‘भारत में सड़क दुर्घटनाओं का कहर’‘रोजाना हो रहीं 415 लोगों के खून से लाल’

Wednesday, Feb 03, 2021 - 01:33 AM (IST)

विश्व में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाओं वाले देशों में भारत पहले स्थान पर है। सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार 2019 में देश में 4,49,002 सड़क दुर्घटनाओं में 151,113 लोगों की मौत हो गई अर्थात प्रतिदिन देश की सड़कें दुर्घटनाओं में मरने वाले 415 लोगों के खून से लाल हो रही हैं। इसीलिए भारत विश्व में ‘सड़क दुर्घटनाओं की राजधानी’ भी कहलाने लगा है। स्थिति की गंभीरता पिछले 15 दिनों के निम्न दुर्घटनाओं से ही स्पष्ट है : 

* 19 जनवरी को पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के ‘जलढाका’ में बारातियों को ले जा रहे 3 वाहनों की टक्कर में 7 बारातियों की मौत हो गई। 
* 23 जनवरी को शिमला के साथ लगते ‘बियोलिया’ के निकट एक कार दुर्घटना में 3 लोगों की जान चली गई।
* 25 जनवरी को फाजिल्का के गांव ‘टाहलीवाला बोदला’ के निकट कार और बाइक की टक्कर में बाइक सवार मां-बेटा मारे गए। 

* 25 जनवरी को ही राजस्थान के बांसवाड़ा में बाइक पर अपनी बहन के घर जा रहे 4 भाइयों को एक ट्रक ने कुचल डाला। 
* 26 जनवरी को करनाल में ‘बाबेल’ गांव के निकट एक पिकअप द्वारा बाइक को टक्कर मार देने से उस पर सवार जीजा-साले की मृत्यु हो गई। 
* 26 जनवरी को ही अबोहर के गांव ‘सप्पांवाली’ में अज्ञात वाहन द्वारा एक बाइक को टक्कर मार देने से बाइक सवार ने दम तोड़ दिया। 
* 27 जनवरी को पटियाला के निकट ‘सिद्धूवाल’ गांव में कार एवं गैस एजैंसी के वाहन में टक्कर के परिणामस्वरूप 2 युवकों की मौत हो गई। 
* 27 जनवरी को ही जालंधर के निकट गांव ‘धनी पिंड’ में तेज रफ्तार ट्रक द्वारा बाइक को टक्कर मार देने से बाइक सवार मारा गया। 

* 27 जनवरी को ही जालंधर के ट्रांसपोर्ट नगर में एक ट्रक की चपेट में आ जाने से बाइक के पीछे बैठी बुजुर्ग महिला मारी गई।  
* 27 जनवरी को राजस्थान के टोंक जिले में एक कार के तेज रफ्तार ट्राले से टकरा जाने से एक ही परिवार के 8 सदस्यों की मौत हो गई।
* 29 जनवरी को अमृतसर के ‘वलहा’ गांव के निकट महिलाओं के एक समूह को टैंकर ने कुचल दिया जिससे 2 महिलाओं की मृत्यु हो गई।
* 29 जनवरी को पठानकोट में सुजानपुर पुल के निकट ट्रक की टक्कर से एक बाइक सवार युवक मारा गया। 

* 29 जनवरी को ही फिरोजपुर के गांव ‘भडाना’ के निकट ट्रैक्टर-ट्राली ने एक बाइक को टक्कर मार दी जिससे बाइक सवार ने दम तोड़ दिया।
* 29 जनवरी वाले दिन ही हरियाणा में यमुनानगर के निकट गांव ‘करहेड़ा’ में एम्बुलैंस और ट्रैक्टर-ट्राली की आमने-सामने टक्कर में परिवार की बेटी का शव लेकर जा रही उत्तर प्रदेश की 2 बहनों की जान चली गई।
* 30 जनवरी को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक बस और ट्रक की जबरदस्त टक्कर में 10 लोगों की मृत्यु तथा अनेक लोग घायल हो गए। 
* 31 जनवरी को बद्रीनाथ-ऋषिकेश मार्ग पर नई टिहरी के निकट एक कार के खाई में गिर जाने से उसमें सवार पांचों लोगों की जान चली गई।
* 31 जनवरी को ही शिमला में एक कार दुर्घटना में पति-पत्नी मारे गए। 

* 31 जनवरी वाले दिन ही तमिलनाडु के ‘तूतीकोरिन’ जिले में एक शराबी ट्रक चालक ने एक पुलिस कांस्टेबल को कुचल कर मार डाला।
* 1 फरवरी को पठानकोट में ‘बधानी’ गांव के निकट एक कार की टक्कर से स्कूटी सवार की मृत्यु हो गई।
* 1 फरवरी को ही ‘मक्खू’ के निकट छोटे हाथी व घोड़ा ट्राला की टक्कर में छोटे हाथी पर सवार 2 सगे भाइयों सहित 6 मजदूरों की जान चली गई।
* 1 फरवरी वाले दिन ही खन्ना में गांव ‘दहेड़ू’ के निकट सड़क पर अपने वाहन का टायर बदल रहे ट्रक चालक व उसके बेटे को किसी वाहन ने टक्कर मार दी जिससे दोनों के प्राण चले गए। 

* 1 फरवरी को ही त्रिपुरा में कोरापुट जिले के ‘मुर्ताहांडी’ में एक वाहन के पेड़ से टकरा जाने से उसमें सवार 9 लोगों की जान चली गई। 
* 1 फरवरी को ही छुट्टी बिता कर ड्यूटी पर लौट रहे सेना के जवान की पंजाब में तरनतारन के निकट एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई। और अब 2 फरवरी को बुलंदशहर के निकट एक ट्रक के बेकाबू होकर पी.ए.सी. जवानों के टैंट में जा घुसने से 2 जवानों ने दम तोड़ दिया। 

ये सड़क दुर्घटनाएं ऐसे समय में हुई हैं जब देश में 18 जनवरी से ‘सड़क सुरक्षा माह’ मनाया जा रहा है। इस दौरान सड़क मंत्रालय ने अगले पांच वर्षों में सड़क दुर्घटनाओं में मौतें 50 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य रखा है। एक सर्वे में यह तथ्य भी सामने आया है कि देश में लगभग 50 प्रतिशत ट्रक चालक नजर की कमजोरी का शिकार हैं। चूंकि उम्र बढऩे के साथ-साथ लोगों की नजर कमजोर होती जाती है अत: प्रति वर्ष नियमित और अनिवार्य रूप से सभी प्रकार के वाहन चालकों की नजर की जांच होनी चाहिए। इससे सड़क दुर्घटनाएं रोकने में सहायता मिलेगी। जब तक ऐसा सुनिश्चित नहीं किया जाएगा, चाहे लाख बढिय़ा और फोर लेन या सिक्स लेन सड़कें बना ली जाएं, सड़क दुर्घटनाओं में कमी नहीं आ सकती। इसके साथ ही यथासंभव वाहन ड्राइव करने की अवधि भी तय की जानी चाहिए क्योंकि एक समय के बाद आंखें और शरीर थक जाने से दुर्घटना होने का खतरा बढ़ जाता है।—विजय कुमार

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