‘रिश्वत मामले पर’ हिमाचल में उठा ‘तूफान अभी थमा नहीं’

Tuesday, Jun 09, 2020 - 10:20 AM (IST)

1 करोड़ रुपए मूल्य की 6500 ‘पी.पी.ई. किट’ (चिकित्सकों के लिए ‘कोरोना’ से सुरक्षा का परिधान) खरीदने के बदले में विक्रेता से 5 लाख रुपए रिश्वत मांगने संबंधी 53 सैकेंड का वीडियो वायरल होने के तुरंत बाद हिमाचल के तत्कालीन स्वास्थ्य निदेशक डा. अजय कुमार गुप्ता की 20 मई रात को गिरफ्तारी और 27 मई को हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल द्वारा अचानक पद से त्यागपत्र दे देने से प्रदेश भाजपा में उठा तूफान अभी थमा नहीं। जहां डा. अजय कुमार गुप्ता प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल के गृह विधानसभा क्षेत्र नाहन से संबंध रखते हैं वहीं कम्पनी के जिस प्रतिनिधि पृथ्वी सिंह से वीडियो में कथित बातचीत हुई है वह ‘रेणुका जी’ से भाजपा के एक पूर्व विधायक का नजदीकी रिश्तेदार है जिसे 6 जून देर रात लम्बी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। 

सिरमौर के राजना गांव का रहने वाला पृथ्वी सिंह सोलन की ‘एपैक्स डायग्नोस्टिक्स’ नामक जिस कम्पनी में काम करता था उसके मालिक बिंदल की बेटी और दामाद हैं। बिंदल के दामाद डा. राजकुमार गांधी के अनुसार पृथ्वी सिंह उनके यहां बहुत पहले काम करता था परंतु उक्त सैंटर की एक महिला ने लैंडलाइन नम्बर से जवाब देते हुए कहा कि, ‘‘पृथ्वी सिंह कोविड-19 के समय से हमारे साथ काम नहीं कर रहा था।’’ सूत्रों के अनुसार वायरल हुई वीडियो जैसी और रिकाॄडग्स भी हैं जिन्हें पृथ्वी सिंह ने जानबूझ कर रिकार्ड किया है और वह चिकित्सा उपकरणों की सप्लाई करने वाली पंजाब की एक फर्म के लिए बतौर बिचौलिया काम कर रहा था।

वह 2007 में ‘रेणुका जी’ की सीट से बसपा की टिकट पर विधानसभा का असफल चुनाव भी लड़ चुका है और बाद में भाजपा में शामिल हो गया था तथा पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा का जिला प्रधान भी रहा। कुछ समय पूर्व प्रदेश के आयुर्वेद विभाग में तथाकथित मशीनरी घोटाला भी काफी चर्चा में रहा है और बताया जाता है कि पी.पी.ई. किटें खरीदने वाली समिति के सदस्यों के नाम तक जाहिर नहीं करने के कारण लोग स्वास्थ्य विभाग की खरीद प्रक्रिया को संदेह से देख रहे हैं। कुल मिलाकर जहां इस मामले की गुत्थियां उलझती जा रही हैं वहीं हिमाचल के मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि, ‘‘जांच जारी है और सरकार ने तेजी से कार्रवाई की है’’  परंतु कार्रवाई कितनी जल्दी अंजाम पर पहुंचती है यह देखना अभी बाकी है।     —विजय कुमार  

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