‘हिमाचल का चुनावी बुखार’ खुलने लगे ‘प्रलोभनों के पिटारे’

Wednesday, Sep 20, 2017 - 11:57 PM (IST)

विधानसभा चुनावों के दृष्टिगत हिमाचल प्रदेश के दोनों मुख्य राजनीतिक दलों कांग्रेस और भाजपा ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। इसके साथ ही राज्य में सचित्र मतदाता पहचान पत्रों के संशोधन का काम भी पूरा हो गया है और इस वर्ष 1.25 लाख से अधिक नए मतदाताओं ने प्रथम बार अपने नामों का पंजीकरण करवाया है जिनमें से 40567 मतदाता 18-19 वर्ष आयु के हैं जबकि 84989 मतदाता 19 वर्ष से अधिक के हैं। 

जहां सत्तारूढ़ कांग्रेस इस बार भी अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए प्रयत्नशील है वहीं प्रदेश में विरोधी दल की भूमिका निभा रही भाजपा ने भी केंद्र सरकार की नीतियों को गांव-गांव पहुंचाने का काम शुरू कर रखा है। हालांकि कांग्रेस पार्टी अभी तक चुनाव प्रचार की ठोस योजना तैयार नहीं कर पाई है परंतु मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह सहित सभी मंत्री और विधायक सरकारी उद्घाटनों और शिलान्यासों के बहाने चुनाव प्रचार में कूद पड़े हैं तथा प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में जाकर चुनावी बेला पर करोड़ों रुपयों के विकास कार्यों की सौगात जनता में बांटनी शुरू कर दी है। 

यही नहीं, दूसरी ओर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने भी विधानसभा चुनाव देखते हुए प्रदेश में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं और 13 सितम्बर को उन्होंने अपने स्वास्थ्य मंत्रालय से संबंधित लगभग 638 करोड़ रुपए की परियोजनाओं के शिलान्यास कर दिए हैं। लम्बे समय से जो परियोजनाएं सिर्फ कागजों तक ही सीमित थीं उनका चुनावों से ठीक पहले उद्घाटन किया जा रहा है। इतना ही नहीं, गत दिवस हिमाचल कैबिनेट की बैठक में समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों के लिए अनेक लोक-लुभावन निर्णय लिए गए। निर्णयों तथा प्रोत्साहनों की इसी शृंखला में प्रदेश में पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए शिमला, सिरमौर, चम्बा, बिलासपुर तथा किन्नौर जिलों में 5 ‘मॉडल ईको गांव’ कायम करने का निर्णय लिया गया है। 

इसके अलावा सिंचाई तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में जलरक्षकों सम्बन्धी नीति बनाने पर सहमति व्यक्त की गई है जिसके अंतर्गत आई.टी.आई. डिप्लोमाधारी जलरक्षकों को पम्प आप्रेटरों तथा फिटरों के रूप में आर. एंड पी. नियमों में कोटा दिया जाएगा। मैट्रिक उत्तीर्ण तथा 12 वर्ष अनुभवी जल रक्षकों को चौकीदारों तथा पम्प अटैंडैंटों की असामियों में खपाया जाएगा। बेलदारों की लगभग 1000 असामियों को चौकीदारों तथा पम्प अटैंडैंटों में बदला जाएगा तथा इसके अलावा उन्हें पहले से उपलब्ध इंसैंटिव के साथ ही 2500 रुपए मासिक का आनरेरियम भी दिया जाएगा। 

प्रदेश के लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए दुर्गम और कठिन जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग में ‘इन सर्विस जनरल ड्यूटी आफिसर्ज’ (जी.डी.ओज़) को स्पांसर करने की एक नीति बनाई जाएगी जिन्हें ऐसे क्षेत्रों में सेवा करने के लिए विभिन्न आर्थिक तथा अन्य प्रोत्साहन दिए जाएंगे। बैठक में गरीबी रेखा से नीचे (बी.पी.एल.) परिवारों की ग्रैजुएट या समकक्ष कक्षाओं में पढऩे वाली कन्याओं के लिए ‘बेटी है अनमोल’ योजना के अंतर्गत 5000 रुपए वार्षिक की स्पांसरशिप शुरू करने को भी स्वीकृति दी गई है। इससे बी.ई., बी.टैक., एम.बी.बी.एस., बी.एड तथा एल.एल.बी. कक्षाओं में पढऩे वाली छात्राएं लाभान्वित होंगी। पहले यह स्कालरशिप 2500 रुपए वार्षिक की दर से सीनियर सैकेंडरी स्तर तक ही उपलब्ध थी। 

इसी प्रकार नियमित जे.बी.टी. टीचरों की भांति ही पी.ए.टी. (प्राइमरी असिस्टैंट टीचरों) को वार्षिक पदोन्नति देने तथा उनके लिए तबादला नीति बनाने का निर्णय भी किया गया है। यह निर्णय भी लिया गया कि केवल महिला पी.ए.टी. ही अंतर्जिला तबादले की पात्र होंगी यदि उन्हें विवाह के बाद इसकी जरूरत हो। इस समय जबकि चुनावी मौसम शुरू हो चुका है, भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने अपने-अपने ढंग से मतदाताओं को लुभाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं और सत्ता में होने के नाते प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने दूसरी सरकारों की भांति ही मतदाताओं को लुभाने के लिए चुनावों से ऐन पहले प्रलोभनों का पिटारा खोल दिया है।

इसीलिए हम अक्सर यह सुझाव देते रहते हैं कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव 5 साल की बजाय 3 या 4 साल में सम्पन्न करवाए जाएं ताकि मतदाताओं के रुके काम जल्दी हो सकें और उन्हें वे सुविधाएं भी मिल सकें जिसके लिए वे अब तक भगवान से प्रार्थना करते आए थे क्योंकि केंद्र हो या प्रादेशिक सरकारें, सभी जनता से जुड़े काम तो चुनाव सिर पर आने पर ही शुरू करती हैं।-विजय कुमार

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