‘पंजाब’ की ही भांति हिमाचल भी बनने लगा ‘उड़ता हिमाचल’

Thursday, Aug 02, 2018 - 02:37 AM (IST)

आज देश के अनेक राज्यों में नशे की लत महामारी की तरह फैलती जा रही है जिसकी शिकार होकर युवा पीढ़ी अपना स्वास्थ्य तबाह कर रही है तथा देवभूमि हिमाचल के युवा भी अब इससे मुक्त नहीं रहे। राज्य के कई हिस्सों में बड़ी मात्रा में चरस, भुक्की, कोकीन, अफीम, चिट्टïा जैसे नशीले पदार्थों की बरामदगी स्पष्ट संकेत दे रही है कि यह राज्य अब ‘उड़ता पंजाब’ की भांति ‘उड़ता हिमाचल’ बनता जा रहा है जहां जगह-जगह नशा तस्करों का जाल फैलता जा रहा है। 

वर्ष 2016 में विभिन्न विभागों द्वारा किए गए शोध के अनुसार राज्य के 40 प्रतिशत युवा विभिन्न नशों की चपेट में हैं। स्थिति की गंभीरता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि स्वयं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य में नशे के व्यापारियों के विरुद्ध पुलिस एवं गुप्तचर एजैंसियों को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया है। हाल ही में शिमला तथा कुल्लू में 2 नाइजीरियनों एवं चिट्टïा के स्थानीय तस्करों की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि पंजाब में नशे की तस्करी में लिप्त अपराधी हिमाचल में सक्रिय हो रहे हैं जिनसे निपटने के लिए शिमला, कांगड़ा व कुल्लू में 3 नार्कोटिक्स कंट्रोल यूनिट बनाए गए हैं। 

नशा तस्कर युवकों के साथ-साथ अब युवतियों को भी जाल में फंसा रहे हैं जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है। विशेष रूप से अपने माता-पिता के साथ न रहने वाली दूसरे शहरों से पढ़ाई और नौकरी के सिलसिले में आई और गई युवतियां नशे की लत की शिकार हो रही हैं। इस बारे हिमाचल पुलिस को पड़ोसी राज्यों की पुलिस से सम्पर्क करके नशा तस्करों की जानकारी प्राप्त करने और पकडऩे में सहायता लेने के लिए कहा गया है। पता चला है कि लगभग 500 से 700 के बीच नाइजीरियन जिनमें से अधिकांश का ठिकाना दिल्ली में है, हिमाचल प्रदेश में चिट्टा की तस्करी में सक्रिय रूप से संलिप्त हैं। 

चिट्टा(हैरोइन) की तस्करी के सिलसिले में शिमला और कुल्लू पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 2 नाइजीरियनों के अनुसार हिमाचल के नशा तस्कर दिल्ली व अन्य राज्यों में फैले तस्करों से नशा ले रहे हैं तथा पिछले 6 महीनों में 36 महिलाओं तथा 6 विदेशियों सहित नशा तस्करी के 653 मामलों में 831 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसी अवधि में 257.1 किलो चरस, 4.78 किलो अफीम, 36,154 नशीली गोलियां, 50,834 कैप्सूल, 994 बोतल सिरप, 4.621 किलो हैरोइन, 293 ग्राम स्मैक और 68.8 ग्राम ब्राऊन शूगर, 45 ग्राम कैटामाइन, 45 ग्राम कैटामाइन आइस मिक्सचर, पोस्त चूरा 263.07 किलोग्राम, 7.99 किलो ग्राम गांजा तथा 910 इंजैक्शन भी जब्त किए गए। 

पंजाब से लगता हिमाचल का ऊना जिला भी उन्हीं बुराइयों का शिकार होता जा रहा है जिनसे इसके साथ लगते पंजाब के इलाके ग्रस्त हैं। यहां स्कूल और कालेजों के छात्र सिगरेट, गुटका, खैनी और शराब के साथ-साथ कैप्सूलों, खांसी के सिरप, जूतों की पॉलिश, बाम, सफेद तरल (व्हाइट फ्लूड), चरस, स्मैक, हैरोइन व अफीम की लत के शिकार होते जा रहे हैं। चम्बा (कुछ हिस्सा), कांगड़ा, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर व शिमला में भी हालत काफी खराब है। अक्तूबर, 2017 में डी.जी.पी. द्वारा हाईकोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट में कुल्लू, मंडी, चम्बा, शिमला व सिरमौर के 400 गांवों को अफीम की गैर-कानूनी खेती के कारण प्रभावित बताया गया था। 

हिमाचल के पूर्व डी.जी.पी. श्री आई.डी. भंडारी के अनुसार समस्या की गंभीरता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि 7वीं और 8वीं कक्षा में पढऩे वाले बच्चे भी कीटनाशकों को ‘सूंघ’ रहे हैं जोकि बाद में चिट्टïा या कोकीन का इस्तेमाल करने लगते हैं। यहां उल्लेखनीय है कि हिमाचल सरकार ने नशे के बढ़ते प्रचलन को देखते हुए पहली से 12वीं कक्षा तक के बच्चों की स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है ताकि बच्चों के शरीर में नशे के यदि कोई अंश हों तो उनका पता लगा कर उनके अभिभावकों को सचेत किया जा सके। लेकिन इतना ही काफी नहीं है इस समस्या से निपटने के लिए सरकार को इस मामले में समाज की संलिप्तता सुनिश्चित करने के साथ-साथ नशे के व्यापारियों पर सख्ती से नकेल कसनी होगी क्योंकि यदि इस समस्या पर नियंत्रण न पाया गया तो आने वाले वर्षों में यह बेकाबू हो जाएगी।—विजय कुमार

Pardeep

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