‘रैगिंग के नाम पर जारी है’ ‘जूनियर छात्रों का उत्पीड़न’
punjabkesari.in Friday, Feb 14, 2025 - 06:22 AM (IST)
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रैगिंग उच्च शिक्षण संस्थानों में सीनियर छात्रों द्वारा नए छात्रों के उत्पीड़न का माध्यम बन गई है। इसमें उनके साथ मारपीट, यौन शोषण, कपड़े उतरवाना आदि शामिल है जिसके पिछले मात्र एक सप्ताह के उदाहरण निम्न में दर्ज हैं :
* 7 फरवरी को कानपुर के ‘गणेश शंकर विद्यार्थी मैमोरियल मैडीकल कालेज’ के 8 सीनियर छात्रों को जूनियर छात्रों की रैगिंग करने के मामले में 6 महीने के लिए सस्पैंड करने, ‘सैमेस्टर’ परीक्षा में बैठने से रोकने के अलावा प्रत्येक छात्र को 10,000 रुपए का जुर्माना लगाया गया।
* 9 फरवरी को ‘ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय’ लखनऊ में कानून की एक छात्रा ने अपनी एक वरिष्ठï छात्रा तथा एक वरिष्ठï छात्र पर उसकी रैगिंग करने, डराने, घायल करने की कोशिश करने तथा उसके साथ अमानवीय व्यवहार करने की शिकायत दर्ज करवाई।
* 12 फरवरी को केरल में ‘कोट्टïायम’ के ‘सरकारी नर्सिंग कालेज’ में मैडीकल के 5 छात्रों ‘सैमुअल जॉनसन’, ‘राहुल राज’, ‘जीव’, ‘रिजील जीत’ तथा ‘विवेक’ द्वारा कालेज के 3 जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग के नाम पर कई महीनों तक बर्बरता करने का मामला सामने आया है।
पुलिस के अनुसार वरिष्ठï छात्रों ने फस्र्ट ईयर के छात्रों को नग्नावस्था में खड़े होने के लिए मजबूर किया तथा उनके निजी अंगों पर कसरत करने के लिए इस्तेमाल होने वाले वजनी डंबल लटकाने के अलावा ‘ज्योमैट्री बॉक्स’ के ‘कम्पास’ सहित नुकीली वस्तुएं चुभो कर घायल करने के बाद उनके घावों पर कोई लोशन लगाया गया। जब पीड़ित छात्र दर्द से चिल्लाने लगे तो जबरन उनके मुंह में भी लोशन भर दिया गया।
यहीं पर बस नहीं, समय-समय पर इन छात्रों को अपने चेहरों, सिर और मुंह पर क्रीम मलने के लिए भी मजबूर करने के अलावा ये लोग प्रत्येक रविवार को शराब पीने के लिए इनसे जबरदस्ती रुपए ऐंठते थे। इसी तरह की एक अन्य घटना में इन सीनियर छात्रों ने होस्टल में एक छात्र के कमरे में घुस कर उसके हाथ-पैर बांध कर उसका उत्पीडऩ किया। आरोप है कि जब उनकी सहनशक्ति जवाब दे गई तब जाकर इस दिल दहला देने वाली घटना के संबंध में छात्रों ने कोट्टयम गांधीनगर पुलिस को शिकायत दी जिसमें उन्होंने कहा है कि आरोपी छात्रों ने गत वर्ष नवम्बर महीने में उनकी रैगिंग शुरू की थी जो अभी तक जारी है।
* 12 फरवरी को ही ‘एस.वी.एन.आई.टी.’ कालेज, सूरत में जन्मदिन की पार्टी में सीनियर छात्रों द्वारा रैगिंग के नाम पर बैल्ट से कुछ जूनियर छात्रों की पिटाई का मामला सामने आया जिस पर कालेज द्वारा मामले पर ठोस कार्रवाई न करने की स्थिति में छात्र संघ ने आंदोलन की धमकी दी है।
* 13 फरवरी को ‘जाधवपुर विश्वविद्यालय’ (पश्चिम बंगाल) की ‘एंटी रैगिंग कमेटी’ ने विश्वविद्यालय के उन छात्रों की मार्कशीट्स तब तक रोकने का फैसला किया है जब तक उनके द्वारा अगस्त, 2023 में एक छात्र की रैगिंग और यौन उत्पीडऩ के कारण मौत के मामले में अदालत का फैसला नहीं आ जाता।
देश में रैगिंग पर प्रतिबंध है और कालेजों में ‘एंटी रैगिंग कमेटियां’ भी बनी हुई हैं, परंतु इसके बावजूद रैगिंग की घटनाएं सामने आती रहती हैं। सबसे बुरी बात यह है कि रैगिंग की घटनाओं में मैडीकल जैसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण पेशे की पढ़ाई से जुड़े छात्र भी शामिल पाए जा रहे हैं। हालांकि सभी छात्र ऐसे नहीं हैं परंतु इस तरह की घटनाएं निश्चित रूप से दुखद हैं और इनके लिए जिम्मेदार छात्रों को कठोरतम शिक्षाप्रद सजा मिलनी ही चाहिएं ताकि इस बुराई पर रोक लगे। इसके साथ ही रैगिंग रोकने के लिए शिक्षण संस्थानों के प्रबंधकों को होस्टलों तथा अन्य संवेदनशील स्थानों पर सी.सी.टी.वी. कैमरे भी लगाने चाहिए ताकि रैगिंग करने वाले छात्रों में पकड़े जाने का भय बना रहे और वे जूनियर छात्रों का उत्पीडऩ करने से संकोच करें। हालांकि शैक्षणिक संस्थानों को हर सत्र के आरम्भ में दाखिला लेने वाले प्रत्येक छात्र और उसके अभिभावक से रैगिंग नहीं करने का शपथ पत्र लेना वांछित है, परंतु इस आदेश का पालन नहीं किया जा रहा। अत: ऐसे शिक्षण संस्थानों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जानी चाहिए। —विजय कुमार