बर से जी.एस.टी., आयकर और कस्टम अधिकारियों द्वारा उसके कानपुर और कन्नौज स्थित ठिकानों पर जारी छापेमारी के बाद अब तक लगभग 1000 करोड़ रुपए की सम्पत्ति का पता लगा है। 

‘पीयूष जैन’ के कानपुर और कन्नौज स्थित मकानों पर छापेमारी के दौरान बरामद 291 करोड़ रुपए से अधिककी नकदी और जेवरात के अलावा उसके कन्नौज स्थित आवास पर तहखाने से 250 किलो चांदी और 23 किलो सोने की सिल्लियों के अलावा नोटों से भरे 8-9 बोरे भी मिले हैं जिनमें 103 करोड़ रुपए होने की बात कही जा रही है। 6 करोड़ रुपए का चंदन का तेल तथा गत्ते के बक्सों में 2000 रुपए वाले नोटों के बंडलों के अलावा नोट गिनने वाली मशीन और 400 करोड़ रुपए मूल्य की 16 महंगी सम्पत्तियों के दस्तावेज भी मिले हैं। इनमें से 4 कानपुर में, 7 कन्नौज, 2 मुम्बई, 1 दिल्ली व 2 दुबई में हैं।

‘पीयूष जैन’ के कन्नौज स्थित मकान से 18 लॉकर और 500 चाबियां मिली हैं जिनका इस्तेमाल लॉकर खोलने के लिए किया जा रहा है। यही नहीं, ‘पीयूष जैन’ के पान मसाला की देश में ढुलाई करने वाले ट्रांसपोर्टर के घर से भी भारी नकदी बरामद की गई है। कन्नौज में ‘पीयूष जैन’ के नजदीकी इत्र कारोबारियों के यहां भी छापे मारे गए हैं। अगले वर्ष के शुरू में उत्तर प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं तथा इन छापों के बाद राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी समाजवादी पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं और दोनों ही एक-दूसरे पर ‘पीयूष जैन’ से संबंधों का आरोप लगा रहे हैं। 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि ‘पीयूष जैन’ ने ‘समाजवादी इत्र’ पेश किया था इसलिए उसके समाजवादी पार्टी से सम्बन्ध हैं। आयकर चोरी साबित होने पर विभिन्न चूकों के आरोप में ‘पीयूष जैन’ को चोरी किए गए टैक्स की अधिकतम 300 प्रतिशत तक की राशि बतौर पैनल्टी जमा करवानी पड़ सकती है, जबकि विभिन्न आरोपों में 7 साल तक कैद और जी.एस.टी. चोरी किए गए टैक्स का 100 प्रतिशत तक जुर्माने के रूप में भरना पड़ सकता है और जो बदनामी हुई है सो अलग।—विजय कुमार  


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News