कहीं हाफिज सईद का हश्र भी ओसामा जैसा न हो

punjabkesari.in Thursday, Apr 05, 2018 - 03:14 AM (IST)

पाकिस्तान सरकार ने अपने देश में जिन आतंकवादी गिरोहों को शरण दे रखी है उनमें लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा भी हैं। इनका संस्थापक हाफिज सईद भारत के सर्वाधिक वांछित अपराधियों में से एक है। मुंबई के 26/11 हमलों में उसकी संलिप्तता सामने आई थी जिसमें 6 अमरीकी नागरिकों समेत 166 लोग मारे गए थे। 

अमरीका ने कुछ समय पूर्व ‘दुनिया में आतंकवाद के लिए जिम्मेदार’ लोगों की सूची जारी की थी जिसमें शामिल हाफिज के सिर पर उसने 1000 करोड़ डालर ईनाम घोषित कर रखा है। अमरीका ने 11 सितम्बर, 2001 के हमलों के बाद ‘लश्कर’ को विदेशी आतंकी गिरोह घोषित कर दिया था। वर्ष 2002 में पाकिस्तान सरकार ने भी लश्कर पर प्रतिबंध लगा दिया तो हाफिज ने इसका नाम जमात-उद-दावा रख दिया जिसे संयुक्त राष्टï्र सुरक्षा परिषद ने दिसम्बर, 2008 में आतंकी गिरोह घोषित कर दिया। मुंबई हमलों में इसकी भूमिका को देखते हुए भारत ने सईद के विरुद्ध इंटरपोल रैड कार्नर नोटिस जारी किया तथा अमरीका ने इसे विशेष निगरानी सूची में रखा है। 

हाफिज को लेकर पाकिस्तान हमेशा से ही नर्मी बरतता आ रहा है और इसी कारण वह अब पार्टी बनाकर राजनीति में एंट्री करने की कोशिश में है। गत वर्ष इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने हाफिज की राजनीतिक एंट्री का रास्ता साफ कर दिया जिसके बाद उसने पाकिस्तान में इस वर्ष जुलाई में होने वाले आम चुनावों में भाग लेने का प्लान बनाया है। इसके लिए हाफिज ने ‘मिल्ली मुस्लिम लीग’ (एम.एम.एल.) नामक पार्टी बनाने की घोषणा की है जो जमात-उद-दावा का राजनीतिक विभाग है। हाफिज ने 23 मार्च को लाहौर में इसका घोषणा पत्र भी जारी किया है। हालांकि पाकिस्तान चुनाव आयोग ने अभी इसे मान्यता नहीं दी है तथा इसने एम.एम.एल. को राजनीतिक पार्टी के तौर पर पंजीकरण के लिए गृह मंत्रालय से मंजूरी का प्रमाण पत्र लाने को कहा है परंतु हाफिज के प्रति पाकिस्तान सरकार के नर्म रवैए पर सख्ती दिखाते हुए अमरीका ने एम.एम.एल. को एक विदेशी आतंकवादी गिरोह तथा इसके 7 सदस्यों को विदेशी आतंकवादी घोषित कर दिया है।

पाकिस्तान में बिना रोक-टोक के गतिविधियां चला रहे तहरीक-ए-आजादी-जम्मू एंड कश्मीर (टी.ए.जे.के.) को भी अमरीका ने आतंकवादी गिरोहों में शामिल किया है जिसे लश्कर-ए-तैयबा का एक विभाग बताया जाता है। जहां ट्रंप प्रशासन ने हाफिज सईद की प्रस्तावित पार्टी को विदेशी आतंकी गिरोह घोषित करके पाकिस्तान को झटका दिया है, वहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 3 अप्रैल को आतंकवादियों और आतंकवादी गिरोहों की एक सूची जारी की है। इसमें वे 139 लोग शामिल हैं जो पाकिस्तान में रह रहे हैं, वहां से संचालित हो रहे हैं या फिर ऐसे गिरोहों से जुड़े हैं जो आतंकवादी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान की धरती का इस्तेमाल करते हैं। 

इस सूची में हाफिज और भारत में कई मामलों में वांछित अंडर वल्र्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का नाम भी शामिल है। हाफिज का नाम इस सूची में ऐसे आतंकवादी के रूप में शामिल किया गया है जिसे अनेक आतंकवादी घटनाओं में संलिप्त होने के कारण इंटरपोल तलाश कर रहा है। अमरीका का हाफिज की पार्टी को विदेशी आतंकवादी गिरोह घोषित करना और संयुक्त राष्टï्र सुरक्षा परिषद की सूची में अनेक पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों और आतंकवादियों के नाम शामिल करने से स्पष्टï है कि विश्व समुदाय में पाकिस्तान की इज्जत तेजी से घट रही है जो कुछ समय पूर्व अमरीका के जे. एफ. के. हवाई अड्डों पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी के कपड़े उतरवाकर तलाशी लिए जाने से स्पष्टï है। किसी देश के प्रधानमंत्री के इस तरह के अपमानजनक अनुभव से गुजरने का यह पहला मौका है। अत: अभी भी यदि पाकिस्तानी शासकों ने अपना रवैया न बदला  तो उन्हें और अधिक कटु अनुभवों और प्रतिबंधों के लिए तैयार रहना होगा। 

विश्व समुदाय द्वारा समझाने के बावजूद पाकिस्तानी शासक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे और इस बात को समझ नहीं रहे हैं कि अमरीका और संयुक्त राष्ट्र इसकी हरकतों को लेकर अत्यधिक नाराज है। लगता है कि यदि पाकिस्तानी शासकों ने हाफिज सईद जैसे आतंकवादियों को प्रोत्साहन देना बंद न किया तो कहीं हाफिज का हाल भी आतंकवादी ओसामा बिन लाडेन जैसा न हो जिसे अमरीका ने पाकिस्तान में सैनिक कार्रवाई करते हुए 2 मई, 2011 को मार गिराया था।—विजय कुमार

  


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