बच्चियों से बलात्कार हरियाणा हुआ शर्मसार

Sunday, Dec 10, 2017 - 12:11 AM (IST)

देश में महिलाओं के साथ-साथ बच्चियों के विरुद्ध अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है और हद यह है कि जहां रिश्तेदार ही महिलाओं और बच्चियों का दामन दागदार कर रहे हैं वहीं पड़ोसी भी सारी मान-मर्यादाएं भूल कर यही पाप कर रहे हैं। 

इसका उल्लेख हमने अपने 28 नवम्बर के सम्पादकीय ‘मध्य प्रदेश में बच्चियों से बलात्कार: कैबिनेट द्वारा आरोपियों को फांसी का प्रस्ताव’ में किया था। वास्तव में यह रोग मध्य प्रदेश तक ही नहीं बल्कि समूचे देश में ही महामारी की तरह फैला हुआ है जिसके चंद उदाहरण निम्र में दर्ज हैं : 

08 नवम्बर को साहिबाबाद के एक स्कूल में कक्षा दो की एक छात्रा के साथ स्कूल के टायलैट के भीतर बलात्कार किए जाने और बच्ची के प्राइवेट पार्ट में कंकड़ डाले जाने का मामला सामने आया। बलात्कार करने का आरोप स्कूल के कक्षा चार और पांच में पढऩे वाले छात्रों पर है। 28 नवम्बर को गुजरात के झालावाड़ जिले के ढग कस्बे में एक 10 वर्षीय बच्ची की बलात्कार के बाद हत्या किए जाने का मामला सामने आया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार यह बच्ची 27 नवम्बर दोपहर को उस समय लापता हो गई जब वह अपने पिता को खेतों में खाना देने गई थी। 01 दिसम्बर को कोलकाता के एक प्रतिष्ठित स्कूल में 4 साल की मासूम के यौन उत्पीडऩ का मामला सामने आया।

आरोप है कि स्कूल में शारीरिक शिक्षा के टीचर ने ही मासूम का यौन उत्पीडऩ किया। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने टीचर के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।04 दिसम्बर को राजधानी दिल्ली के नरेला इलाके में एक 87 साल के बुजुर्ग ने अस्थायी अन्न भंडार के बाहर खेल रही 8 साल की बच्ची को लालच देकर उसके साथ बलात्कार कर डाला। 05 दिसम्बर को लुधियाना में प्रताप सिंह वाला के दशमेश नगर इलाके में शौच गई 8 साल की एक मासूम बच्ची से उसके पड़ोस में रहने वाले 18 वर्षीय युवक ने दुष्कर्म कर डाला। 06 दिसम्बर को बिहार में पटना के दानापुर क्षेत्र में 8 साल की स्कूली बच्ची के साथ एक सफाई कर्मचारी ने बलात्कार का प्रयास किया और उसके साथ गलत हरकत की जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है। और अब 8 दिसम्बर को हरियाणा में हिसार के उकलाना में 6 साल की बच्ची के साथ दिल्ली के निर्भया कांड और शिमला के गुडिय़ा केस से भी भयानक और दिल दहला देने वाली घटना हुई है। 

गरीब परिवार की बेटी को दरिंदे ने उठा लिया और हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए बच्ची के नाजुक अंगों पर प्रहार करते हुए नोच-नोच कर और गुप्तांग में लकड़ी डाल कर मार डाला। बच्ची के शरीर पर घाव मिले हैं। एक ओर देश भर में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे लगाए जा रहे हैं और दूसरी ओर बच्चियों पर घोर अत्याचार हो रहे हैं। अकेले हरियाणा की ही बात करें तो वहां 2016 में 1189 बलात्कार के केस हुए जिनमें 6 साल से कम आयु की बच्चियों से लेकर 18 साल तक की 518 बच्चियों को निशाना बनाया गया जबकि 18 साल से 60 साल से ऊपर तक की 671 महिलाएं बलात्कार का शिकार हुईं। मध्य प्रदेश सरकार ने ऐसी ही घटनाओं को देखते हुए 12 साल तक की बच्चियों के साथ ज्यादती करने के आरोप में फांसी की सजा देने से संबंधित दंड विधि संशोधन विधेयक सर्वसम्मति से पारित किया है। 

इस विधेयक में 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ बलात्कार पर फांसी की सजा का प्रावधान है। अत: पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और अन्य राज्यों की सरकारों को इससे भी कठोर कानून बनाना चाहिए जिसमें सभी आयु वर्ग की महिलाओंं को शामिल किया जाए ताकि कठोर दंड के भय से यह महामारी समाप्त हो सके और महिलाएं एवं बच्चियां समाज में सुरक्षित विचरण कर सकें।—विजय कुमार 

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